-25 मार्च से 2अप्रैल तक हैं नवरात्र

घट स्थापना मुहूर्त

प्रात: काल: 6:25 से 9:28 बजे तक, लाभ, अमृत के चौघडि़या में।

-पूर्वाह्न 11:05 से अपराह्न 12:44 बजे तक, शुभ के चौघडि़या में।

-अपराह्न 12:20 से 1:38 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त में।

-सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त समय: अपराह्न 12:20 से 12:44 बजे तक, शुभ एवं अभिजित मुहूर्त में

बरेली: चैत्र नवरात्र शुक्ल प्रतिपदा 25 मार्च बुधवार को शुरू हो रहे हैं। इस दिन सूर्योदय व्यापिनी है। इसी दिन प्रतिपदा सांय 5:27 बजे तक रहेगी। इस दिन ब्रह्मा योग अपराह्न 3:36 बजे तक रहेगा, जोकि शुभ योग माना है। बालाजी ज्योतिष संस्थान के पं। राजीव शर्मा ने बताया कि इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन रेवती नक्षत्र, शुभ फल देने वाला, भी होने के कारण घट स्थापना सूर्योदय के पश्चात उपरोक्त वर्णित शुभ के चौघडि़या एवं अभिजीत मुहूर्त में करना श्रेष्ठ होगा। घट स्थापना का श्रेष्ठ समय सूर्योदय एवं अभिजीत काल माना जाता है। अमायुक्त प्रतिपदा में पूजन नहीं करना चाहिए।

महासप्तमी /महाष्टमी

31 मार्च मंगलवार को सौभाग्य योग में अन्नपूर्णा परिक्रमा घंटा 27:50 बजे रात्रि से आरम्भ होकर 1 अप्रैल बुधवार को दुर्गाष्टमी वाले दिन रात्री घंटा 27:42 पर समाप्त होगी।

महानवमी

2 अप्रैल गुरुवार को पुनर्वसु नक्षत्र में महानवमी पूजन होगा, इस दिन मध्यान्ह कर्क लग्न में रामावतार। इस दिन चंद्र-पुनर्वसु युति अपराह्न 1:29 बजे तक रहेगी।

पूजन सामग्री

चावल, सुपारी, रोली, मौली, जौ, सुगंधित पुष्प, केसर, सिंदूर, लौंग, इलायची, पान, सिंगार सामग्री, दूध। दही, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी, वस्त्र, आभूषण, विल्बपत्र, जनेऊ, मिट्टी का कलश, मिट्टी का पात्र, दूर्वा, इत्र, चंदन, चौकी, लाल वस्त्र, धूप-दीप, फूल, नैवेद्य, अबीर, गुलाल, स्वच्छ मिट्टी, थाली, कटोरी, जल, ताम्र कलश, रुई, नारियल आदि।

पूजन विधि

नव संवत्सर प्रमादी नामक संवत्सर का विनियोग करना चाहिए। आज से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का पूजन आरम्भ होता है। सम्मुखी प्रतिपदा शुभ होती है। अत: वही ग्राह्म है, अमायुक्त प्रतिपदा में पूजन नहीं करना चाहिए। नवरात्र व्रत स्त्री-पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। यदि स्वयं न कर सकें तो पति-पत्‍‌नी, पुत्र अथवा किसी ब्राह्माण को प्रतिनिधि बनाकर व्रत पूर्ण कराया जा सकता है। व्रत में उपवास अयाचित बिना मांगे प्राप्त भोजन, एनक्त या एक मुक्त भोजन करना चाहिए।

