बरेली(ब्यूरो)। मलेरिया के केसेस लगातार बढ़ रहे हैं। जिले में एक्टिव केसेस की संख्या 344 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो अगस्त व सितंबर माह में केसेस बढऩे की संभावना अधिक होती है। इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जल्द ही मलेरिया पेशेंट्स को ऑन द स्पॉट ट्रीटमेंट दिया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। 15 अगस्त के बाद इसे शुरू कर दिया जाएगा। इससे मलेरिया को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकेगा। थर्सडे को मीरगंज में मलेरिया के दो नए केस सामने आए हैैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट होने की बात कह रहा हैै।

आशा लेंगी फॉलोअप
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। पीके जैन ने बताया कि अभी रैपिड डायग्नॉस्टिक टेस्ट किट ब्लॉकवार दी जा रही हैैं। इसको लेकर आशा वर्कर को पिछले वर्ष ही प्रशिक्षित कर दिया गया था। 15 अगस्त के बाद आशा वर्कर एसीएस यानि एक्टिव केस सर्विलांस में घर-घर जाकर मलेरिया पेशेंट खोजेंगी। साथ ही ऑन द स्पॉट उनका इलाज किया जाएगा। अगर आशा पर दवा उपलब्ध नहीं होती है तो पेशेंट सीएचसी या पीएचसी से दवा ले सकेंगे। इसमें पेशेंट का फॉलोअप भी आशा वर्कर द्वारा लगातार लिया जाता रहेगा। अधिकारी ने बताया इससे मलेरिया के रोकथाम में काफी हेल्प मिलेगी।

फैक्ट एंड फिगर
335 पीवी केसेस
09 पीवी केसेस
02 केस थर्सडे को निकले
1,31,578 से अधिक लोगों का अब तक हुआ टेस्ट
46,717 केसेस मिले थे 2019 में
11,686 केसेस मिले थे 2020 में
2,362 केसेस मिले थे 2021 में

अब तक 344 मिले संक्रमित
ग्यारह जुलाई तक एक लाख 31 हजार 578 से अधिक लोगों की मलेरिया जांच की गई हैैं। इसमें अब तक 344 संक्रमितों की पुष्टि हुई हैै। इनमें भी 335 पेशेंट पीवी के है और नौ पेशेंट पीएफ के मिले हैैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में लगातार मरीजों की जांच की जा रही है। जो भी संक्रमित मिल रहा है उसे तत्काल इलाज भी दिया जा रहा है।

2019 में थे सबसे ज्यादा केस
जिले में मलेरिया के केसेस सबसे अधिक 2019 में थे, जिनकी संख्या 46,717 थी। वहीं 2020 में केसेस की संख्या 11,686 हो गई थी। इसके बाद 2021 में सिर्फ 2362 मलेरिया केसेस सामने आए थे। वहीं इस वर्ष अब तक 344 केसेस ही सामने आए हैैं।

टीम कर रही काम
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। पीके जैन बताते हैैं कि रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट मोड पर है। मीरगंज, फतेहगंज, कुआं टांडा, रामनगर, भमौरा, क्यारा, मझगवा, फरीदपुर आदि संवेदनशील क्षेत्रों के लिए रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई टीम में आशा, संगिनी, एएनएम, चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एलटी शामिल हैं। इन्हें प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

बरतें सावधानी
-अपने घर की छत व खुले स्थानों पर कबाड़ एकत्रित न होने दें।
-कबाड़ में पानी इक_ा होता है और वहां मच्छर पनपने लगते हैं।
- कूलर का पानी बार-बार साफ करें ताकि मलेरिया के मच्छर को पनपने का मौका न मिले।
-बरसात के दिनों में पानी भरने से मच्छर तेजी से पनपते हैं और उनके काटने से मलेरिया होने का खतरा बढ़ जाता है।