- आज मनाई जाएगी ईद उल अजहा, ईदगाह में सुबह दस बजे होगी नमाज

- उलमा बोले, प्रतिबंधित जानवरों की नहीं करें कुर्बानी, भाईचारा बनाए रखें

बरेली : ईद उल अजहा (बकरीद) को लेकर मुस्लिम संप्रदाय के लोगों में जबरदस्त उत्साह है। घरों में विशेष तैयारियां की गई हैं। लोगों में त्योहार मनाने की खुशियां हैं तोच्बच्चे सबसे अधिक उत्साहित हैं। मंगलवार को रिमझिम बारिश के बीच भी महिलाएं वच्बच्चे खरीदारी के लिए बाजारों में उमड़े। पशुओं की मंडी में खासी भीड़ रही। बकरे 10 हजार से दो लाख रुपये तक बिके। लोगों ने अपनी क्षमता के मुताबिक कुर्बानी के लिए बकरे समेत अन्य पशुओं की खरीदारी की। सुन्नी बरेलवी मसलक के धर्मगुरुओं ने मुसलमानों से अमन और भाईचारे के साथ ईद उल अजहा मनाने की अपील की। प्रतिबंधित जानवरों का इस्तेमाल नहीं करने को कहा। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने को भी कहा।

खुशदिली से मनाए ईद उल अजहा, खुले में न करें कुर्बानी : सज्जादानशीन

आला हजरत दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी ने मुसलमानों से कहा कि बकरीद खुशदिली के साथ मनाए। लोग बकरीद के तीनों दिन खुले में जानवरों की कुर्बानी न करें। नालियों में जानवरों का खून न बहाए। दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी के अनुसार सज्जादानशीन ने दीनी मसाइल पर चर्चा करते हुए कहा कि ईद-उल-अ•ाहा का त्योहार हजरत इब्राहीम अलहेअस्सलाम की याद में मनाया जाता है। कुर्बानी उन्हीं की सुन्नत है। देश भर का मुसलमान इस सुन्नत को खुशदिली के साथ अदा करे। ईद उल अ•ाहा मजहबी त्योहार के साथ ही इंसानियत का भी त्योहार है। मुसलमान ईद उल अ•ाहा को यह नमाज अदा कर जानवरों की कुर्बानी देकर अपने रब को राजी करता है। उन्होंने मुल्क भर के मुसलमानों से कुर्बानी देते वक्त दूसरे मजहब की भावनाओं का खास ध्यान रखने की अपील की। किसी बंद जगह में कुर्बानी कर उसके अवशेष किसी गड्ढे में दफन करने को कहा। कुर्बानी के फोटो या वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल नहीं करने को कहा। धर्मगुरुओं ने कोरोना संक्रमण के कारण बकरीद की नमाज मोहल्ले की मस्जिदों में ही अदा करने की अपील की है। लगातार दूसरे साल भी बकरीद को ऊंटों की कुर्बानी नहीं होगी।

ईदगाह में 10 बजे, जामा मस्जिद में नौ बजे होगी बकरीद की नमाज

दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि बाकरगंज स्थित ईदगाह पर सुबह 10 बजे व दरगाह आला हजरत स्थित रजा मस्जिद पर 10:30 बजे और जामा मस्जिद में सुबह नौ बजे नमाज अदा की जाएगी। जमात रजा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि दरगाह ताजुश्शरिया पर काजी-ए-¨हदुस्तान मुफ्ती असजद मिया 6:30 बजे ईद-उल-अजहा की नमाज अदा कराएंगे।

धर्मगुरुओं ने लोगों को दी बकरीद की मुबारकबाद

ईद उल अजहा पर दरगाह प्रमुख ने सभी लोगों को ईद उल अजहा की मुबारकबाद दी है। दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन काजी-ए-¨हदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी और जमात र•ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां एवम जमात रजा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने भी मुसलमानों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी। आल इंडिया तंजीम उलमा ए इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि बकरीद की नमाज में कोरोना जैसी घातक बीमारी के खात्मे की दुआ करें।

हर बुरी आदत को करें कुर्बान

आला हजरत हे¨ल्पग सोसायटी की अध्यक्ष व तीन तलाक पीडि़ताओं की मददगार निदा खान ने कहा कि ईद उल अजहा कुर्बानी का त्योहार है। हम सबको इस त्योहार से पहले अपनी हर बुरी आदत को कुर्बान कर देनी चाहिए। इस कोरोना काल में जो सरकार की गाइडलाइन मिल रही है, उसे मानना चाहिए और कोरोना रोधी वैक्सीन जरूर लगानी चाहिए।

कुर्बानी की न करें नुमाइश : अब्दुल्लाह रजा कादरी

आला हजरत परिवार से नबीर ए आला हजरत मौलाना अब्दुल्लाह मियां ने कहा कि कुर्बानी इबादत है। इसे खुश दिली से अदा करें, बिना किसी को तकलीफ दिए हुए। घर के अंदर कुर्बानी करें। जानवर से निकलने वाले गंदगी व खून नालियों में ना बहाए बल्कि किसी गड्ढे में दफन करें। कुर्बानी अल्लाह के लिए होती है, इसलिए कुर्बानी की नुमाइश न करें।

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क्त्रद्गश्चश्रह्मह्लद्गह्म ष्ठद्गह्लड्डद्बद्यह्य :

