विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष

- आंशिक लॉकडाउन होने के चलते पिछले दो माह से कम ही संख्या में निकले वाहन

- 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर लगाए जाएंगे पौधे

बरेली : एक ओर कोरोना को लेकर पूरे प्रदेश में त्राहि-त्राहि मची हुई है, हालांकि अब केसेस कम होने पर लोगों में राहत नजर आ रही है। वहीं जिस प्रकार कोरोना तमाम लोगों के लिए काल बना वहीं शहर की हवा के लिए यह किसी इलाज के कम साबित नहीं हुआ। मार्च माह से कोरोना केसेस बढ़ने के बाद से शासन ने आंशिक कफ्र्यू की घोषणा कर थी इस दौरान आवश्यक सेवाओं के लिए ही लोग घरों के बाहर निकल रहे थे। इस दौरान शहर की आबो-हवा भी काफी साफ हुई। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स महज 120 तक ही आया।

तो ऑक्सीजन कहां से लाओगे

गौर करने वाली बात यह है कि कोरोना की पहली लहर में जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण थे, उनमें और ऐसे मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों में ही संक्रमण की पुष्टि हुई थी लेकिन इस वर्ष आई कोरोना की दूसरी लहर में तो भारी संख्या में लोगों ने अपनी जिंदगी गवां दी। सबसे बड़ी बात इस लहर में यह सामने आई कि जिन संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन लेवल सामान्य से कम था उन्होने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जिस प्रकार पेड़ों का कटान कर बड़ी-बड़ी कॉलोनियां बनाई जा रही है। इस कारण से इस प्रकार की दिक्कतें सामने आना लाजमी है।

इतना रहा एक्यूआई

पर्यावरणविद् डॉ। आलोक खरे के अनुसार मार्च माह में एक्यूआई 120 वहीं अप्रैल में आंशिक कफ्र्यू के बाद एक्यूआई सामान्य से भी नीचे आ गया था। इस दौरान एक्यूआई 80 एमसीजी प्रति क्यूब मीटर रहा। वहीं मई में 90 तक पहुंच गया था, जो कि बेस्ट कैटेगरी में आता है।

इन बातों का रखें ध्यान

- कम दूरी पर जाने के लिए वाहन का उपयोग करने से बचें

- अपने घर के आसपास पौधरोपण जरूर करें

- पानी की बर्बादी न करें न होने दें

- पेड़ बचाने को लोगों में जागरुकता फैलाएं

31 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला

शासन से इस बार जिले को कुल 37 लाख 48 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें वन विभाग को छह लाख 33 हजार, अन्य विभागों को 31 लाख 13 हजार पौधा रोपित करने का लक्ष्य दिया गया है। प्रभागीय वन अधिकारी भारत लाल ने बताया कि शासन की ओर से 2021-22 का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, जिसे विभागवार बांट भी दिया गया है।