घट स्थापना

घट स्थापना के लिए पवित्र मिट्टी से वेदी का निर्माण करें, फिर उसमें जौ या गेहूं बोयें तथा उस पर यथा शक्ति मिट्टी, तांबे, चांदी या सोने का कलश स्थापित करें। उपरोक्त सामग्री एकत्रित कर प्रथम मां दुर्गा का चित्र स्थापित करें एवं पूर्वमुखी होकर मां दुर्गा की चौकी पर लाल वस्त्र बिछायें। मां दुर्गा के बायीं ओर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर चावल के नौ कोष्ठक, नवग्रह एवं लाल वस्त्र पर गेहूं के सोलह कोष्ठक षोडशमातृ के बनाएं। एक मिट्टी के कलश पर स्वास्तिक बनाकर उसके गले मे मौली बांधकर उसके नींचे गेहूं या चावल डाल कर रखें। उसके बाद उस पर नारियल भी रखें, नारियल पर मौली भी बांधे, उसके बाद तेल का दीपक एवं शुद्ध घी का दीपक प्र”वलित करें एवं मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर हल्का सा गीला कर उसमें जौ के दाने डालें। उसे चौकी के बाई तरफ कलश के पास स्थापित करें। अब सर्व प्रथम अपने बाएं हाथ में जल लेकर दायें हाथ से स्वयं को पवित्र करें और बार-बार प्रणाम करें। उसके बाद दीपक जलाएं एवं दुर्गा पूजा का संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें।

कुमारी-पूजन

कुंवारी-पूजन नवरात्र व्रत का अनिवार्य अंग है। कुमारिकाएं जगतजननी जगदम्बा का प्रत्यक्ष विग्रह है। इसमें ब्राह्माण कन्या को प्रशस्त माना गया है। आसान बिछाकर गणेश, बटुक कुमारियों को एक पंक्ति में बिठाकर पहले गं गणपतये नम: से गणेशजी का पंचोपचार पूजन करें, फिर बं बटुकाय नम: तथा कुमाये नम: से कुमारियों का पंचोपचार पूजन करें। इसके बाद हाथ में पुष्प लेकर मंत्र से कुमारियों की प्रार्थना करें। इसके बाद अष्टमी या नवमी के दिन कढ़ाई में हलवा बनाकर उसे देवीजी की प्रतिमा के सम्मुख रखें तथा अन्नपूर्णाय नम: इस मंत्र से कढ़ाई का पंचोपचार-पूजन करें। तदोपरान्त हलवा निकालकर देवी मां को नैवेद्य लगाएं। इसके बाद कुमारी बालिकाओं को भोजन कराकर उन्हें यथाशक्ति वस्त्राभूषण दक्षिणादि दे कर विदा करें।

पूजा सामग्री के बढ़े रेट

जनता कफ्र्यू 22 मार्च के बाद बरेली में लॉक डाउन कर दिया गया। जिसके बाद से आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं तो बरेलियंस के लिए तो बंद हो गई। हालांकि इसका कोई विशेष इफेक्ट तो नहीं दिखा, लेकिन भक्तों को नवरात्र की पूजा सामग्री खरीदने के लिए जरूर मशक्कत करनी पड़ी।

डेढ़ गुना बढ़ गए रेट

लॉक डाउन के चलते शहर में जहां मेडिकल को छोड़कर अधिकांश शॉप्स बंद रहीं तो वहीं डेली नीडस की शॉप भी लिमिटेड समय तक ही ओपन रहीं। वहीं दोपहर बाद नवरात्र की पूजा सामग्री खरीदने निकले बरेलियंस के लिए पूजन सामग्री मिलना मुश्किल हो गई। इक्का-दुक्का शॉप्स मंदिर के आसपास ओपन भी मिल गई तो वहां पर पूजन सामग्री के रेट डेढ़ से दो गुना तक बढ़े हुए मिले। हालांकि इस दौरान शॉप ओनर्स ने बताया कि वह जहां से माल लेकर आए हैं वहां पर भी सप्लाई नहीं होने के चलते रेट बढ़े हैं।

कई लोग हुए परेशान

पूजन सामग्री खरीदने निकले कई लोगों पूजन सामग्री तो नहीं मिली वह आखिरकार भटक कर घर पहुंचे। पूजन सामग्री खरीदने निकले लोगों का कहना था कि नवरात्र के लिए पूजन सामग्री नहीं मिल रही है इससे प्रॉब्लम हो रही है। हालांकि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार की पहल का सहयोग भी जरूरी है।