- मां-पिता और दो बहनों के कत्ल की आरोपित ने हर मौत की अलग वजह बताई

- बोली, बहन प्रेमी के साथ चली गई इस सदमे में पिता ने दम तोड़ा

- बीमारी से मां और गलत दवा खाने से छोटी बहन की मौत का रचा नाटक

बरेली : संपत्ति की खातिर मां, पिता और दो बहनों की हत्यारोपित महिला व उसका पति 16 महीने तक हत्याकांड पर पर्दा डाले रहा। इसके बाद उनकी संपत्ति हथियाने के लिए झूठी कहानी लेकर गांव पहुंच गए। एक बहन के प्रेमी के साथ चले जाने, उसके सदमे में पिता की मौत, बीमारी से मां और गलत दवा से दूसरी बहन की मौत की बात कही। रिश्तेदार व बटाईदार को पूरी कहानी में झोल लगा, जिसके बाद हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ।

बरेली के गांव पैगानगरी निवासी हीरालाल काफी समय पहले परिवार समेत उत्तराखंड के ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र के रुद्रपुर में बस गए थे। कुछ साल बाद उनकी बड़ी बेटी लीलावती ने रुद्रपुर में ही काम करने वाले मीरगंज के मूल निवासी नरेंद्र गंगवार से प्रेम विवाह कर लिया था। शुरुआती नाराजगी के बाद हीरालाल ने बेटी-दामाद को घर में ही रख लिया था। हालांकि बाद में संपत्ति मांगने पर विवाद हुआ तो दोनों पड़ोस में अपना मकान बनवाकर रहने लगे।

कोई भाई न होने पर लीलावती को पता था कि मां, पिता की सारी संपत्ति उसी को मिलेगी। पति ने इसके लिए उसे उकसाया, बात न बनने पर किरायेदार विजय के साथ मिलकर हत्या की योजना बना ली। 16 माह पूर्व तीनों ने मिलकर हीरालाल, उनकी पत्‍‌नी हेमवती, मझली बेटी दुर्गा और छोटी बेटी पार्वती की हत्या कर शव उन्हीं के घर में दफन कर दिए थे।

मकान, जमीन बिक्री की रकम पर नजर

चारों हत्याओं की भनक किसी को नहीं लगी तो दंपती बेफिक्र हो गए थे। मामला ठंडा होने के बाद अब संपत्ति व पिता के बैंक खाते में जमा जमीन बिक्री की रकम हड़पने की साजिश शुरू की। 25 अगस्त को दोनों गांव आए। लीलावती कस्बे की बैंक पहुंची, वहां मैनेजर से टोह ली कि रुपये किस तरह निकलेंगे। मैनेजर ने पिता को बुलाकर लाने की बात कही, जिस पर लौट गई। उसे अनुमान था कि खाते में करीब बीस लाख रुपये होंगे। दरअसल, हीरालाल ने एक मकान पर जमीन का हिस्सा बेचा था। उसी में से कुछ रुपयों से रुद्रपुर में मकान बनवा लिया, बाकी खाते में थे।

पूरी स्क्रिप्ट तैयार करके आए दोनों

दोनों ने पैगानगर में रहने वाले रिश्तेदार दुर्गाप्रसाद और बटाईदार कुंवरसेन से मुलाकात की। लीलावती ने मां, पिता और एक बहन की मौत तथा दूसरी बहन के प्रेमी के साथ जाने की बात बताई और पिता की संपत्ति के बारे में पूछा।

16 माह में तीन मौतें हो होने की सूचना गांव तक न आना, यह बात दुर्गाप्रसाद व कुंवरसेन को खटकी। एक दिन बाद वे चुपचाप रुद्रपुर पहुंच गए और हीरालाल के पड़ोसियों से पूछताछ की। कुछ अनहोनी की आशंका जताते हुए वहां की पुलिस को बताया। तब रविवार को तीनों आरोपित गिरफ्तार कर चारों कंकाल बरामद कर लिए गए। दुर्गा प्रसाद शनिवार देर शाम तक वहीं थे।