-अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के दौरे के दौरान सामने आई हकीकत

-कंट्रोल रूम में मरीजों से भी फोन पर की बात, दिए जरूरी निर्देश

बरेली- कोरोना मरीजों के लगातार बढ़ने के चलते अब ज्यादा से ज्यादा बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेट किया जा रहा है। होम आइसोलेट किए जा रहे मरीजों के पास सेपरेट रूम, बाथरूम, टॉयलेट होना चाहिए। इसके अलावा उनके पास थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर होना भी जरूरी है ताकि वह अपने ऑक्सीजन का लेवल चेक कर सके, लेकिन जो हकीकत सामने आई है वह चौंकाने वाली है। होम आइसोलेटेड किए गए मरीजों में सिर्फ 10 पसर्ेंट के पास ही ऑक्सीमीटर है। यह बात उस वक्त सामने आई जब नोडल अफसर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कंट्रोल रूम से फोन पर कुछ मरीजों से बात की और अधिकारियों से इस बारे में पूछा तो जानकारी दी गई। अपर मुख्य सचिव ने इस मामले में सख्ती से नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा प्रमुख सचिव ने सबसे पहले पीलीभीत रोड स्थित एल-2 कोविड हॉस्पिटल में निरीक्षण किया और वहां डॉक्टर्स के साथ मीटिंग की। उसके बाद कंट्रोल रूम और फिर सुभाष नगर स्थित हॉट एरिया का निरीक्षण किया। उनके साथ एसजीपीजीआई के दो सीनियर डॉक्टर्स की टीम ने कोविड हॉस्पिटल में मरीजों के इलाज के संबंध में जनकरी ली और जरूरी निर्देश दिए।

मरीजों को भेजे रेकॉर्डेड मेसेज

अफसर करीब 1 घंटे की देरी से राजकीय विमान से त्रिशूल एयरवेज पर पहुंचे। यहां से वह कोविड हॉस्पिटल पहुंचे, यहां पर दो अन्य कोविड हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के साथ मीटिंग की और वहां की व्यवस्था और मरीजों के इलाज के बारे में जानकारी की। उसके बाद वह वहां से सीधे कलेक्ट्रेट में बनाए गए डिस्ट्रिक्ट इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम पहुंच गए। यहां पर उन्होंने पहले कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारियों व जिले के अधिकारियों से कंट्रोल रूम से मरीजों की देखभाल को लेकर किए जा रहे काम के बारे में जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि कल कितने मरीज होम आइसोलेट हुए, क्या सभी मरीज होम आइसोलेट हो गए और उनसे बात हो गई। तो बताया गया कि कल जो होम आइसोलेट हुए उनमें से कुछ से बात होना बाकी है। संबंधित अधिकारी सही से जवाब नहीं दे पाए तो सीडीओ ने बताया कि कल 237 मरीज होम आइसोलेट हुए हैं, 202 से कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, 8 आउट ऑफ डिस्ट्रिक्ट हैं। इससे अपर मुख्य सचिव संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने मरीजों को तुरंत रेकॉर्डेड मैसेज भेजने के लिए कहा जिसमें मरीज को होम आइसोलेट के दौरान क्या-क्या करना है इसकी जानकारी दी जा सके क्योंकि सभी से तुरंत संपर्क करना मुश्किल होता है ऐसे में यदि देरी हुई तो मरीज की जान पर बन सकती है। अब तक 604 लोगो को होम आइसोलेट किया जा चुका था।

परिजनों के लिए बनाए काउंसलिंग सेंटर

नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने कंट्रोल रूम से फोन पर कई मरीजों से बात की। इस दौरान एक महिला मरीज से पूछा कि वह अलग रूम में है, कमरे में कोई आता तो नहीं, किसी का फोन आया था, ऑक्सीमीटर लिया है, तो महिला ने बताया कि ऑक्सीमीटर नहीं लिया है। उसके बाद एक अन्य महिला मरीज से फोन पर पूछा कि लगातार ऑक्सीजन देखती हैं, बताइए कितनी होनी चाहिए, तो जवाब आया कि भूल गई। नोडल अफसर ने कहा कि ऑक्सीजन लेवल 94 फीसद से नीचे जाने पर अस्पताल जाना होगा, कागज पर लिखकर दीवार पर चिपका लीजिये, अपनी जान से मत खेलिए, उन्होंने मरीज से कहा आपसे अभी डॉक्टर बात करते हैं। एक और मरीज के बेटे से उनकी बात हुई, सामने आया कि परिवार को लंबे समय से मरीज की तबीयत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस पर नोडल अधिकारी नाराज हुए। उन्होंने कहा कि मरीजों के परिजनों के लिए एक काउंसलिंग सेंटर बनाया जाना चाहिए, जहां उन्हें परिजनों की जानकारी मिल सके। उन्होंने डॉक्टर्स के नंबर भी पब्लिश करने के लिए कहा ताकि लोग अपनी समस्या के बारे में जान सकें। उन्होंने कंट्रोल रूम में डिप्टी सीएमओ के साथ डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए ताकि मरीजों व अन्य को सही जानकारी मिल सके।

