-अनलॉक-1 के पहले दिन छूट मिलने के बाद बाद ही कम लोग घरों से निकले

-मार्केट में इक्का-दुक्का लोग नजर आए, सड़कों पर भी नहीं थी ज्यादा भीड़

-रोडवेज की बसों में कम दिखे पैसेंजर्स, जंक्शन पर भी पसरा रहा सन्नाटा

बरेली: सड़कों पर दौड़ते वाहन, चौराहों पर फिर वाहनों का रूक-रूक कर लगता जाममार्केट में शॉपिंग करने निकले लोगों की खुशी देखते ही बन रही थी। अनलॉक वन के पहले ही दिन बरेलियंस में मार्केट जाकर शॉपिंग करने की खुशी साफ दिखाई दे रही थी। हालांकि इस दौरान कई ऐसे लोग थे जो लॉकडाउन के चलते शहर में फंस गए थे, वाहन बंद होने से वह वापस नहीं जा पाए वह भी मंडे को बसों और ट्रेनों से अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। अनलॉक्ड वन शुरू होने के पहले ही दिन शहर के पार्क बंद रहे, रेलवे ने पैसेंजर्स के लिए पूरी तैयारी तो वहीं रोडवेज बसों पर कम पैसेंजर्स पहुंचने के कारण कम ही बसों का संचालन हो सका। गंगा दशहरा के चलते शहर के अंधिकांश ऑफिसेस तो बंद रहे लेकिन इस दौरान जो भी ऑफिस ओपन हुए वहां पर सेनेटाइज और सोशल डिस्टेंसिंग लोग फॉलो करते हुए दिखे।

पैसेंजर्स के बगैर 'बेबस' रहीं बसें

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फैक्ट एंड फिगर

8-बजे सुबह शुरू हुई रोडवेज की बसें

119-बसें ही चली शाम पांच बजे तक सिर्फ

20-से कम पैसेंजर्स को लेकर रवाना हुई बसें

किसी भी त्योहार या पर्व आने से पहले पैसेंजर्स अपने गंतव्य को जाने के लिए तो परेशान होते थे लेकिन अनलॉक्ड वन में पहले दिन पैसेंजर्स नहीं मिलने से बसें ही 'बेबस' दिखी। सुबह आठ बजे परिवहन निगम ने बसों को तो शुरू कर दिया लेकिन पहले दिन अनलॉक्ड में सुबह से दोपहर तक कुछ ही पैसेंजर्स बस स्टैंड पर पहुंचे, जिन्हें स्क्रीनिंग के बाद बसों से रवाना कर दिया गया। अफसरों का कहना था कि बसों में सीटों के मुताबिक ही पैसेंजर्स को बैठाना था लेकिन पैसेंजर्स नहीं होने से बसों का लोड फैक्टर तक नहीं निकल पा रहा है। इसीलिए पहले दिन कम बसों का संचालन किया गया।

जितना स्टाफ उतने भी पैसेंजर्स नहीं

रोडवेज ओल्ड बस स्टैंड और सैटेलाइट से परिवहन विभाग ने सभी बसों के संचालन की तैयारी कर सभी स्टॉफ को भी ड्यूटी पर लगा दिया। सुबह आठ बजे स्टॉफ भी ड्यूटी पर बर्दी में पहुंच गया। लेकिन सुबह से शाम तक जितना स्टॉफ बस स्टैंड पर दिखा पैसेंजर्स की संख्या उतनी भी बस स्टैड पर दिखाई नहीं दी। बस स्टैंड पर बनी बेंचेज पर बसों के ड्राइवर्स और कंडेक्टर इंतजार करते रहे लेकिन पैसेंजर्स कम ही पहुंचे।

कई बसों में लगाना पड़ा धक्का

लॉकडाउन में करीब दो माह से अधिक समय तक खड़ी रही परिवहन निगम की बसें सुबह को जब बस स्टैंड पर ड्राइवर ने स्टार्ट किया तो वह स्टार्ट भी नहीं हुई। इस दौरान स्टॉफ ने मिलकर कई बसों को तो धक्का लगाकर स्टार्ट कराया।

बोले आरएम

-अनलॉक्ड वन के पहले दिन तो रोडवेज स्टैंड पर कम ही पैसेंजर्स पहुंचे। शाम तक सिर्फ 119 बसें ही बरेली रीजन से पैसेंजर्स को लेकर रवाना हुई। लेकिन पैसेंजर्स कम होने के चलते कम बसों को संचालन पहले दिन तो कम ही हुआ।

एसके बनर्जी, आरएम बरेली रीजन

पैसेंजर्स की बात

-लॉकडाउन से पहले बरेली आया था उसके बाद वाहन नहीं चलने के कारण फंस गया। ऐसे में पास भी नहीं बन सका, जब वाहन चले तो अब बापस कौशाम्बी को जा रहा हूं। अच्छा लग रहा है घर जाने के लिए मौका मिला।

रवि, दिल्ली

-काफी दिनों से लॉकडाउन के चलते घर जाने का मौका नहीं मिल रहा था, अनलॉक्ड वन शुरू हुआ तो रोडवेज की बसें और ट्रेन शुरू तो हो गई। लेकिन ट्रेन पर टिकट ही कंफर्म नहीं हुआ, इसीलिए बस से वापस जा रहा हूं।

अनिल, दिल्ली

शाम साढ़े पांच बजे पहुंची पहली ट्रेन

लॉकडाउन के बाद से अनलॉक्ड वन में पहली बार ट्रेन बरेली जंक्शन पर पहुंची, जो पैसेंजर्स को बरेली जंक्शन से लेकर रवाना हुई। हालांकि इसके लिए रेलवे ने 90 मिनट पहले ही पैसेंजर्स को जंक्शन पर आने से पहले हैंड सेनेटाइज, थर्मल स्क्रीनिंग आदि का काम को पूरा किया। इसके बाद ही जंक्शन पर एंट्री दी गई। सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने के लिए रेलवे ने जंक्शन के प्लेटफार्म से लेकर पैसेंजर्स वेटिंग रूम और इंक्वायरी ऑफिस तक यलो कलर से गोले तक बना दिए। ताकि जंक्शन पर एंट्री करने वाले पैसेंजर्स सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो कर सके।

विदआउट टच हैंडवॉश

रेलवे ने जंक्शन के एंट्री प्वाइंट के बाहर रेलवे प्रशासन ने पैसेंजर्स को हैंडवॉश के लिए दो विद्आउट टच हैंड सेनेटाइज मशीन लगवा दी हैं। जहां पर जंक्शन पर एंट्री से पहले पैसेंजर्स हैंड वॉश और सेनेटाइज कर सकेंगे। विद्आउट टच इस मशीन मशीन में एक तरफ पैडल पुश करने पर पानी तो दूसरी तरफ का पैडल पुश करने पर सेनेटाइज निकलता है। जहां पर पैसेंजर्स अपने हैंडवॉश और सेनेटाइज कर जंक्शन एंट्री करेंगा।