-कार के पिछले शीशे पर मिले ब्लड से पुलिस को जगी उम्मीद
-सीसीटीवी कैमरों से शक को मिला बल
BAREILLY: प्रेमनगर में मंडे की शाम गांधी नगर क्रॉसिंग के पास सरिया व्यापारी के ड्राइवर से ख्ख् लाख रुपए लूट की गुत्थी पुलिस की शुरुआती जांच में उलझती जा रही है। मौका-ए-वारदात से पुलिस को जितने भी क्लू मिले वह लूट की कहानी को अलग ही मोड़ दे रहे हैं। ऐसे में, पुलिस की निगाह कार के शीशे पर मिले खून के धब्बे की जांच रिपोर्ट पर लगी हुई है। जांच के वक्त पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला, जिससे पुलिस को कुछ मदद मिली है। हालांकि, घटना का नामजद आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं लग सका। फिलहाल पुलिस बदमाशों को स्केच भी तैयार करा रही है।
शीशे टूटने पर सवाल
जांच में पुलिस के शक की सुई कार के टूटे शीशों पर अटक गई है। ड्राइवर धर्मवीर का बयान पुलिस को उलझा रहा है। ड्राइवर का कहना है कि शीशे तमंचों की बट से तोड़े गए। इससे पहले जब उसने गेट नहीं खोले, तो साइड का शीशा तोड़कर उसे तमंचा लगा दिया। लिहाजा, वह मौका पाकर भाग निकला। ऐसे में, सवाल यह उठता है कि ड्राइवर जब गेट खोलकर भाग निकला तो बदमाश पीछे का शीशा तोड़े बगैर ही बैग ले जा सकते थे। फिर, पीछे का शीशा क्याें तोड़ते।
ड्राइवर का लिया सैंपल
ड्राइवर ने पुलिस को बताया था कि बदमाशों के शीशा तोड़ने से उसकी बाईं कोहनी में चोट लगी। ड्राइवर की बात को पुलिस मान भी लें तो यदि शीशा उसकी साइड से तोड़ा गया तो चोट दाहिनी कोहनी में लगनी चाहिए थी और ब्लड उसकी सीट पर गिरना चाहिए था। जबकि ब्लड पिछले शीशे पर गिरा। शक गहराने पुलिस ने ड्राइवर का ब्लड सैंपल कलेक्ट कर ि1लया है।
ब्लड सैंपल भेजा लखनऊ
मौके की जांच करते वक्त फील्ड यूनिट को कार के शीशे पर ब्लड के निशान मिले। यही नहीं पीछे के शीशे के आस-पास ब्लड भी गिरा मिला। फील्ड यूनिट ने सैंपल कलेक्ट कर लखनऊ भेज दिया है। रिपोर्ट जल्दी मिलने के लिए सीओ ने फील्ड यूनिट के डाइरेक्टर से बात भी की है।
साथ में पीता था शराब
ड्राइवर धर्मवीर ने बताया कि उसने कई बार अहमद के साथ शराब पी चुका है, लेकिन उसने रचित के साथ कभी शराब नहीं पी। वहीं धर्मवीर का कहना है कि रचित खड़े-खड़े सब देख रहा था। वहीं रचित ने वापस आने के बाद तमंचे के डर से शोर न मचाने की बात कही थी। पुलिस की जांच में यह भी आया है कि दिन में भी दोनों मोटी रकम लेकर दो से तीन बार घर गए थे। उस दौरान उनके साथ लूट क्यों नहीं हुई। यही नहीं अक्सर रुपए लाने में ड्राइवर और व्हीकल बदल दिया जाता था।
ट्रैफिक की मोबिलिटी पर सवाल
पुलिस ने पास स्थित हॉस्पिटल में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो उसमें कुछ भी साफ दिखाई नहीं दिया। हालांकि इतना जरूर दिख रहा है कि लगातार ट्रैफिक मूवेबल है। जबकि, वारदात के बाद पुलिस मौके पर गई थी तो टै्रफिक जाम हो गया था। ऐसे में यदि लूट ऑन रोड हुई तो ट्रैफिक मूवेबल कैसे रहा। पुलिस वेडनसडे भी अन्य सीसीटीवी फुटेज देखने गई। पुलिस को एक स्वीट शॉप पर सीसीटीवी लगा दिखा, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। उसके बाद पुलिस शील चौराहा पर लगे सीसीटीवी को देखने पहुंची तो पता चला कि यहां भी लगा कैमरा खराब है।
सिर्फ घर में मिली मां
लूट में सरिया व्यापारी रोहित गुप्ता ने ड्राइवर मोहम्मद अहमद व उसके साथियों पर लूट का शक जताया था। लिहाजा, पुलिस ने मोहम्मद अहमद के सुर्खा स्थित घर पर दबिश दी तो पता चला कि अहमद डेढ़ बजे से ही गायब है। उसके पिता की कुछ दिनों पहले मौत हो चुकी है। उसका भाई भी घर से गायब है। घर पर सिर्फ मां मिली, जिसके चलते पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ गया। पुलिस ने लूट के खुलासे के लिए व्यापारी के गोदाम में काम करने वाले 9 स्थाई कर्मचारियों और करीब क्0-क्भ् लेबर से भी पूछताछ की। पुलिस ने वेडनसडे को घटना स्थल पर जाकर भी कई लोगों से पूछताछ की।
लूट के खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच व थाना की कई टीमें लगी हुई हैं। कई प्वाइंट पर जांच चल रही है। कॉल डिटेल से कुछ उम्मीद है।
राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली