-गिरफ्तारी देने के लिए कोतवाली पर इकट्ठा हुए विद्युत विभाग के कर्मचारी

-पुलिस ने समझाया, केंद्रीय कमेटी के संदेश पर कर्मचारी वापस लौटे

बरेली: विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में मशाल जुलूस निकाल रहे कर्मचारियों को पहले सर्किट हाउस पर ही रोक लिया गया। कोतवाली जाने से रोका गया तो बदले हुए रूट से गांधी उद्यान तक जुलूस निकाल लिया। बाद में करीब सवा सौ कर्मचारी स्वेच्छा से गिरफ्तारी देने के लिए कोतवाली पर इकट्ठा हुए। हंगामा होने की आशंका में पुलिस बल तैनात किया गया। लेकिन केंद्रीय कमेटी लखनऊ से गिरफ्तारी नहीं देने का संदेशा आने के बाद कर्मचारी लौट गए।

मंडे को सिविल लाइंस चीफ इंजीनियर कार्यालय पर अधिकारी और कर्मचारी इकट्ठा हुए। तय हुआ था कि कोतवाली तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा। शाम को पांच बजे चीफ इंजीनियर कार्यालय से विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मशाल जलाकर सर्किट हाउस चौराहा तक पहुंचे। यहां कोतवाली पुलिस ने उन्हें रोक लिया। अनुमति के बाबत पूछा। पुलिस प्रशासन की अनुमति ली नहीं गई थी। इसलिए पहले गहमा गहमी हुई। मजबूरन विद्युत विभाग के कर्मचारियों को गांधी उद्यान तक मशाल जुलूस निकालना पड़ा।

इसी दौरान सूचना आई कि लखनऊ, गोरखपुर, शाहजहांपुर, बहराइच में विद्युत विभाग के कर्मचारियों की गिरफ्तारी शुरू हुई है। इसलिए करीब सवा सौ कर्मचारी कोतवाली पहुंच गए। पुलिस से कहा कि वह स्वेच्छा से गिरफ्तारी देना चाहते हैं। इंस्पेक्टर कोतवाली गीतेश कपिल ने पूछा कि गिरफ्तारी किस आधार पर की जाएगी। कर्मचारियों ने कहा कि अगर गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह यही धरना प्रदर्शन करेंगे। इसी दौरान केंद्रीय कमेटी लखनऊ से संदेशा आया कि गिरफ्तारी देने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि अलग-अलग शहरों में गिरफ्तार हुए विद्युत कर्मचारियों को छोड़ा जा रहा है। इसके बाद सभी वापस लौट गए।