यह भी जानें

-2010 में बना था प्लांट

-2013 में शुरू हुआ था प्लांट

-2012 में हुआ था प्लांट का इनॉग्रेशन

-2014 में बंद हो गया प्लांट

-2011 में नोएडा की एजेंसी से हुआ था करार

-20 सालों तक एजेंसी को चलाना था पलांट

- रजऊ परसपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट हो गया कंडम

- जनरेटर हो गया चोरी, अब नई जगह प्लांट लगाने की हो रही तैयारी

बरेली: काफी जद्दोजहद के बाद रजऊ परसपुर में 13 करोड़ 86 लाख रुपए से बनाए गया था, लेकिन यह सालभर भी नहीं चला। पुराना प्लांट धूल फांक रहा है। मशीनों में घास उग आई है और जनरेटर चोरी हो गया है। यह रुपए नगर निगम के होते तो शायद यह दशा नहीं होती लेकिन पब्लिक का पैसा है तो इसको ऐसे ही छोड़ दिया। वहीं अब नगर निगम नई जगह पर प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है। फ्राइडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने प्लांट का रियल्टी चेक किया तो प्लांट के कंडम होने का खुलासा हुआ।

एक साल बाद ही बंद

पूर्व मेयर रहे सुभाष पटेल के कार्यकाल में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने के लिए 13.86 करोड़ का बजट जारी हुआ था। 2010 में प्लांट रजऊ परसपुर में बनकर तैयार हुआ। प्लांट का इनॉग्रेशन साल 2012 में पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खां ने किया। जिसके बाद साल 2013 से कूड़ा निस्तारण की शुरुआत हुई, लेकिन एक साल बाद साल 2014 में प्लांट बंद हो गया।

एजेंसी ने भी खडे़ किए हाथ

रजऊ परसपुर प्लांट के संचालन के लिए नोएडा की एजेंसी एकेसी डेवलपर्स के साथ नगर निगम ने साल 2011 में बीस साल का करार किया था। लेकिन बीच में ही एनजीटी ने आपत्ति लगा दी। जिसके बाद एजेंसी काम छोड़कर भाग गई। तब से प्लांट बंद पड़ा है।

जर्जर हो गई मशीनें

फरीदपुर हाईवे स्थित रजऊ परसपुर में जहां प्लांट बना हुआ है। लंबे समय से निगम अफसरों ने इस ओर ध्यान नही दिया जिस कारण प्लांट कंडम होने की कगार पर आ चुका है। हैरत की बात तो यह है यहां संचालन के लिए लगाया गया ट्रांसफार्मर तक चोरी हो गया है। वहीं कई उपकरणों पर घास तक उग आई है।

रात में नहीं कोई सिक्योरिटी

निगम की ओर से प्लांट में उपकरणों की रखवाली के लिए जो गार्ड तैनात किया गया है। वह भी दिन में एक या दो बार बाहर से ही प्लांट पर नजर डालकर फरार हो जाता है। वहीं रात में यहां सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

मैंने बताया पर कोई नहीं आया

पिछले तीन सालों से यहां तैनात हूं लेकिन रात में आवारा जानवरों के डर से नही आता हूं, पिछले महीनों में ट्रांसफार्मर भी चोरी हो गया है। आसपास के लोगों से पूछताछ की लेकिन किसी को कोई जानकारी नही थीं कई बार यहां आया तो कुछ बाहरी लोग प्लांट के पास मिले थे मेरे आने की आहट पाकर भाग गए। इसकी सूचना निगम में दी थी लेकिन कोई नहीं आया।

शासन और एनजीटी के आपत्ति के बाद से प्लांट बंद है। फिलहाल प्लांट की हालत जर्जर है। अगर हालात और भी बिगड़े हैं तो यह चिंता का विषय है। टीम भेजकर प्लांट का निरीक्षण कराकर यहां मिलने वाली अनियमितताओं से शासन को अवगत कराया जाएगा।

ईश शक्ति कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त।