- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से शहर की दो वुमेंस ने शेयर की सक्सेस स्टोरी

सक्सेस के लिए सिर्फ सपना न देखें, काम करें क्योंकि बिना मेहनत के कोई भी ऐम हासिल नहीं किया जा सकता है। जो मन लगाकर दिन-रात मेहनत करता है, उसको एक दिन सफलता जरूर मिलती है। यह कहना है शहर की सक्सेस फुल वुमेंस का। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बहुत से लोग होते हैं जो करते कुछ नहीं है और ताने मारते रहते हैं कि उन्हें तो कुछ मिला ही नहीं। काम में फेल होने पर अक्सर लोग बोलते हैं कि मेरी तो किस्मत ही खराब है लेकिन ऐसे लोग ये कभी नहीं सोचते कि जो भी ऐम वो हासिल करना चाहते हैं इसके लिए उन्होंने पूरे मन से मेहनत नहीं की। इसलिए ऐम पाने के लिए मन लगाकर मेहनत करना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से देर से ही सफलता जरूर मिलती है।

शख्सियत से न करें समझौता

सफलता के लिए मेहनत करें। साथ ही अपनी शख्सियत से कभी भी समझौता न करें। यह कहना है बरेली कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। चारु मेहरोत्रा का। सिविल लाइंस की रहने वालीं डॉ। चारु मेहरोत्रा के पिता दिनेश कुमार मेहरोत्रा कॉर्पोरेटर और मां सुशीला मेहरोत्रा लेक्चरर थीं। वहीं बाबा स्व। शंकर लाल मेहरोत्रा भी बरेली कॉलेज में हिन्दी डिपार्टमेंट के टीचर थे। उन्हीं से इंस्पायर्ड होकर डॉ। चारु में टीचिंग का मन बना लिया।

आईएएस बनाना चाहते थे पिता

साल 1985 में बरेली कॉलेज से एमए करने के बाद डॉ। चारु ने यहीं से पीएचडी कंप्लीट किया। उन्होंने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि वह आईएएस बनें। इसलिए उन्होंने आईएएस की तैयारी शुरू कर दी लेकिन इसी बीच उन्होंने हायर एजुकेशन के लिए एग्जाम दिया और उनका सिलेक्शन आयोग के थू्र टीचिंग में हो गया। फ‌र्स्ट ज्वाइनिंग एटा में हुई। बताया कि दूसरी डिस्ट्रिक्ट में जॉब करने के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी हार नहीं मानी।

दूसरों को भी कर रहीं अवेयर

डॉ। चारु ने साल 1999 में बरेली कॉलेज ज्वॉइन कर लिया। बीसीबी में वह इंग्लिश डिपार्टमेंट की एचओडी हैं और लगातार दूसरों को भी एजुकेशन के लिए अवेयर कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मुश्किल कुछ भी नहीं है बस जरूरत होती है खुद को समझने की। अपनी काबिलियत पहचान कर मेहनत करने से सफलता जरूर मिलती है।