खुद के लिए पूरी security

सिटी में सबसे बड़ा मॉल पीलीभीत बाईपास पर बना फीनिक्स मॉल है। इसके अलावा सिविल लाइंस में अयूब खां चौराहे के पास विशाल मेगा मार्ट है। इन दोनों जगहों पर शॉपिंग और घूमने के लिए डेली हजारों लोग जाते हैं, लेकिन दोनों जगह पब्लिक की सिक्योरिटी के प्रॉपर इंतजाम नहीं हैं। हां, इतना जरूर है कि अपने सामान और प्लेस की सुरक्षा के लिए दोनों जगह पुख्ता इंतजाम हैं। पूछने पर इतना कह दिया जाता है कि पुलिस अक्सर यहां विजिट करती है। बस खुलकर ये नहीं बोलते कि पुलिस वीआईपी मूवमेंट के लिए विजिट करती है। सिक्योरिटी के साथ-साथ यहां फायर फाइटिंग के इंतजाम भी नहीं हैं।

फीनिक्स मॉल-

फीनिक्स मॉल के अंदर शॉपिंग कांप्लेक्स के साथ-साथ मल्टीप्लेक्स भी है। बिग बाजार है। मॉल का एरिया 5 लाख स्क्वॉयर फिट है। इसमें डेली 15-20 हजार लोगों का फुट फॉल है। यही नहीं वीकेंड पर ये नंबर डबल से ट्रिपल तक पहुंच जाता है। मॉल में भी इंट्री और एग्जिट एक ही जगह पर है।

ये किए गए हैं इंतजाम

मॉल में सिक्योरिटी के लिए 65 प्वॉइंट बनाए गए हैं, जहां गाड्र्स तैनात हैं। मॉल में 65 सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी करते हैं। इसके अलावा 5 बाउंसर हैं। 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ट्यूजडे को जब आई नेक्स्ट ने मॉल में गार्ड और सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो सभी वर्किंग कंडीशन में मिले।

किसी के पास नहीं गन

गार्ड, बाउंसर और सीसीटीवी कैमरे मॉल के अंदर रखे सामान की सिक्योरिटी के लिए हैं, पर किसी भी गार्ड और बाउंसर के पास गन नहीं है। पब्लिक की इंट्री के लिए मेन रोड से एक गेट बनाया गया है। यहां पर डोर फ्लोर मेटल डिटेक्टर लगाया गया है। मेटल डिटेक्टर से निकलने के बाद गार्ड चेकिंग करते हैं। गाड्र्स के पास भी गन नहीं रहती। बस रात में दो गनमैन की ड्यूटी लगाई जाती है। वह भी सिर्फ मॉल की सिक्योरिटी के लिए।

गाडिय़ों की चेकिंग नहीं

मॉल में आने वाली गाडिय़ों की भी चेकिंग नहीं होती। कार गेट से अंदर इंट्री करती है तो उसे बैरियर पर रोका जाता है पर सिर्फ टोकन देने के लिए। ना तो कार को किसी मेटल डिटेक्टर से चेक किया जाता है और न ही सर्च मिरर से ओपेन कर देखा जाता है।

पिकेट सिर्फ नाम की

फीनिक्स मॉल के बाहर पुलिस की पिकेट बनी हुई है, लेकिन यहां पर इज्जतनगर की चौकी बैरियर नंबर 2 से पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। पिकेट सिर्फ नाम की ही है। यह अक्सर खाली रहती है। ट्यूजडे को एक घंटे तक चेकिंग के दौरान एक भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आया। जब भी कोई वीआईपी आता है, तो सभी पुलिसकर्मी मुस्तैद होकर खड़े हो जाते हैं। मॉल एडमिनिस्ट्रेशन ने पुलिस को सिक्योरिटी मैप तक प्रोवाइड नहीं कराया है। पुलिस ने भी इसे लेने की जहमत नहीं उठाई.  इस बाबत पुलिस से पूछा गया तो उन्होंने मैप लेने की बात कही।

ग्राउंड पर एक इमरजेंसी गेट

मॉल में फायर फाइटिंग के प्रॉपर अरेंजमेंट्स के दावे किए गए हैं लेकिन इसमें भी लूप होल्स नजर आते हैं। मॉल एडमिनिस्ट्रेशन की मानें तो हर फ्लोर पर चार इमरजेंसी गेट बनाए गए हैं, पर ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ दो ही गेट हैं। ये वही गेट हैं जहां से इंट्री और एग्जिट करते हैं। इससे साफ है कि अगर आग लग जाए तो पब्लिक ऊपर से नीचे तो आ जाएगी लेकिन फिर निकलना काफी मुश्किल होगा।

however gun not allowed

वैसे तो मॉल के अंदर किसी भी तरीके से हथियार ले जाना अलाउ नहीं है। लेकिन कस्टमार आ गया तो उसे वापस भी नहीं जाने देना है। इसलिए हथियार चेक कर महज इंट्री करने की खानापूर्ति कर ली जाती है। फिर चाहे वह व्यक्ति हथियार के साथ अंदर कुछ भी करे। एडमिनिस्ट्रेशन इस बात को स्वीकार करता है कि हर कोई अपना रुतबा दिखाता है इसलिए झगड़ा करने से बचते हैं।

