- दोगुनी तेजी से बढ़ रहे डॉग्स के हमले, बरेलियंस के बच्चों में सबसे ज्यादा टेरर

बरेली : आपके बच्चों के लिए खूनी स्ट्रीट डॉग्स का टेरर दोगुना तक बढ़ गया है। साल 2019 में डॉग बाइट के टोटल केसेज में 35 फीसदी बच्चों के थे, जबकि साल 2018 में यह आकड़ा 20 फीसदी था। शहर में खूनी डॉग्स के हमलों पर अंकुश लगाने का जिम्मा नगर निगम का है। लेकिन चौंकाने वाली बात है कि दो साल से निगम ने कुत्तों और बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर तक जारी नहीं किया है। इस बार भी यही हाल रहने का डर है। यानी बात साफ है कि घर से बाहर निकले अपने बच्चों को बचाने का जिम्मा आपको ही उठाना होगा। नगर निगम तो बहाना बनाकर चुप बैठ जाएगा।

डेली पहुंच रहे 8 से दस मरीज

हॉस्पिटल में एंटी रेबीज वैक्सीन के लिए रोज लम्बी लाइन लग रही है। डॉक्टर हैरान हैं कि आखिर डॉग बाइट के केस इस तेजी से क्यों बढ़ते जा रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के मौजूदा हालात की बात करें, तो यहां डेली 8 से 10 पेशेंट एआरवी लगवाने आ रहे हैं। रोजाना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। गर्मी के मौसम में मरीजों की गिनती तेजी से बढ़ती है, क्योंकि उस टाइम डॉग्स अग्रेसिव हो जाते हैं।

इन एरिया में सबसे ज्यादा टेरर

वैसे तो पूरे शहर में डॉग्स का आतंक है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल आने वालों में सबसे ज्यादा किला, कैंट और बारादरी इलाके के लोग हैं। इन एरिया से डेली कम से कम 3-3 पेशेंट एआरवी लगवाने के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं।

केस स्टडी 1

10 जनवरी को शहर के सीबीगंज निवासी सली मोहम्मद का पांच साल का बेटा मुनव्विस घर के पीछे बने कब्रिस्तान के पास खेल रहा था। अचानक उस पर कुछ डॉग्स ने हमला कर दिया। हमले में बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजनों ने नगर निगम में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नही हुई।

केस स्टडी 2

एक फरवरी को शहर के किला निवासी पुत्तन अहमद की आठ साल की बेटी शाहिदा सहेलियों के साथ गली में जा रही थी। तभी चार-पांच डॉग्स ने उस पर हमला कर दिया। बच्ची के शोर मचाया, तो आसपास के लोगों ने डॉग्स को भगाया, लेकिन तब तक शाहिदा को दो-तीन गहरे जख्म हो गए थे।

नो सॉल्यूशन

मैंने हाल में कार्यभार लिया है। इस बाबत शिकायतें आई थीं, तो पता चला कि बोर्ड बैठक में कुत्तों और बंदरों को पकड़ने का मुद्दा उठा था, टेंडर जारी करने को सहमति भी बनी, लेकिन किसी ने टेंडर लेने में सहमति नहीं दिखाई।

अभिषेक आनंद, नगर आयुक्त।

डॉग बाइट का खौफ

साल-डॉग बाइट के शिकार

2018- 16000 लोग

2019- 18000 लोग

सोर्स: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, बरेली