बरेली (ब्यूरो)। सब्जी खरीदने जब लोग जाते हैं तो अच्छी से अच्छी सब्जी खरीदने की चाहत रखते हैं। इसलिए हर किसी की नजर साफ और चमकती सब्जी पर होती है। सब्जी की यही खूबसूरती खाने के बाद बड़ी मुसीबत भी बन सकती है। इसकी वजह है मार्केट में बिक रही एसिड क्लीनिंग वाली सब्जियां। इन दिनों मार्केट में लोग साफ और धुला हुआ सा दिखने वाला आलू शौक से खरीद रहे हैं। इस आलू को बेचने वाले भी नया आलू बताकर बेच रहे हैं और खरीदने वाले भी। यह आलू वास्तव में है पुराना और उसे एसिड से क्लीन कर नया सा बनाया गया है

जमीर पर भारी मुनाफाखोरी
कारोबार को कई लोगों ने सिर्फ मुनाफाखोरी समझ लिया है। अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए ऐसे कारोबारी अपना जमीर तक बेच लेते हैं। यही वजह है कि मार्केट में मिलावटी और नकली खाने-पीने की चीजों की भरमार है। अब सब्जी में भी यही मिलावटखोरी का भाव खूब परवान चढ़ रहा है। शहर के मंडी में ऐसा आलू बिक रहा है जो देखने में बिल्कुल नया लगता है, पर है पुराना ही। व्यापारियों की ही मानें तो नया आलू अभी तो आया ही नहीं है। मुनाफाखोर मिट्टी, केमिकल और बालू से पुराने आलू को नया आलू बनाकर में बेच रहे हैं।

लोगों को हैं पसंद
लोगों से बात करने पर पता चला कि आजकल वह पुराने आलू की जगह नया आलू खरीदना पसंद करते हैं। कहते हैं कि पुराने आलू में मिठास होती है। इसलिए नया आलू खरीदते हैं। उन्हें यह मालूम ही नहीं कि जो आलू वह नया समझकर खरीद रहे हैं, वह एसिड से धुला हुआ है। यह आलू सब्जी में पकाने पर उसे भी जहरीला बना सकता है, जो सेहत के लिए मुसीबत भी बन सकता है।

नए के चक्कर में धोखा
बरसात जब अंतिम चरण में होती है, तभी इस तरह का खेल शुरू हो जाता है। व्यापारियों की मानें तो बाजारों में सब्जियों की किल्लत हो जाती है। लोग पुराना आलू खाकर ऊब चुके होते हंै और उसके टेस्ट में मीठापन आने लगता है। ऐसे में लोग नए आलू की डिमांड करते हैं। इस तरह के आलू को खाने के लिए डॉक्टर्स ही नहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी मना करते हैं।

इस तरह से बनाते आलू
सितंबर और अक्टूबर के मंथ में कोल्ड स्टोर से पुराना आलू निकालकर पहले छांव में सुखाया जाता है। फिर जमीन को खोदकर पानी में डाला जाता है। उसमें पीला या लाल गेरुआ मिट्टी घोली जाती है। इसके बाद अभ्र्रक युक्त बालू वाली मिट्टी भी डाली जाती है। फिर एक बोतल तेजाब डाला जाता है। बाद में आलू को इसमें मिलाया जाता है। तेजाब के कारण आलू का छिलका उतर जाता है। बाद में उस पर बालू डाल दी जाती है। फिर आलूओं को सुखाया जाता है। इसके बाद उसे नया बताकर मार्केट में सप्लाई कर दिया जाता है।


15 के नवंबर के बाद ही नया आलू
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नया आलू 15 नवंबर के बाद बाजार में आता है। नए आलू की बुआई सितंबर में की जाती है। इसके बाद यह फसल 60 दिनों के बाद तैयार होती है।


अगर मार्केट में इस तरह का आलू आता है तो यह बॉडी को नुकसान पहुंचा सकता है। एसिड युक्त आलू खाने से पेट संबंधित बीमारी हो सकती है। इसलिए ऐसे आलू को खाने से बचना चाहिए। इससे किडनी पर काफी असर पड़ता है।
डॉ। सौरभ गोयल, फिजिशियन,

जब बाजार जाते हैं तो सबसे पहले मार्केट में इस टाइम नया आलू ही खरीदने लगते है। इस बात की जानकारी ही नहीं है कि पुराना आलू तेजाब से नया बनाया गया है। नए आलू तो खाने में सबको पसंद आते है।
रेनू मिश्रा,

इस तरह की जानकारी नहीं थी कि मार्केट में नए आलू तो धोखा है। वैसे तो इस टाइम अधिकतर लोग नया ही आलू खरीदते है। हम भी बाजार से नया आलू लेकर आते है। अब इस पर गौर करेंगे।
अमन यादव,

अधिकतर सभी लोग सब्जी मंडी से नया आलू ही खरीदते हैं। यह नहीं पता था कि यह आलू इस तरह से बनाए जाते हैं। यह बॉडी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस तरह के आलू को खाने से बचना चाहिए।
अंजना सक्सेना,