यहां डॉक्टर भी बैठाइए

इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में एक डॉक्टरों की टीम बैठाई जाएगी, जोकि मरीजों के संपर्क करने पर उन्हें ठीक जानकारी दी जा सकें।

एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट कंट्रोल रूम में दें

मरीजों का पता चलने के बाद उन्हें अस्पताल कैसे भेजते हैं, मरीज को तत्काल आइसोलेशन में भेजा जा सके, इसके लिए व्यवस्था को सरल करिए। एडीएम सिटी महेंद्र कुमार ने उन्हें बताया कि आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में कर्मचारी कंट्रोल रूम में ड्यूटी दे रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि टेस्ट रिपोर्ट पोर्टल से देरी से आती है, इसके लिए एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट तुरंत कंट्रोल रूम को दी जाए ताकि मरीज को होम आइसोलेट या फिर हॉस्पिटल भेजा जा सके। इससे मरीजों कि जान भी बचाई जा सकेगी।

कितने घरों का हुआ सर्वे

एंबुलेंस के बारे में सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग ने उन्हें बताया कि 300 बेड हॉस्पिटल में 10 एंबुलेंस रिजर्व में खड़ी रहती हैं, हमारे पास 46 एंबुलेंस हैं, रेस्पॉस टाइम 30 मिनट से दो घंटे का है। ग्रामीण एरिया में भी कोई दिक्कत नहीं है। कोविड-19 के लिए शहर में होने वाले हाउसहोल्ड सर्वे के बारे में नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने नगर आयुक्त अभिषेक आनंद से पूछा कि शहर में कितने मकान हैं, नगर आयुक्त ने कहा कि टैक्स के हिसाब से 1.40 लाख हैं। उन्होंने कहा कि ठीक है करीब दो लाख मान लेते हैं। एसीएमओ साहब, कितने घरों का हाउसहोल्ड सर्वे पूरा हुआ है, कितने घरों के सैंपल ले लिए गए। जिला सर्विलांस अधिकारी और एसीएमओ डॉ। अशोक को अचानक पूछे गए सवाल के जवाब देते नहीं बना, वह बगलें झांकने लगे, कुछ देर में कहा। कागज देख कर बताता हूं। नोडल अधिकारी ने नाराजगी से कहा इतना तो याद रखा करो। साथ में आए एक स्टाफ ने बताया कि प्रतिदिन करीब पांच हजार घरों को कवर किया जा रहा है।

बिना पीपीई किट पहनकर जांच

नोडल अधिकारी नवनीत सहगल कलेक्ट्रेट से निकलने के बाद सुभाषनगर की पीएचसी पर पहुंचे, यहां कोविड के मरीजों के सैंपल और उनकी जानकारी नोट की जा रही थी। यहां एक स्टाफ कोविड-19 के मरीजों की जानकारी प्रोफार्मा में भर रहा था, एक सैंपल ले रहा था, लेकिन किसी भी स्टाफ ने पीपीई किट नहीं पहनी थी। इस पर नाराजगी जाहिर की। बोले क्या ऐसे ही संक्रमण रुकेगा। उन्होंने सीएमओ डॉ। विनीत शुक्ला को खासतौर पर सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।

हॉटस्पॉट में जलभराव देख भड़के

सुभाषनगर के हॉटस्पॉट एरिया के निरीक्षण के लिए पहुंचे नोडल अधिकारी को जलभराव और गंदगी मिली। उन्होंने नगर आयुक्त अभिषेक आनंद से पूछा कि ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त क्यों नहीं करते, एरिया के सफाई नायक पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पूछा कि शनिवार और रविवार को तो विशेष सफाई अभियान चलता है। सफाई नहीं हो रही है क्या नोडल अधिकारी को बताया गया कि पीलीभीत रोड, गंगापुर, सुभाषनगर, ग्रीन पार्क, सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य विभाग की टीमें सैंपल ले रही हैं। इसके बाद ही उन्होंने सुभाषनगर हॉटस्पॉट आने का प्रोग्राम तय किया था।