बरेली (ब्यूरो)। आईसीएसई के स्टार्ट एग्जाम हो गए है और सीबीएसई के एग्जाम 15 फरवरी से शुरू हो रहे है। यूपी बोर्ड के एग्जाम 22 फरवरी से स्टार्ट होगें। इस दौरान जब शहर के ही कुछ लोगों से एग्जाम को लेकर बात की तो उन्होंने बताया कि बच्चों के बोर्ड एग्जाम में बच्चा तो स्टडी कर ही रहा इसके साथ ही उनको भी मेहनत करनी पड़ रही है। हर टाइम उनका ख्याल रखना पड़ रहा है। देखना पड़ता है कि बच्चे को कोई टेंशन न होने पाए वह तनाव न ले और फ्री माइंड होकर स्टडी करें. पढि़ए अवनीशा पाण्डेय की रिपोर्ट

रखना पड़ता ख्याल
बच्चों के 10वीं या 12वीं के एग्जाम स्टार्ट होते ही फैमिली र्मेबस परेशान होने लगते है। सब लोग बच्चे पर ध्यान देने लगते है। इस दौरान नीलम गुप्ता ने बताया कि हम ने घर के सभी लोगों को बोल दिया कि सब लोग जब तक बेटी के क्लास दस के एग्जाम नहीं हो जाते हैं, तब तक सभी लोग उसका ख्याल रखेगे।

छोटे बच्चे होते परेशान
जब घर में किसी भी बच्चे के बोर्ड एग्जाम आते हैं तो में सोशल मीडिया टीवी फोन सभी चीज बंद करा दी जाती है। इस कारण छोटे बच्चे अपने बड़े भाई बहन जिनके एग्जाम होते है। उन से चिढऩे लगते है कि पता नहीं कब तक एग्जाम होंगे तब तक टीवी देखने को नहीं मिलेगी।


खाने का खास फोकस
हर कोई पेरेंट्स चाहता है कि मेरा बच्चा क्लास में टॉपर आए। इस दौरान तब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जब शहर के कुछ घरों में जाकर पता किया तो कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। पेरेंट्स अपने बच्चे पर खाने पीने का फूल फोकस रख रहे थे। जहां उनका बच्चा स्टडी कर रहा था उनके पेरेंट्स वही खाने पीने का समान दे रहे थे। जब स्टडी के टाइम उनके बच्चे खाना या चाय मांग रहे थे तो उनकी मां वहीं खाना दे रही थी। हर टाइम बच्चे के लिए तैयार रहते है।

रात भर पड़ता जागना
एग्जाम को लेकर जब बच्चों के पेरेंट्स से बात की तो उन्होंने बताया कि रात को भी हम लोग बार-बार जागते है और अपने बच्चे के पास जाते हैं कि कही कोई चीज की जरूरत तो नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि रात में बार-बार उठकर बच्चे के लिए कॉफी बनाकर देते हैं जिससे उसका माइंड फ्रेस रहे और मन लगाकर स्टडी कर सके।

पास भी पड़ता बैठना
कुछ पेरेट्स का कहना था कि जहां वह स्टडी करता है वहां उसके पास भी कुछ देर तक बैठकर देखना पड़ता है कि कहीं वह बुक खोले ही बैठा हो स्टडी नहीं कर रहा हो। स्टडी के बीच -बीच में उससे क्वेश्चन भी पूछने पड़ते है।

बोले बरेलियसं
जब घर में किसी भी बच्चे का एग्जाम हो तो पूरे घर को लगना पड़ता है। उसकी छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। टाइम से हाथ में ही खाने की थाली देना और हाथ में ही बार-बार उठकर पानी देना हर चीज का ख्याल रखना पड़ता है।
ज्योति, पेरेंट
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बोर्ड के एग्जाम स्टार्ट हो गए है। इन दिनों घर वाले अपने-अपने बच्चों के साथ ऐसे लग जाते जैसे उनके ही बोर्ड एग्जाम हो। रात दिन उनके लिए मेहनत करनी पड़ रही है। फुल टाइम इन दिनों अपने बच्चों में ही लगे रहते है।
सलोनी, पेरेंट
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कहते है कि एक बार दिन लौट कर जरूर आता है। यह बिल्कुल सही है। जब बच्चे के बोर्ड एग्जाम होते है, तो बच्चे के साथ सभी पेरेंट्स को लगना पड़ता है। दिन रात मेहनत उतनी ही करनी पड़ती है। जितनी बच्चे एग्जाम की तैयार करता है। उतना ही हम लोग भी मेहनत करते है।
वर्षा, पेरेंट
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जब भी घर में किसी भी बच्चे के बोर्ड एग्जाम आते हैं तो ऐसी तैयारियां करनी पड़ती है। जैसे घर में किसी की शादी हो। बच्चे के साथ पूरे दिन रात लगना पड़ता है। स्टडी के दौरान बीच-बीच में उनको रिवीजन कराना पड़ता है। साथ में कुछ देर तक बुक लेकर भी बैठना पड़ता है जिससे वह बोर न हो।
किरन, पेरेंट