बरेली(ब्यूरो)। जिला अस्पताल में मंडल भर से रोज पेशेंट्स इस आस में आते हैैं कि यहां उन्हें कम कीमत में बेहतर इलाज मिल सकेगा। लेकिन, यहां के हालात इतने खस्ताहाल है कि न तो यहां हार्ट स्पेशलिस्ट हैं, न ही चेस्ट फिजिशियन व न्यूरोलॉजिस्ट हैं। इसके साथ ही अस्पताल में जरूरी एंटी बायोटिक, एंटी एलर्जिक आदि दवाएं भी मौजूद नहीं हैं। ऐसे में बेहतर इलाज की आस में पहुंच रहे पेशेंट्स को लचर सिस्टम का सामना करना पड़ रहा है। उसके बाद भी जिला अस्पताल के डॉक्टर्स अच्छा इलाज देने का दावा करते हैैं। इस दावे की पोल खोलती दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की स्पेशल रिपोर्ट :

दवाएं भी आउट ऑफ स्टॉक
जिला अस्पताल में एंटी एलर्जिक व गैस की दवाएं नाममात्र रह गई हैं। इसके साथ ही यहां पर एंटी बायोटिक की मात्रा भी काफी कम है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार जिला अस्पताल में 50 तरह की एंटीबायोटिक जरूरत होती है। लेकिन, स्टॉक में मात्र पांच तरह की ही मौजूद है। यह कमी लंबे समय से चल रही है। इसकी डिमांड ऑनलाइन माध्यम से कई बार की जा चुकी है, उसके बाद भी अस्पताल में दवा सप्लाई नहीं हो पाई है।

अंदर से बाहर तक परेशानी
अस्पताल में जो डॉक्टर्स मौजूद हैं, उन्हें वे ही दवाएं लिखनी पड़ रही हैं, जो स्टॉक में मौजूद हैैं। वहीं अगर डॉक्टर कुछ अलग दवा लिखते है तो भी पेशेंट्स के लिए यह मुसीबत साबित होती है। क्योंकि जिला अस्पताल स्थित प्रधानमंत्री जन औषिधि केंद्र पर भी कोई दवा मौजूद नहीं है। यहां इस केंद्र की हालत इतनी लचर है कि स्टॉक में नाम मात्र ही दवाएं मौजूद है। यह मात्र पेशेंट्स के लिए इंक्वारी काउंटर बनकर रह गया है। इस कारण यहां दवा न मिलने पर पेशेंट्स को बाहर का रुख करना पड़ रहा है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि एडमिट पेशेंट्स को दवाएं मुहैया कराने हमारी प्राथमिकता होती है, इसलिए स्टॉक में जो दवाएं मौजूद हैं उन्हें पहले एडमिट पेशेंट्स को पहले दिया जाता है।

स्टाफ की स्थिति
पदनाम स्वीकृत कार्यरत पद रिक्त पद
चिकित्साधिकारी 43 29 14
पैरामेडिकल 45 24 23
नर्सिंग संवर्ग 63 44 19
लिपिक संवर्ग 07 02 05
चतुर्थ श्रेणी 132 95 37
-इनमें से कई लोगों का ट्रांसफर हो चुका है।

पेशेंट्स को डॉक्टर का इंतजार
जिला अस्पताल में पेशेंट्स को डॉक्टर का इंतजार है। यहां दो साल पहले तक चेस्ट फिजिशियन डॉ। वीके धस्माना तैनात थे, उनके रिटायरमेंट के बाद उनके स्थान पर डॉ। एमएल शर्मा तैनात हुए। लेकिन, इस वर्ष मार्च में रिटायर होने के बाद से चेस्ट फिजिशियन का पद खाली पड़ा है। इसके साथ ही अस्पताल में हार्ट स्पेशलिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट भी न जाने कब से तैनात नहीं हुए हैं। हालत यह है कि अस्पताल में तीन पदों के सापेक्ष सिर्फ एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट तैनात है। अस्पताल में जनरल फिजीशियन के भी तीन पद हैं। इसमें भी डॉ। आशू अग्रवाल का हाल में ही ट्रांसफर हो गया है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि डॉ। शिवदत्ता, डॉ। जसमन गंगवार, डॉ। अब्बास अली अंसारी, डॉ। एके गौतम समेत कई डॉक्टर्स के ट्रांसफर हुए हैं।

वर्जन
जिला अस्पताल में कई डॉक्टर्स के तबादले किए गए हैैं। दवाओं की बात करें तो स्टॉक में जो दवाएं उपलब्ध हैं, उन्हें पेशेंट्स को दिया जा रहा है।
-डॉ। मेघ सिंह, एडीएसआईसी