कई बार लोगों को यह गलतफहमी हो जाती है कि यूथ एग्रेसिव होते हैं। वे छोटी-छोटी बात पर लड़ाई करना स्टार्ट कर देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आज की यंग जेनरेशन प्रेम भी करती है, दोस्ती भी। बात जब आन पर आ जाए तो लडऩे से भी पीछे नहीं हटती। गलती होने पर वे एक-दूसरे को डांटते भी हैं। कई बार लोग बोल देते हैं कि ये लोग नादान हैं, कुछ समझते ही नहीं पर कई बार देखा गया है कि ये ही यूथ कई मौकों पर इतने समझदारी भरे निर्णय लेते हैं कि मैच्योर लोग भी देखते रह जाते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने कुछ ऐसे लोगों से बात की जो प्रेम जीवन में भी सफल रहे और आर्मी में रहते हुए भी अपने दायित्व को बखूबी निभा रहे हैं।


ऐसे हुआ प्यार
सिटी की रहने वाली पूजा विग बताती हैं कि युवा उम्र में मन में प्रेम की तरंगे हिलोरें मारती ही है। ऐसा हमारे साथ भी हुआ। जीवन के एक मोड़ पर अंकुर के साथ मेरी मुलाकात हुई औश्र आज वह मेरी बैटर हाफ हैं। हुआ यूं कि हम दोनों की पढ़ाई अलग-अलग जगह से हुई है, लेकिन हायर एजुकेशन बरेली कॉलेज से हुई है। यहां हमारे कई कॉमन फ्रेंड्स थे। ऐसे ही एक फ्रेंड ने अपने घर पर वेलनटाइन डे पार्टी रखी थी। वहां हम दोनों एक-दूसरे से मिले, दोनों दोस्त बने। धीरे-धीरे हमारी दोस्ती गहरी हो गई। वहीं मिलने के कुछ टाइम बाद ही अंकुर ने मुझे प्रपोज किया। आज भी हम वह दिन सेलीब्रेट करते हैं। हर दो अक्टूबर को अंकुर मुझे फूल देकर प्रपोज करते हैं और पुरानी मैमेारी को रीक्रिएट करते हैं। दोनों के प्यार को घर वालों ने भी स्वीकार किया और हमें सपोर्ट किया। इसके बाद यह लव मैरेज अरेंज्ड मैरिज में बदल गई।

प्रेम बिना कुछ भी नहीं लाइफ
नगर के ही अमित का कहना है कि प्रेम के बिना जीवन अधूरा होता है। उनकी लव स्टोरी उनके घर से ही स्टार्ट हुई। उनकी वाइफ सुनीता उनकी दूर की रिलेटिव हैं। वह उनके घर अपने एग्जाम की वजह से रुकने आई थीं। वहीं पहले मेरा एक दोस्त उन्हें पसंद करता था, जो आए दिन उनकी ही बातें किया करता था, लेकिन सुनीता के दिल में कुछ और ही था। वह मुझे पहले से ही पसंद करती थीं। जिस दिन सुनीता का लास्ट पेपर था, उस दिन मैंने उसे प्रपोज कर दिया। उन्होंने भी मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया। प्रपोज करने के अगले दिन ही वह अपने घर चली गईं। उसके बाद हम दोनों की सोशल मीडिया के जरिए बात होने लगी। उन्होंने बताया कि हम दोनों की मैरेज करवाने में सबसे बड़ा हाथ हमारी भाभी का है। उन्होंने हमारा पूरा साथ दिया। दोनों के घर वालों से बात की। इसके बाद हम दोनों की लव कम अरेंज्ड मैरिज हो गई।

प्रेम से बड़ी देश सेवा
आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात मनोज सिंह विष्ट बताते हैं कि जब हम युवा हेाते हैं तो हमारे मन में दो तरह का प्रेम पनपता है, एक देश के प्रति तो दूसरा किसी युवती के प्रति। मैंने देश प्रेम को चुना। मैं फौज में जाकर देश के लिए सेवा करना चाहता था। सौभाग्य से यह अवसर मुझे मिल भी गया, जिसके बाद मैं पूरी तरह देश के लिए समर्पित रह कर अपने कर्तव्य निर्वहन में लगा हूं। मनोज कहते हैं कि उन्होंने परिवार वालों की मर्जी से अरेंज्ड मैरिज ही की है, क्योंकि पढ़ाई और नौकरी में व्यस्तता के चलते उन्हें कभी प्रेम करने का अवसर मिला नहीं और न ही उन्होंने कभी इस दिशा में सोचने का प्रयास किया। उनकी दृष्टि में किसी भी रिश्ते से प्रेम करने से पहले देश भक्ति और देश प्रेम सर्वोपरि है। आज उनका भरा-पूरा परिवार है। ऐसा नहीं कि वह पत्नी या बच्चों अथवा पेरेंट्स प्रेम नहीं करते, लेकिन बात जब देश प्रेम की आती है तो इसके समक्ष बाकी सब गौण हो जाता है।