-मरीज के परिजनों ने अपर मुख्य सचिव के सामने एक मेडिकल कॉलेज यानी कॉविड हॉस्पिटल पर लगाए गंभीर आरोप

बरेली : बरेली के नोडल अफसर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने दूसरे दिन भी कोरोना इलाज के बारे में जानकारी ली और निरीक्षण किया। सर्किट हाउस में सुभाषनगर के कोराना मरीज की मौत के मामले में एक मेडिकल कॉलेज यानी कोविड हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए। आरोप लगा की रिपोर्ट देर से आई और देर से इलाज होने से मौत हो गई। इससे अपर मुख्य सचिव नाराज हुए और कहा कि जब एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं तो फिर रिपोर्ट देर से कैसे आई। उन्होंने मामले में डीएम को गजेटेड अधिकारी से जांच कराकर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। उसके बाद उन्होंने नगर निगम ने सफाई अभियान को लेकर गाडि़यों को हरी झंडी दिखाई और फरीदपुर में निरीक्षण के बाद वापस चले गए। वहीं उनके साथ आए एसजीपीजीआई के दोनों सीनियर डॉक्टर भी वापस चले गए।

कमर से खून रिसने का आरोप

गणेशनगर के मृतक के भाई और रिश्तेदार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे सर्किट हाउस पहुंचे। दौरे के लिए निकलते हुए नोडल अधिकारी नवनीत सहगल के सामने गिड़गिड़ाते हुए परिवार के लोगों ने अपने बेटे की मौत का इंसाफ मांगा। उन्होंने बताया कि सांस लेने में दिक्कत होने पर मरीज को एक मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया था। पांच हजार रुपये जमा करवाए गए थे। अस्पताल में जाने के बाद बताया गया कि उनके मरीज को कोविड-19 का संक्रमण हो सकता है, पुष्टि के लिए सैंपल लिया गया, लेकिन चार दिन तक रिपोर्ट नहीं आई। इस दौरान डॉक्टरों ने उसका इलाज भी शुरू नहीं किया। फ्राइडे को युवक ने दम तोड़ दिया। मृतक के भाई ने मेडिकल कॉलेज पर आरोप लगाए कि जब शव उन्हें दिया जा रहा था तो कमर से खून रिस रहा था। उन्हें आशंका है कि शरीर से अंग निकाल लिए गए हैं। युवक को अगर संक्रमण था तो उन्हें इस तरह से शव कैसे सौंपा जा सकता है, जिन कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया था। उन्हें ठीक से पीपीई किट पहनना भी नहीं आ रहा था।

सैनिटाइजेशन के लिए रवाना की गाडि़यां

सर्किट हाउस से निकलने के बाद नोडल अधिकारी नवनीत सहगल नगर निगम पहुंचे। यहां शहर में सैनिटाइजेशन के लिए गाडि़यों के काफिले को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद नगर आयुक्त अभिषेक आनंद के कार्यालय में बैठे। साथ में डीएम नितीश कुमार, सीएमओ डॉॅ। विनीत शुक्ला, एसएसपी शैलेश पांडेय के साथ कोविड-19 की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। निर्देश जारी करने के बाद नोडल अधिकारी ने नगर निगम की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। नोडल अधिकारी नवनीत सहगल भले ही बरेली राजकीय विमान से आए हों, लेकिन वापसी के लिए उन्होंने लखनऊ से अपनी गाड़ी मंगवाई थी। एक बार फिर उन्हें खस्ताहाल बरेली-सीतापुर हाइवे से वापस जाना पड़ा। जुलाई महीने में खस्ताहाल हाईवे से बरेली आने के दौरान उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी कि जल्द से जल्द हाइवे को दुरुस्त करवाया जाएगा, ताकि लोगों को राहत मिल सके। नोडल अफसर के साथ बरेली और एसजीपीजीआई के डाफॅ। अफजल आजिम और डॉॅ। अमित रस्तोगी कोविड अस्पतालों में इलाज की समीक्षा पूरी करने के बाद सैटरडे सुबह पुलिस लाइंस से हेलीकॉप्टर से गोरखपुर के लिए रवाना हो गए।

फरीदपुर में सर्वे में लापरवाही

नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने फरीदपुर हॉटस्पॉट बने सर्राफा बाजार का निरीक्षण किया। उन्होंने नगर पालिका ईओ से सफाई व्यवस्था के बारे में पूछा।

नोडल अधिकारी ने सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक बासित अली से क्षेत्र में सर्वे और होम आइसोलेट लोगों के बारे में जानकारी ली। सर्वे ठीक से नहीं होने से नोडल अधिकारी नाराज होते हुए एमओआइसी पर कार्रवाई करने के लिए सीएमओ को लिखने के लिए कहा है।

परिवार के लोगों ने मुझे गंभीर बातें बताई हैं जब किट की मदद से तुरंत ही संक्रमण का पता चलता है तो इतना लंबा इंतजार क्यों किया गया। जांच के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट लखनऊ मंगवा ली गई है। बरेली का यह दौरा वैसे बहुत सकारात्मक रहा। कोविड-19 के अस्पतालों में अच्छा इलाज किया जा रहा है। हम बरेली में जल्द ही प्लाज्मा थैरेपी शुरू करवाएंगे। इसकी शासन से अनुमति भी आ चुकी है।

नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव, ग्रामोउद्योग विभाग