-हिन्दी दिवस पर शहर में कई जगह हुए कार्यक्रम

बरेली : हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है और इसे ही अपना गौरव समझना चाहिए, ताकि हिंदी को द्वितीयक भाषा के रूप में न समझा जाए। एमजेपीआरयू में हुए वेबिनार के माध्यम से हिन्दी दिवस के अवसर पर कही। हिन्दी को राजभाषा का दर्जा भी दिया गया था जो आज भी कायम है। मगर इन 72 सालों में हिंदी अपने उस गौरव को पा नहीं सकी है जिसकी वो हकदार है। आखिर क्या वजह रही थी कि हिंदी राजभाषा पद पर शोभायमान होने के बावजूद उपेक्षित हो कर रह गई है।

सिमट कर रह गई राष्ट्रभाषा

आज अगर नजर डालें तो पाते हैं कि हिंदी सिर्फ गरीब की झोपड़ी तक सिमट कर रह गई है। रसूखदार और अमीर लोग हिंदी में बोलना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं उन्हें लगता है कि अंग्रेजी में बात करने से ही उनका रोब बढ़ता है। यही मानसिकता आज तक हिंदी को उपेक्षा का शिकार बनने पर मजबूर किए हुए है। इस मानसिकता को त्यागें, हिंदी को उसका गौरव दिलाएं। युवाओं को देखिए उन्हें लगता है जब तक वे अपनी सामान्य बातचीत में भी अंग्रेजी के शब्दों का उपयोग नहीं करेंगे तब तक उनकी बातों में असर पैदा नहीं होगा। यही सोच बदलने की जरूरत है। अगर ये प्रयास इसी तरह संगठित हो कर चलते रहे तो निश्चित ही ये राष्ट्रभाषा के लिए बहुत अच्छा होगा। उम्मीद करते हैं आने वाला समय हिंदी के लिए उसके गौरव के पुनस्र्थापना का समय होगा। कार्यक्रम में एमजेपीआरयू के एनएसएस छात्र मोहित के साथ अन्य छात्र भी मौजूद रहे।

एसआर के बच्चों ने मनाया हिन्दी दिवस

एसआर इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने मंडे को वेबिनार कर हिन्दी दिवस मनाया। बच्चों ने हिन्दी को प्रतिष्ठित बनाने वाले महापुरुषों के विचारों पर आधारित पोस्टर बनाए और उन्हें शेयर किया। शिक्षिका दीपिका ने बच्चों को बताया कि हिन्दी पूरे देश को एक सूत्र में जोड़ने वाली भाषा है। यह हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। इसके अलावा बच्चों ने फ‌र्स्ट एड डे भी मनाया। इसमें बच्चों ने फ‌र्स्ट एड किट बनाई, जिसमें आकस्मिक स्थिति के लिए जरूरत की सभी चीजें रखीं। सभी को बताया कि फ‌र्स्ट एड किट होना कितना जरूरी है। कार्यक्रम में शिक्षिका कोमल, ममता, शुचि ने सहयोग किया।

पुस्तक का हुआ विमोचन

मानव सेवा क्लब द्वारा हिंदी दिवस पर मंडे को रामपुर गार्डन में सीए अनिल चौधरी के आवास पर प्रेरक बाल कथाएं पुस्तक का विमोचन और हिंदी सेवियों का उनकी हिंदी में उपलब्धियों के लिये सम्मान किया गया। कवि इंद्र देव त्रिवेदी ने हिंदी गीत बड़े ही मोहक ढंग से प्रस्तुत किया। अनिल चौधरी के रचित विमोचित पुस्तक में 23 बाल प्रेरक कथाएं हैं जिसमें भक्त प्रहलाद, भक्त ध्रुव, बाल हनुमान, एकलव्य, वीर अभिमन्यु, बालक भगत सिंह प्रमुख हैं। हिंदी में विशेष उपलब्धियों सरला चौधरी, मीरा मोहन, निर्भय सक्सेना, मधु वर्मा, अनिल चौधरी को उत्तरीय, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, इन्द्र देव त्रिवेदी, सुधीर मोहन, डॉ। अतुल वर्मा, अभय भटनागर, सुधीर मोहन ने सम्मानित किया।

अवंतीबाई में मनाया हिन्दी दिवस

अवंतीबाई महिला महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले जिला नोडल डॉ। अनु महाजन ने गरीब बच्चों को कॉपी, किताबें बांटी। इस अवसर पर वार्ड 16 के पार्षद अवनेश कुमार भी उपस्थित रहे। उन्होंने सभी बच्चों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं और उन्हें समाज में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। साक्षरता सप्ताह जो कि 8 सितंबर से 14 सितंबर तक मनाया जाता है उसका समापन भी किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों को हिंदी का महत्व समझाते हुए हिंदी की एक कविता का पाठ भी किया।

संगोष्ठी का हुआ आयोजन

हिन्दी दिवस पर शशी वेलफेयर सोसायटी की तरफ से ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें बताया गया कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है। मातृभाषा वह होती है जो बच्चा अपनी मां की गोद में रहकर सीखता है। इस मौके पर सोसायटी की महिलाएं भी मौजूद रहीं।

थैंक्स एप किया लांच

भारती एयरटेल ने अपने ग्राहकों को हिन्दी दिवस के अवसर पर आईवीआर और कस्टमर केयर सेवा में हिन्दी भाषा की सुविधा दी है। एप के माध्यम से हिन्दी सर्च करना आसान होगा। अगर परिवार के कई प्रोफाइल हिन्दी में हैं तो यहां पर लैंग्वेज ड्रापडाउन में जाकर हिन्दी सिलेक्ट करना होगा।