-झारखंड से 14 जनवरी को घर से भाग था 12 वर्षीय किशोर, पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सौंपा

-परिजनों की जानकारी होने के बाद भी अभी तक नहीं भेजा गया घर, अब परिजन भटक रहे

बरेली: मेरा बेटा गुरुवार यानि आज तो मुझे मिल ही जाएगा भगवान से दुआ करती हूं। अब मैं थक चुकी हूं, क्योंकि पूरा दिन और रात यहीं खुले आसमान में पेड़ के नीचे ही या फिर मंदिर के आगे लेटकर समय गुजार रही हूं। यह बाकया जंक्शन पर 22 जनवरी से अपने खोए हुए बेटे को लेने के लिए झारखंड से बरेली पहुंची एक महिला का है। बेटे को लेने के लिए जंक्शन पहुंची महिला के साथ दो अन्य महिलाएं भी हैं जो जमानत लेने के लिए आई हैं। महिला का कहना था कि जब बच्चा देरी से मिलना तो इतनी जल्दी चाइल्ड लाइन को कॉल करके नहीं बुलाना चाहिए था।

दो अन्य महिलाएं भी हैं साथ

झारखंड के जिला साहिबगंज में तीन पहाड़ निवासी शिमली देवी पत्नी विजय माथुर ने बताया कि उनके तीन बच्चे हैं। दूसरे नम्बर का 12 वर्षीय बेटा परवीन कुमार घर से नाराज होकर 14 जनवरी को किसी के साथ भाग आया। बरेली से सूचना मिली कि परवीन बरेली चाइल्ड लाइन के पास है, बताया गया कि बच्चा झारखंड पहुंचा दिया जाएगा। इसी बीच चाइल्ड लाइन से ही सूचना दी गई कि आप अपने बच्चा को लेने के लिए बरेली आ जाइए, और अपने साथ दो गवाह नमिता और लीला को भी साथ लेकर 22 जनवरी को बरेली पहुंच गई लेकिन उसके बाद भी बच्चा नहीं मिल सका। शिमली ने बताया कि पति राज मिस्त्री का काम करते हैं। वह घर से 6 हजार रुपए लेकर साथ आई थी लेकिन अब उसके सभी रुपए खाने पीने में ही खर्च हो गए हैं। अब उसे किराए के लिए फिर से रुपए मंगवाने होंगे तभी वह घर पहुंच पाएगी।

बच्चे को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। बरेली सीडब्ल्यूसी में मंगलवार और गुरुवार को कोरम पूरा होता है। इस बार मंगलवार को 26 जनवरी थी, अब गुरुवार को कोरम पूरा होते ही उसकी मां के लिए बच्चा सौंपा जाएगा।

डॉ। डीएन शर्मा, सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट

झारखंड का एक बच्चा मिला था उसे सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट ने तो झारखंड के लिए बच्चा भेजने को कहा था। लेकिन रिजर्वेशन न मिल पाने के चलते प्रॉब्लम हो रही है। इसी बीच टीम मेंबर्स से बच्चे के परिजनों से बात हुई तो वह बरेली आ गए। अब उनका बच्चा उन्हें सुपुर्द हो जाएगा।

अनीस अहमद जहांगीरी, चाइल्ड लाइन डायरेक्टर