बरेली (ब्यूरो) । चुनाव और सड़कों के गड्ढों में यूं तो काई सीधा संबंध नहीं है, पर चुनाव करीब हों तो इन गड्ढों से लोगों का मिजाज बिगडऩे की आशंका बढ़ जाती है और फिर इससे चुनावी हवा का रुख बदलने का खतरा भी बढ़ जाता है। यही वजह है कि सड़कों के गड्ढों को लेकर शासन का रुख खासा सख्त है। शासन ने सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए 15 नवंबर की डेड लाइन निर्धारित की थी, लेकिन शहर में सड़कों को गड्ढामुक्त करने में सिर्फ खानापूरी ही हुई है। एक ही सड़क पर कहीं गड्ढे भर दिए तो कहीं ज्यों के त्यों छोड़ दिए गए हैं। इससे सड़कों को गड्ढामुक्त करने की मुहिम में काम कम दिखावा ज्यादा हो रहा है।


श्यामगंज रोड पर कहीं भरे कहीं छोड़े
श्यामगंज से सैटेलाइट रोड को सीवर लाइन खोदाई के बाद कुछ महीने पहले ही बनाया गया था। इसके बाद भी यह रोड कई जगह टूट गई। मुहिम के तहत इस रोड पर भी गड्ढों को भरने में खेल किया गया है। श्यामगंज चौराहे से आगे एक जगह तो टूटी रोड को सही किया गया है, लेकिन आगे गड्ढों को भरा ही नहीं गया।

बियावानी कोठी रोड पर लापरवाही
सैटेलाइट रोड से बियावानी कोठी रोड पर भी गड्ढों को भरने में लापरवाही बरती गई है। यहां भी कहीं पर गड्ढे भर दिए गए हैं और कहीं छोड़ दिए गए हैं। इसके अलावा यहां रोड के बीच में सीवर लाइन के मेन होल के पास भी सड़क धंस गई है। इससे यहां मेन होल भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।

बरेली क्लब रोड पर की खानापूरी
बियावानी कोठी से बरेली क्लब रोड लंबे समय से जर्जर थी। यह रोड कैंट एरिया में होने के बाद भी इसका निर्माण नहीं हो पा रहा था। अब गड्ढामुक्त मुहिम के तहत इस टूटी रोड को भी सही किया गया है। इस रोड को सही करने में भी खानापूरी ही की गई है। बियावानी कोठी से आगे कुछ दूरी तक तो रोड पर हॉटमिक्स लेयर बिछाई गई पर आगे के गड्ढे नहीं भरे गए हैं। इससे रोड पर अब भी गड्ढे परेशानी का सबब बने हुए हैं। इसके साथ ही वाहनों के गुजरने से उठ रही धूल से भी लोग परेशान हो रहे हैं।

शहर में जहां पर भी रोड के गड्ढे हैं उसे ठीक कराने के लिए संबंधित अधिकारी से कहा है। सभी गड्ढे भर दिए जाएंगे.
डॉ। उमेश गौतम, मेयर