- जिले में 43 केंद्रों पर दो पालियों में हुई प्रारंभिक अर्हता परीक्षा

- नकल विहीन परीक्षा कराने को सीसीटीवी कैमरों से की गई निगरानी

फैक्ट एंड फिगर

38, 458-परीक्षार्थी थे रजिस्टर्ड

4,699 परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित

43-सेंटर्स पर हुआ एग्जाम

2-पालियों में हुआ एग्जाम

16,847- परीक्षार्थी पहली पाली में रहे उपस्थित

2,388-परीक्षार्थी पहली पाली में रहे अनुपस्थित

16,912 परीक्षार्थी दूसरी पाली में रहे उपस्थित

2,311 परीक्षार्थी दूसरी पाली में रहे अनुपस्थित

बरेली : उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) जिले में 43 केंद्रों पर आयोजि की गई। परीक्षा में 38, 458 परीक्षार्थियों को शामिल होना था, जिसमें 4,699 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। सुबह दस बजे से बारह और फिर तीन से पांच बजे तक दो पालियों में परीक्षा संपन्न हुई।

दो पालियों में हुई परीक्षा

भले ही प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव को हर संभव तैयारियां क्यों न की गई हों। लेकिन, हाजारों की संख्या में पहुंचे छात्रों की भीड़ के चलते कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं हो सका। पहली में पाली में 16,847 परीक्षार्थी उपस्थित व 2,388 अनुपस्थित रहे। वहीं दूसरी पाली में 16,912 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी और 2,311 गैरहाजिर रहे। परीक्षा केंद्र में प्रवेश देने से पहले परीक्षार्थियों को थर्मल स्क्री¨नग और सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। वहीं नोडल अधिकारी व एडीएम सिटी महेंद्र सिंह, डीआईओएस डा। अमरकांत सिंह ने सेक्रेड हा‌र्ट्स स्कूल, भारत इंटर कालेज, मनोहर भूषण इंटर कालेज आदि परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षक किया। इसके अलावा सुरक्षा-व्यवस्था के लिहाज से सभी केंद्रों पर पुलिसकर्मी तैनात रहे।

पहचान पत्र दिखाकर प्रवेश

नोडल अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि काफी परीक्षार्थी प्रवेश पत्र लाना ही भूल गए ऐसे में अभ्यर्थियों के प्रवेश में दिक्कतें आती रहीं। लेकिन, बाद में फिर आधार कार्ड और अन्य अभिलेखों के आधार पर छात्र की पहचान कर उसे प्रवेश दिया। सभी केंद्रों पर कोरोना संभावित परीक्षार्थी के बैठने के लिए अलग कक्ष की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इस तरह का कोई परीक्षार्थी नहीं पहुंचा।

स्कूल प्रशासन ने जताई नाराजगी

पीईटी की परीक्षा आयोजित कराने के लिए जिले के कई माध्यमिक स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया। इसके लिए छात्रों की संख्या के अनुसार प्रति छात्र स्कूल प्रबंधन को पचास रुपए देने की बात तय हुई, लेकिन एक मात्र कुंवर रंजीत सिंह इंटर कालेज को छोड़ किसी स्कूल को निर्धारित धनराशि नहीं दी गई। सभी स्कूलों को 25 रुपए के हिसाब से पैसा दिया गया। मनोहर भूषण इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा। मनोज ने कहा कि यह जिला प्रशासन की दोहरी व्यवस्था है। इस तरह से कालेज के स्टाफ को परेशानी होती है। वहीं एसवी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा। संदीप इंदवार ने कहा कि निर्धारित रुपए देने चाहिए। अन्यथा की स्थिति में कोई भी परीक्षा कराना संभव नहीं होगा।

परीक्षार्थियों की आंखों से छलके आंसू

दूर जिलों से पीईटी की परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थियों को देरी से आने पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं मिला। इस दौरान परीक्षार्थी प्रवेश देने के लिए मौजूद पुलिस फोर्स व अन्य लोगों से मदद की गुहार लगाते रहे। गजरौला से आए नितिन गोस्वामी ने बताया कि वह साढ़े नौ बजे केंद्र पर पहुंच गए। लेकिन, उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। बरेली की ही रहने वाली विद्या ने बताया कि वह 9:25 पर परीक्षा केंद्र पर पहुंच गईं। मगर, तब तक गेट बंद हो चुका था। मेरी तैयारी पूरी थी, अब पूरा साल बेकार हो गया यह कहते हुए उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।

क्या बोले परीक्षार्थी

प्रश्न पत्र काफी आचन देखकर अच्छा लगा लेकिन कुछ क्वेश्चन जरूरत कठिन लगे। लेकिन फिर भी चैसतन पेपर अच्छा रहा।

रंजीत

करेंट अफेयर्स में क्वेश्चंस इजी थे जिन्हें हल करने में अधिक समय तो नहीं लगा। इसमें वैक्सीन से रिलेटेड भी क्वेश्चन थे। एग्जाम पेपर चे बहुत ही अच्छा रहा।

नीतू रानी