मैं अक्सर मॉल में विजिट करने आता हूं। इंट्री गेट पर हमारी प्रॉपर तरीके से चेकिंग की गई। गाड्र्स भी मौजूद हैं। मुझे लगता है कि सिक्योरिटी ठीक है।

नवीन, बिजनेसमैन

मॉल में गार्ड बस नाम के लिए खड़े हैं। सामान की चेकिंग तो वह करते हैं, लेकिन किसी आने-जाने वाले की नहीं। मैं दूध का एक डिब्बा लाया था, उसे किसी ने चेक नहीं किया। उसमें कोई भी एक्सप्लोसिव ला सकता है। मैं यहां के सिक्योरिटी इंतजाम से संतुष्ट नहीं हूं।

प्रवीन, सर्विस पर्सन

मॉल में सिक्योरिटी के लिए गार्ड लगाए गए हैं। इंट्री गेट पर चेकिंग भी होती है। हालांकि गन मैन नहीं हैं। मुझे नहीं लगता कि बरेली में टेररिस्ट अटैक होगा। मैं खुद को मॉल में सिक्योर फील करता हूं।

अर्जुन, बिजनेसमैन

बिग सिटीज की तरह यहां मॉल में कोई सिक्योरिटी इंतजाम नहीं हैं। कोई भी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है। मैं यहां खुद को सेफ फील नहीं करती।

ईशा, कैनेडियन लेडी

मॉल की तरफ से पब्लिक सिक्योरिटी के प्रॉपर इंतजाम किए गए हैं। 65 गाड्र्स और 64 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इमरजेंसी गेट हैं। हालांकि गनमेन नहीं हैं। पुलिस भी विजिट करती रहती है। कुछ दिन पहले मॉल में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने मॉक ड्रिल भी की थी।

रोहित अग्रवाल, मॉल मैनेजर

विशाल मेगा मार्ट

विशाल मेगा मार्ट में भी सिक्योरिटी सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही की गई है। यहां भी गाड्र्स पब्लिक नहीं बल्कि अपने सामान की सिक्योरिटी के लिए रखे गए हैं। विशाल मेगा मार्ट का एरिया 25 हजार स्क्वॉयर मीटर है। मेगा मार्ट में इंट्री व एग्जिट के दो गेट बनाए गए हैं। लेकिन गेट पर डोर फ्लोर मेटल डिटेक्टर ही नहीं लगाया गया है। इसके अलावा हैंड हैंडिल मेटल डिटेक्टर से भी हमेशा चेकिंग नहीं की जाती है। जबकि यहां भी डेली हजारों लोगों का आना-जाना रहता है।

Fire fighting fail

मेगा मार्ट में सिक्योरिटी के लिए 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा 7 गाड्र्स की तैनाती की गई है। हालांकि किसी भी गार्ड के पास गन नहीं है। यहां तक कि उनके पास डंडा तक नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि अगर यहां कोई बड़ी वारदात होती है तो उससे निपटने के इंतजाम नहीं किए गए हैं। पुलिस को सिक्योरिटी और मार्ट का मैप नहीं दिया गया है और ना ही पुलिस ने इसे लेने की जहमत उठाई है। हां इतना जरूर है कि पुलिसकर्मी अपनी जरूरत के हिसाब से यहां विजिट कर लेते हैं। इसके अलावा अगर यहां आग लग जाती है तो उसके लिए कोई भी अरेंजमेंट नहीं किए गए हैं। यहां का फायर फाइटिंग सिस्टम फेल है। फायर डिपार्टमेंट ने इस संबंध में इन्हें नोटिस भी भेजा था।

'फीनिक्स मॉल में फायर फाइटिंग सिस्टम ठीक है। यहां मॉक ड्रिल भी की जा चुकी है। वहीं विशाल मेगा मार्ट में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है। नोटिस भेजा गया है। मार्ट ने एक महीने का टाइम मांगा है.'

विवेक शर्मा, चीफ फायर ऑफिसर

'मॉल्स और शॉपिंग कांप्लेक्स में सिक्योरिटी के प्रॉपर इंतजाम के लिए मॉक ड्रिल की गई थी। इस संबंध में सभी को प्राइवेट सिक्योरिटी के लिए कहा गया है। गनमैन भी सिक्योरिटी के लिए रखने चाहिए। फीनिक्स मॉल की सिक्योरिटी के लिए पिकेट लगाई गई है। अगर पुलिसकर्मी एब्सेंट रहते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.'

त्रिवेणी सिंह, एसपी सिटी