बरेली (ब्यूरो)। शहर की टै्रफिक व्यवस्था को बेपटरी करने में ऑटो और ई-रिक्शा सबसे बड़ा रोल है। इन पर लगाम कसने में ट्रैफिक पुलिस से लेकर प्रशासन तक लाचार नजर आता है। यही वजह है दिनोंदिन बढ़ते ऑटो औ ई-रिक्शा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए चैलेंज बने हुए हैं। इनकी मनमानी पर लगाम कसने के लिए ट्रैफिक पुलिस तरह-तरह की कोशिश कर चुकी है, पर यह कोशिश कभी सफल नहीं हो सकी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने बेहतर हो ट्रैफिक सिस्टम अभियान के अंतर्गत थर्सडे को चौपुला चौराहा और पटेल चौक पर इन वाहनों की मनमानी का रियलिटी चेक किया। हमारी टीम को मौके पर हालात कैसे मिले, इस रिपोर्ट में आप भी जानिए रियल पोजिशन

चौपुला चौराहा: दोपहर 12 बजे
रामपुर और बदायूं की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए चौपुला चौराहा पर दोपहर को 12 बजे पुलिस पिकेट खड़ी नजर आई.यहां ट्रैफिक पुलिस की इंटरसेप्टर भी फ्लाईओवर के नीचे खड़ी थी। इसके बाद भी ऑटो चालक अपनी मनमानी पर उतारू नजर आए। यहां ऑटो चालक रोड पर ही ऑटो की डबल रो लगाए हुए थे। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी इनकी अनदेखी करते नजर आए।

पटेल चौक: दोपहर 1:00 बजे
पटेल चौक पर स्काई वॉक का निर्माण चल रहा है। निर्माण के बीच ही ऑटो चालकों ने यहां अपने ऑटो भी रोक लिए थे। इससे वहां पर निकलने वालों को भी समस्या हो रही थी। यहां पर पुलिस चौकी भी है, उसके बाद भी ऑटो चालक मनमानी करते रहते हैं। चौकी के सिपाही भी इन ऑटो वालों की मनमानी पर गौर नहीं करते हैं। यही वजह है कि यहां ऑटो वाले जहां चाहे वहां खड़े हो जाते हैं और सवारियों के लिए आपस में झगड़ा करने पर भी उतारू हो जाते हैं।

पेड ऑटो व्यवस्था ठप
रेलवे जंक्शन से रात में अपने घर जाने वाले पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए कुछ वर्ष पहले जीआरपी की ओर से पेड ऑटो सर्विस शुरू की गई थी। इस जंक्शन पर व्यवस्था के तहत पैसेंजर्स जीआरपी के बूथ से पेड ऑटो बुक करते थे और सुरक्षित अपने घर पहुंच जाते थे। ऑटो की डिटेल जीआरपी के पास होने से उसका चालक पैसेंजर्स के साथ कोई भी गलत हरकत करने की सोच भी नहीं सकता था। यह व्यवस्था कुछ समय तक तो चली, पर बाद में जीआरपी ने ही इस व्यवस्था से मुंह मोड़ लिया।

रात में मनमानी वसूली
रात में जंक्शन से घर जाने वाले पैसेंजर्स से ऑटो वाले मनमाना किराया वसूलते हैं। पैसेंजर्स के पास इनकी मनमानी को स्वीकार करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता है। रात में ऑटो वालों की मनमानी का कमोबेश हर जगह यही हाल है। हालांकि शहर में चलने वाले ऑटो के हर रूट का किराया निर्धारित किया गया है, इसे कोई ऑटो वाला फॉलो नहीं करता है।

सिटी में देहात परिमिट के भी ऑटो
परिवहन विभाग ऑटो चालकों को देहात और सिटी के परमिट जारी करता है। देहात परमिट और सिटी परमिट वाले ऑटो का कलर भी डिपरेंट किया गया है। इसके बाद भी देहात परमिट वाले येलो कलर के ऑटो शहर में दौड़ रहे हैं। कई देहात परमिट के ऑटो वालों ने अपने ऑटो का कलर ग्रीन कर लिया है। ग्रीन कलर शहर परमिट वाले ऑटो का है। इससे शहर में दौड़ रहे देहात परमिट के ऑटो पहचाने नहीं जाते हैं। यह बात दिगर है कि ट्रैफिक पुलिस को इसका भान होता है।

बोले जिम्मेदार
शहर में जहां पर ऑटो व्यवस्था ठीक नहीं है वहां पर ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था को ठीक कराने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अब जल्द ही ऑटो वालों के लिए नए रूट निर्धारित किए जाएंगे ताकि कहीं पर भी ऑटो वाले जाम न लगा सकें। इसके लिए स्टैंड भी निर्धारित किए हैं।
राममोहन सिंह, एसपी ट्रैफिक