बरेली(ब्यूरो)। रंगमंच एवं बालीवुड कलाकार अखिलेंद्र मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान शुरू हुए ओटीटी प्लेटफॉर्म समाज में सिर्फ अश्लीलता परोसते है, जिसकी वजह से समाज की सभ्यता और संस्कृति की जगह अश्लीलता फैल रही है। इसका सबसे ज्यादा बुरा असर किशोरों और युवाओं पर हो रहा है। कहा कि जब तक ये ओटीटी प्लेटफार्म अश्लीलता परोसेंगे तब वह इनके साथ कभी काम नहीं करेंगे। वह यहां आईएमए के आडिटोरियम में नाटक अभिमन्यु के मंचन के लिए आए थे।

त्रेतायुग में हुआ पहला नाटक
उन्होंने कहा कि वह इसके लिए भारत के हर शहर, कस्बे यहां तक की गांव में भी जाने से पीछे नहीं हटते। क्योंकि, हमारे आज के युवाओं और किशोरों को कई संस्कृति और सभ्यता के बारे में जानकारी ही नहीं है। बताया कि रंगमच कोई नया नहीं है, बल्कि यह तो त्रेता युग से चलता आ रहा है। उन्होंने बताया कि जब सतयुग के बाद त्रेता युग की शुरूआत हुई तो लगा कि इस युग में मनोरंजन के लिए कुछ नहीं हुआ तो लोग आपस में ही भिडऩे लगेंगे। इस पर भगवान इंद्र ने रंगमंच का प्रस्ताव रखा। उसके बाद त्रेता युग में सबसे पहला मंचन देवासुर नाटक का हुआ था।

ये लोग रहे मौजूद
प्रेस कांफ्रेस के दौरान बिथरी विधायक डॉ। राघवेंद्र शर्मा, आईएमए अध्यक्ष डॉ। विमल भारद्वाज, डॉ। एमडी छावडिय़ा, अमित रंगकर्मी आदि उपस्थित रहे।