- हेल्थ डिपार्टमेंट में स्वीकृत है 230 डॉक्टर्स के पद, लेकिन तैनात है सिर्फ 160 डॉक्टर्स

- अधिकांश स्पेशलिस्ट के पद रिक्त, कई बार मांग करने पर भी नहीं हो रही तैनाती

अंकित चौहान, बरेली : मरीजों को बेहतर इलाज देने का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग खुद मानव संसाधन संकटों से जूझ रहा है। जी हां जिले में महज 26 ऐसे डॉक्टर्स हैं जो कि विशेषज्ञ हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को आखिर कैसे बेहतर इलाज दिया जा सकता है।

जिले में 237 डॉक्टर्स के पद तैनात महज 167

जिले में 237 डॉक्टर्स के पद शासन की ओर से स्वीकृत है लेकिन सिर्फ 167 पदों पर ही डॉक्टर्स तैनात हैं। वहीं इन तैनात डॉक्टर्स में 9 डॉक्टर्स ऐसे है जो कि लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। ऐसे में मरीजों को उचित इलाज देने का दावा पेश करने वाले हेल्थ विभाग के दावे खोखले नजर आ रहे हैं।

104 स्पेशलिस्ट के पद, तैनात सिर्फ 26

वहीं जिले में शासन की ओर से 104 स्पेशलिस्ट के पद स्वीकृत हैं लेकिन 26 पदों पर ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स तैनात हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इन 26 पदों में भी ऐसे स्पेशलिस्ट शामिल हैं जो कि प्रशासनिक सेवाएं दे रहे हैं।

क्या है नियम

शासनादेश की मानें तो जिले की हर पीएचसी-सीएचसी पर एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर समेत पांच डॉक्टर्स तैनात होने चाहिए लेकिन यहां डॉक्टर्स का टोटा होने के चलते हालात यह हैं कि शहर की कई पीएचसी-सीएचसी ऐसे है जहां सिर्फ एक डॉक्टर ही तैनात हैं।

ऐसे होनी चाहिए तैनाती

शासनादेश की माने तो जिले की हर एक सीएचसी-पीएचसी पर एक फिजीशियन, एक सर्जन, एक एनेस्थेटिस्ट, एक रेडियोलॉजिस्टि और एक गायनोकोलॉजिस्ट तैनात होने चाहिए लेकिन यहां इस नियम को फॉलो करना हेल्थ विभाग के लिए टेढ़ी खीर है।

फैक्ट फाइल

- 50 लाख के करीब है जिले की आबादी

- 66 पीएचसी है जिले में

- 16 सीएचसी हैं जिले में

कई बार की मांग लेकिन नहीं हुई तैनाती

हेल्थ अफसरों के अनुसार बीते कई सालों से डॉक्टर्स के यह पद रिक्त हैं, कई बार शासन को पत्र भेजकर डॉक्टर्स की तैनाती की मांग की गई लेकिन स्थिति जस की तस है। वहीं जन प्रतिनिधियों को भी समस्या से अवगत कराया गया लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

विभाग में डॉक्टर्स के स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनाती काफी कम है, तैनाती को लेकर शासन से कई बार पत्र भेज कर मांग की गई लेकिन अभी तैनाती नहीं हो सकी है। कम संसाधनों में भी विभाग मरीजों को उचित इलाज देने में प्रयासरत है।

डॉ। विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