- नॉर्मल डेज के मुकाबले बारिश होने से 60 परसेंट तक कम हुआ सिटी का पॉल्यूशन
- पीएम 10 और 2.5 पीएम एक्यूआई में होते हैं शामिल
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बरेली : पॉल्यूशन की मार झेल रहे बरेलियंस को बारिश ने राहत दी है। मॉर्निग और ईवनिंग में मौसम खुशनुमा हो गया है। एयर को दूषित करने वाले पार्टिकल्स कम हुए हैं। एयर में घुल रहे खतरनाक तत्वों से भी निजात मिलने के कारण इससे होने वाली बीमारियों से भी बचाव हो रहा है।
यह भी जानें
0-100-कोई प्रॉब्लम नहीं
101-200-बाहर जाने से बचें
201-300-सांस संबंधी प्रॉब्लम होने का डर
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फैक्ट एंड फिगर
4- गुना बढ़ा हुआ था बारिश से पहले एक्यूआई
40-एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए एक्यूआई
100-एमसीजी प्रति क्यूबिक तक था लास्ट ईयर एक्यूआई
140-एमसीजी प्रति क्यूबिक तक पहुंच गया था इस बार एक्यूआई
70-एमसीजी प्रति क्यूबिक तक रह गया एक्यूआई
2.5 पीएम की अधिकता हेल्थ पर डालती है बैड इफेक्ट
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आईवीआरआई एरिया
पार्टिकल मेजरमेंट
पीएम-10- 130.05
एसओटू- 22.16
एनओटू- 30.47
एक्यूआई- 120
(पीसीबी के अनुसार, जुलाई माह के आंकड़े। मेजरमेंट केजी/क्यूबिक मीटर)
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आईओसी आफिस, सिविल लाइंस
पार्टिकल मेजरमेंट
पीएम-10-156.05
एसओटू- 34.13
एमओटू-42.38
एक्यूआई- 137
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डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पहुंचे दमा पेशेंट
23 पेशेंट मार्च में
25 पेशेंट अप्रैल में
29 पेशेंट मई में
30 पेशेंट जून में
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पॉल्यूशन के जिम्मेदार
धूल भरी आंधी चलना आदि
पावर प्लांट से निकले वाला पॉल्यूशन
फैक्ट्रियों से निकलने वाली जहरीली गैसें
गाडि़यों, जनरेटरों से निकलने वाला धुआं
फसल कटाई के बाद खेतों में लगाई जाने वाली आग
पेंट, हेयर स्प्रे, वार्निश आदि चीजें
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पॉल्यूशन के साइड इफेक्ट
आंखों पर असर - जो लोग फैक्ट्री के पास या फिर ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में रहते हैं। उनकी आंखों में खुजली होती है और ड्राइनेस की शिकायत रहती है।
स्किन और हेयर - बालों का टेक्श्चर खराब होता है और बाल गिरने लगते हैं। स्किन पर दाग धब्बे हो जाते हैं। एग्जिमा, स्किन एलर्जी से लेकर स्किन के कैंसर तक की आशंका बढ़ जाती है।
फर्टिलिटी - प्रदूषण से पुरुष और महिला, दोनों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। स्पर्म और एग बनने की क्षमता कम होती है। मिस कैरिज, प्री मेच्योर डिलीवरी और बच्चे का वजन कम होने की आशंका बढ़ती है।
दिल पर प्रभाव - ज्यादा प्रदूषित इलाके में रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक के खतरे ज्यादा होते हैं। हार्ट से जुड़ी अन्य समस्याएं बढ़ जाती हैं।
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अब क्लीन एयर में ले रहे सांस
पीएम लेवल कम होने से हवा साफ हुई है। इससे लोगों को सांस लेने में फिलहाल कोई दिक्कत नहीं हो रही है। शाम के वक्त एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआर) औसतन 50-55 ई माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है। यह पिछले दिनों की तुलना में बीते दिनों का एयर क्वालिटी एक्यूआई 250 के मुकाबले 60 परसेंट तक कम है।
क्या है पीएम 10
पीएम-10 मोटे धूल के कण होते हैं हवा में सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन मौजूद रहती है। गर्मी में (पीएम-10) फाइन पर्टिकुलर मैटर ज्यादा होता है। बारिश होने से यह कम हो गया है।
क्या है पीएम 2.5
पीएम 2.5 वह आर्गेनिक पार्टिकल होते हैं जो कूड़ा, इलेक्ट्रिक कचरा और पेट्रोल से उत्पन्न होते हैं। इन पार्टिकल्स को नेक्ड आई से नहीं देखा जा सकता है। लेकिन यह सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं।
वर्जन
बारिश के होने से जो धूल के कण हवा में होते हैं वह नीचे आ जाते हैं। नॉर्मल डेज की तुलना में बारिश के होने से पॉल्यूशन 60 परसेंट से अधिक कम हुआ है। बारिश होने से लोगों को फ्रेश हवा मिल रही है।
- डॉ। डीके सक्सेना, इनवॉयरमेंटलिस्ट