9999घरों में बकरीद की खुशियां, बारिश में भी खरीदारी को निकले लोग

घरों में बकरीद की खुशियां, बारिश में भी खरीदारी को निकले लोग

- आज मनाई जाएगी ईद उल अजहा, ईदगाह में सुबह दस बजे होगी नमाज

- उलमा बोले, प्रतिबंधित जानवरों की नहीं करें कुर्बानी, भाईचारा बनाए रखें

जागरण संवाददाता, बरेली : ईद उल अजहा (बकरीद) को लेकर मुस्लिम संप्रदाय के लोगों में जबरदस्त उत्साह है। घरों में विशेष तैयारियां की गई हैं। लोगों में त्योहार मनाने कच् खुशियां हैं तो बच्चे सबसे अधिक उत्साहित हैं। मंगलवार को रिमझिम बारिश केच्बीच भी महिलाएं व बच्चे खरीदारी के लिए बाजारों में उमड़े। पशुओं की मंडी में खासी भीड़ रही। बकरे 10 हजार से दो लाख रुपये तक बिके। लोगों ने अपनी क्षमता के मुताबिक कुर्बानी के लिए बकरे समेत अन्य पशुओं की खरीदारी की। सुन्नी बरेलवी मसलक के धर्मगुरुओं ने मुसलमानों से अमन और भाईचारे के साथ ईद उल अजहा मनाने की अपील की। प्रतिबंधित जानवरों का इस्तेमाल नहीं करने को कहा। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने को भी कहा।

खुशदिली से मनाए ईद उल अजहा, खुले में न करें कुर्बानी : सज्जादानशीन

आला हजरत दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी ने मुसलमानों से कहा कि बकरीद खुशदिली के साथ मनाए। लोग बकरीद के तीनों दिन खुले में जानवरों की कुर्बानी न करें। नालियों में जानवरों का खून न बहाए। दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी के अनुसार सज्जादानशीन ने दीनी मसाइल पर चर्चा करते हुए कहा कि ईद-उल-अ•ाहा का त्योहार हजरत इब्राहीम अलहेअस्सलाम की याद में मनाया जाता है। कुर्बानी उन्हीं की सुन्नत है। देश भर का मुसलमान इस सुन्नत को खुशदिली के साथ अदा करे। ईद उल अ•ाहा मजहबी त्योहार के साथ ही इंसानियत का भी त्योहार है। मुसलमान ईद उल अ•ाहा को यह नमाज अदा कर जानवरों की कुर्बानी देकर अपने रब को राजी करता है। उन्होंने मुल्क भर के मुसलमानों से कुर्बानी देते वक्त दूसरे मजहब की भावनाओं का खास ध्यान रखने की अपील की। किसी बंद जगह में कुर्बानी कर उसके अवशेष किसी गड्ढे में दफन करने को कहा। कुर्बानी के फोटो या वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल नहीं करने को कहा। धर्मगुरुओं ने कोरोना संक्रमण के कारण बकरीद की नमाज मोहल्ले की मस्जिदों में ही अदा करने की अपील की है। लगातार दूसरे साल भी बकरीद को ऊंटों की कुर्बानी नहीं होगी।

ईदगाह में 10 बजे, जामा मस्जिद में नौ बजे होगी बकरीद की नमाज

दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि बाकरगंज स्थित ईदगाह पर सुबह 10 बजे व दरगाह आला हजरत स्थित रजा मस्जिद पर 10:30 बजे और जामा मस्जिद में सुबह नौ बजे नमाज अदा की जाएगी। जमात रजा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि दरगाह ताजुश्शरिया पर काजी-ए-¨हदुस्तान मुफ्ती असजद मिया 6:30 बजे ईद-उल-अजहा की नमाज अदा कराएंगे।

धर्मगुरुओं ने लोगों को दी बकरीद की मुबारकबाद

ईद उल अजहा पर दरगाह प्रमुख ने सभी लोगों को ईद उल अजहा की मुबारकबाद दी है। दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन काजी-ए-¨हदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी और जमात र•ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां एवम जमात रजा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने भी मुसलमानों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी। आल इंडिया तंजीम उलमा ए इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि बकरीद की नमाज में कोरोना जैसी घातक बीमारी के खात्मे की दुआ करें।

हर बुरी आदत को करें कुर्बान

आला हजरत हे¨ल्पग सोसायटी की अध्यक्ष व तीन तलाक पीडि़ताओं की मददगार निदा खान ने कहा कि ईद उल अजहा कुर्बानी का त्योहार है। हम सबको इस त्योहार से पहले अपनी हर बुरी आदत को कुर्बान कर देनी चाहिए। इस कोरोना काल में जो सरकार की गाइडलाइन मिल रही है, उसे मानना चाहिए और कोरोना रोधी वैक्सीन जरूर लगानी चाहिए।

कुर्बानी की न करें नुमाइश : अब्दुल्लाह रजा कादरी

आला हजरत परिवार से नबीर ए आला हजरत मौलाना अब्दुल्लाह मियां ने कहा कि कुर्बानी इबादत है। इसे खुश दिली से अदा करें, बिना किसी को तकलीफ दिए हुए। घर के अंदर कुर्बानी करें। जानवर से निकलने वाले गंदगी व खून नालियों में ना बहाए बल्कि किसी गड्ढे में दफन करें। कुर्बानी अल्लाह के लिए होती है, इसलिए कुर्बानी की नुमाइश न करें।

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क्त्रद्गश्चश्रह्मह्लद्गह्म ष्ठद्गह्लड्डद्बद्यह्य :

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