शहर के ज्यादा कोरोना प्रभावित एरियाज बने हैं क्लस्टर

क्लस्टर एरियाज को सील कराने में सैटरडे को जुटी रही पुलिस

बरेली। शहर में कोरोना इंफेक्शन को कम्यूनिटी स्प्रेड के स्तर तक पहुंचने से रोकना अब बड़ी चुनौती बन रहा है। इसके लिए ही क्लस्टर बने शहर के ज्यादा कोरोना इंफेक्शन वाले एरियाज को सील करने की कवायद सैटरडे को दिनभर जारी रही। इसके बाद भी बैरीकेडिंग की व्यवस्था पूरी नहीं होने से कई क्लस्टर में सीलिंग का कार्य पूरा नहीं हो सका। इससे इन एरियाज में कंप्लीट लॉकडाउन की कवायद इनकंप्लीट ही रह गई। इन एरियाज के लोगों ने वीकेंड लॉकडाउन को फॉलो किया और बिना जरूरत के बाहर निकलने से गुरेज भी किया।

क्लस्टर को सील कराती रही पुलिस

शहर में बने कोरोना क्लस्टर्स को सील कराना पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। पुलिस इन एरियाज को सील कराने की व्यवस्था भी कर रही है और खुद को बैरीकेड करने के साथ ही निगरानी भी कर रही है। इससे उसे इन एरियाज में तीहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। सैटरडे को राजेन्द्र नगर क्लस्टर को सील करने के लिए पुलिस बल्लियों को साथ लेकर घूमती रही और रास्तों को सील भी करती रही। जहां बैरीकेडिंग के लिए बल्लियों की कमी पड़ी वहां पेड़ों की टूटी टहनियों से ही काम चलाया गया।

कई क्लस्टर्स नहीं हो सके सील

क्लस्टर एरियाज में कोरोना इंफेक्शन को कंट्रोल करने के लिए यहां सीलिंग की कार्रवाई को जल्दी से जल्दी पूरा कराना था। व्यवस्थाओं की कमी के चलते पुलिस सैटरडे को शहर के सभी क्लस्टर को सील नहीं कर सकी। जिन क्लस्टर में सीलिंग नहीं हो सकी उनमें संजय नगर, मॉडल टाउन, सुभाषनगर, सिविल लाइन के कई एरिया शामिल रहे।

जरूरी काम बताकर निकलते रहे लोग

क्लस्टर एरिया में पूरी तरह लॉकडाउन फॉलो होना है। इसके बाद भी इन एरियाज में लोगों की आवाजाही बनी रही। यहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस को यह लोग कोई न कोई जरूरी काम बताकर निकलते रहे। पुलिस ने भी इन लोगों पर सख्ती नहीं बरती। यह समस्या सबसे अधिक रामपुर गार्डन क्लस्टर में रही। यह एरिया हॉस्पिटल जोन होने से यहां नए, पुराने पेशेंट्स और उनके तीमारदारों का आना-जाना बना रहा। पुलिस चाह कर भी इनको रोक नहीं पाई। इसके अलावा कई क्लस्टर पर तैनात मेल व फीमेल पुलिस कर्मियों का ध्यान अपनी ड्यूटी से ज्यादा अपने मोबाइल पर रहा।

क्लस्टर में कंटेनमेंट जोन की सख्ती

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ईशान प्रताप सिंह ने बताया कि दो दिनों के बाद इन क्लस्टर एरियाज की लिस्ट रिव्यू की जाएगी। इसके अलावा अगर दूसरे एरियाज में भी पाजिटिव केसेस अधिक निकलते हैं तो उन्हें भी क्लस्टर बनाया जाएगा। इन एरियाज में कंटेनमेंट जोन की गाइड लाइन ही प्रभावी होगी।