- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सामने आई बड़ी अनियमितता

- दो घंटे तक मरीज को नहीं किया एडमिट

बरेली : सरकारी मुलाजिमों की कार्यशैली के भी क्या कहने। भले ही लोगों की जान चली जाए लेकिन इनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती, ऐसी ही एक घोर अनियमितता फ्राइडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सामने आई। दो घंटे तक परिजन अपने पेशेंट को लेकर हॉस्पिटल में इधर से उधर भटकते रहे लेकिन स्टाफ ने भर्ती करना तो दूर पेशेंट को प्राइमरी ट्रीटमेंट तक नहीं दिया लंबा समय गुजरने के बाद आखिरकार मरीज की जान चली गई।

क्या है पूरा मामला

थाना बिथरी चैनपुर के श्याम नगर गौटिया निवासी 30 वर्षीय बाबू को हाइड्रोसील की प्राब्लम थी। फ्राइडे को उसकी तबियत घर पर बिगड़ी तो परिजन सुबह करीब 11 बजे उसे लेकर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के इमरजेंसी पहुंचे, यहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने पेशेंट को भर्ती करना तो दूर उसकी जांच तक करने की जहमत नहीं उठाई। परिजनों ने कई बार डॉक्टर्स से बाबू को भर्ती करने की गुहार लगाई लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। वहीं हालत गंभीर होने के बाद भी मरीज को स्ट्रैचर तक मुहैया नहीं कराया गया। इस हीलाहवाली के चलते करीब एक बजे बाबू की सांसे थम गई।

परिजनों का आरोप

मृतक के पिता पोशाकी लाल ने बताया कि बेटे की हालत गंभीर होने पर करीब 11 बजे यहां लेकर आए आधे घंटे तक डॉक्टर को बताने के बावजूद भी कोई देखने नहीं आया। वहीं भर्ती करने को कहने पर इधर-उधर जाने को कहते रहे। दो घंटे के बाद बेटे की मौत हो गई।

ऐसी ही अनियमितता पर नपे थे एडीएसआईसी

पिछले साल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इसी प्रकार की अनियमितता सामने आई थी, एक मासूम को एडमिट न करने पर मासूम ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया था, मामले की शिकायत मासूम के परिजनों ने सीएम पोर्टल पर की थी, जिस पर फौरन शासन की ओर से तत्कालीन एडीएसआईसी डॉ। केएस गुप्ता को निलंबित कर दिया गया था।

परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं आई है हालांकि मामला गंभीर है। दो घंटे तक आखिर क्यों पेशेंट को एडमिट नहीं किया गया, इस संबंध में जिम्मेदारों से जबाव तलब कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। एके गौतम, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल