शासन ने जारी किया आदेश, जल्द अमल में लायी जायेगी व्यवस्था

बरेली: हर दिन कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा भयावह होता जा रहा है। मृत्यु दर में भी उछाल आया है। होम आइसोलेशन की सुविधा से कोविड अस्पतालों का दबाव कम जरूर हुआ है, लेकिन कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में शासन ने कोरोना से साथ डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर व अन्य विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज को कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद घर भेजने के बजाय नॉन कोविड अस्पतालों में भर्ती कराने का निर्णय लिया है।

पूरी तरह ठीक होकर जाएंगे घर

विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्त्रमण में कई बदलाव देखे जा रहे हैं। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी संक्रमण फेफड़ों पर अटैक कर रहा है। अब तक ऐसे दो लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में मृत्युदर पर काबू पाने को शासन ने नियमों में थोड़ा बदलाव किया है। सीएमओ डॉ। विनीत शुक्ला ने बताया कि कोरोना के साथ अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को को मॉर्बिड कहा जाता है। अब इन्हें कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद नॉन कोविड अस्पतालों में उपचार को भर्ती कराया जाएगा। वहां बीमारी में पूरी तरह सुधार होने के बाद होम आइसोलेशन के लिए भेजा जाएगा। अभी तक इन्हें रिपोर्ट नेगेटिव आते ही घर भेज दिया जाता था। इससे कोरोना का संक्रमण तो ठीक हो जाता था, लेकिन कमजोरी के कारण अन्य बीमारियां बढ़ जाती थीं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव के आदेश प्राप्त हो गए हैं। व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू कराया जाएगा।

अभी तक जितने भी संक्रमितों की मौत हुई है, उन्हें कोरोना के साथ अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं, कोविड अस्पताल में सिर्फ कोरोना का इलाज होता है। शासन द्वारा उठाया गया कदम सराहनीय है। इससे मृत्युदर में कमी आएगी।

डॉ। रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी