बरेली(ब्यूरो)। टेक्नोलॉजी के इस युग में अधिकांश कार्य मोबाइल व लैपटॉप से ही किए रहे हैैं। इससे दैनिक कार्यो को करने में जितनी आसानी हो रही है, उतना ही यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है। ऑफिस का काम हो या फिर ऑनलाइन पढ़ाई, इन सबका भार आंखों पर पड़ रहा है। इसलिए इन दिनों जिला अस्पताल में आंख संबंधी समस्याओं को लेकर पहुंचने वालों में युवाओं की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल में रोज करीब 250 पेशेंट्स पहुंच रहे हैैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वैसे तो उम्र के साथ आंखें कमजोर हो जाती हैैं। लेकिन, वर्तमान में टैक्नोलॉजी पर निर्भरता और पौष्टिक आहार की कमी के कारण समय से पूर्व ही युवाओं की आंखें कमजोर हो रही हैैं।

काम के बीच में लें ब्रेक
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ। एके गौतम बताते हैैं कि ऑनलाइन वर्क, गेमिंग व अन्य कारणों से युवाओं की आई साइट कमजोर हो रही है। कार्य को पूरा करते-करते लोग लंबे समय तक ब्रेक नहीं लेते हैैं। यह हैबिट आंखों के लिए नुकसानदेह है। आंखों को बीच-बीच में ब्रेक देना चाहिए। कोविड के बाद लोग कंप्यूटर व फोन पर ज्यादा समय देने लगे हैैं। इससे समस्या पैदा हो रही है। फोन की स्क्रीन अधिक नुकसानदेह है, छोटे बच्चे से लेकर बड़ों तक लगातार बिना पलक झपके लोग स्क्रीन को देखते रहते हैैं। जल्दी देखने के चक्कर में लोग पलक झपकने के नेचरूल प्रोसीजर को प्रभावित करते हैैं। इसके साथ ही आजकल मौसम के कारण भी आंखों में एलर्जी की समस्याएं बढ़ रही हैं।

होने लगती हंै समस्या
लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में ड्राइनेस होने लगती है। टीयर फिल लूब्रीकेशन डिस्टर्ब होता है। आंखों पर स्ट्रेन पडऩे लगता है, इचिंग, रेडनेस जैसी समस्याओं होने लगती हैं। इसके साथ ही ब्लरिंग होने लगती है।

डायट का रखें ध्यान
आंखों की कमजोरी बदलते खानपान के कारण भी हो रही है। आजकल लोग पिज्जा, बर्गर, मोमोज आदि खाने में ज्यादा रूचि लेते हैैं। जबकि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हरी सब्जियां, सोयाबीन, बादाम, मछली, अंडे आदि का सेवन करना काफी हद तक सुरक्षित माना जाता है।

ब्लू कट वाले, भ्रम न पालें
ब्लू लेंस चश्मा लगाने वाले अक्सर लंबे समय तक लगातार डिवाइस स्क्रीन पर कार्य करते रहते हैैं। यह ठीक बात है कि ब्लू लेंस चश्मा को इस्तेमाल करने से आंखों पर पडऩे वाले खतरनाक यूवी रेज, खतरनाक ब्लू वॉयलेट हाई एनर्जी रेज से बचाता है। साथ ही वर्क करते हुए भी कंफर्टेवल फील कराता है। लेकिन, अगर लंबे समय तक ब्लू लेंस चश्मा लगाकर कार्य किया जाए तो इससे भी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए कार्य करते समय बीच-बीच में ब्रेक लेना बहुत जरूरी होता है।

वर्जन
अधिक समय पर स्क्रीन पर बिना ब्रेक के काम करना आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। युवाओं में ऑनलाइन वर्क व अन्य कारणों से आईसाइट कमजोर होने की समस्या सामने आ रही हैैं। साथ ही इन दिनों मौसम में बदलाव के साथ आई इंफेक्शन की समस्या हो रही हैैं।
-डॉ। एके गौतम, नेत्र रोग विशेषज्ञ


यूं करें देखभाल
- आंखों को काम करते-करते कम से कम 10 मिनट रेस्ट जरूर देना चाहिए।

-आंखों को बार-बार रगडऩा नहीं चाहिए।

-समस्या होने पर खुद इलाज करने की कोशिश न करें।

- आंखों की किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

-ड्रायनेस की समस्या न हो, इसके लिए एसी के फ्लो व कूलर की हवा को सीधे आंखों में नहीं पडऩे दें।

-आंखों को नुकसान देने वाले नुकीले खिलौनों को दूर रखें

-लिमिट में करें फोन का इस्तेेमाल, पलकों को भी कार्य करते समय झपकते रहें।