- नगर निगम ने करीब दो महीने पहले छह तालाबों की खोदाई को निकाले थे टेंडर

- सिर्फ टेक्निकल बिड ही खुली, नहीं हुए टेंडर, उथले तालाबों में नहीं भर रहा पानी

बरेली : शहरों में तेजी से गिरते भूमिगत जलस्तर को बचाने के लिए बारिश के पानी को सहेजना जरूरी है और इसके बड़े साधन तालाब हैं। नगर निगम ने करीब दो महीने पहले शहर के छह प्रमुख तालाबों की खोदाई के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की। बारिश आ भी गई, लेकिन तालाबों की खोदाई नहीं हो पाई। तालाब उथले पड़े हैं, इसलिए उनमें पानी नहीं भर पा रहा है। बारिश का पानी रास्तों पर भर रहा है।

नहीं हो सका जीर्णोद्धार

नगर निगम ने करीब दो महीने पहले शहर के छह तालाबों की खोदाई व जीर्णोद्धार के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। तमाम कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया। निर्धारित समय में टेंडर खोले गए, लेकिन सिर्फ टेक्निकल बिड तक ही प्रक्रिया सिमट गई। फाइनेंशियल बिड नहीं खुलने के कारण टेंडर नहीं हो पाए। इस पर तालाबों की खोदाई नहीं हो सकी। नगर निगम ने अपने संसाधनों से डेलापीर तालाब की सफाई करवाई। तालाब से जलकुंभी और अन्य गंदगी को साफ किया गया। टेंडर नहीं होने पर किसी भी तालाब का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया। अब मानसून की बारिश शुरू हो गई है, लेकिन बारिश के पानी को सहेजने की प्रक्रिया अधर में पड़ी है।

इन तालाबों की होनी थी खोदाई

। वार्ड 30 स्वालेनगर स्थित तालाब - 47.54 लाख

। वार्ड 55 सैदपुर हा¨कस स्थित तालाब - 63.38 लाख

। वार्ड 51 बजरंग कालोनी में काशीराम आवास के पास तालाब - 59.01 लाख

। वार्ड 28 फरीदापुर चौधरी स्थित तालाब - 70.43 लाख

। वार्ड 45 महेशपुर अटरिया स्थित तालाब - 57.37 लाख

। डेलापीर तालाब - 2.36 करोड़

तालाबों के खोदाई की टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जल्द टेंडर कराने के साथ ही खोदाई शुरू करवा दी जाएगी।

अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त