बरेली ब्यूरो । एसआरएमएस रिद्धिमा में संडे को भगवान श्री हरि विष्णु के दशावतारों को कथक और भरतनाट्यम नृत्य कर दर्शाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के गुरुओं द्वारा शास्त्रीय संगीत पेश कर की गई। गुरुओं ने एक एक कर भगवान विष्णु के दशावतार ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

कथक के माध्यम से किया पेश

कार्यक्रम में पहली प्रस्तुति भगवान विष्णु के प्रथम अवतार मत्स्य अवतार के साथ हुई। इस अवतार को कथक के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इसमें दिखाया गया कि कैसे भगवान विष्णु ने श्रष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार लिया। इसके बाद भगवान विष्णु के कूर्म अवतार को रिद्धिमा गुरु नृत्य के जरिये दर्शाया गया। दिखाया गया कि कैसे विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान कछुआ (कूर्म) अवतार लेकर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर उठाकर उसका आधार बने और समुद्र मंथन कराया। इस प्रस्तुति के बाद सभागार दर्शकों की तालियों से गूंज उठा।

यह भी रहे मौजूद

कार्यक्रम हारमोनियम पर जनार्दन भारद्वाज, तबले पर शिव शम्भू कपूर और दीपक सहाय, सितार पर कुंवरपाल, बांसुरी पर पवन राज चौधरी, कैसियो पर आगस्टीन फ्रेडरिक, सारंगी पर अनीश मिश्रा, वायलन पर सूर्यकांत चौधरी ने बखूबी साथ दिया। वहीं गायन में शिवांगी मिश्रा और जनार्दन भारद्वाज ने समां बांधे रखा। सभागार में एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, इंजीनियर सुभाष मेहरा और शहर के संभ्रांत लोग मौजूद रहे।