-होटल्स और रेस्टोरेंट के साथ घरों की थाली से भी गायब हो रही रही सब्जी

-सीजनल हरी सब्जी के थोक रेट से फुटकर रेट में दोगुना तक का अंतर

बरेली: अनलॉक में सब्जियों की जैसे ही डिमांड बढ़नी शुरू हुई तो सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए है। इतना ही नहीं हरी सब्जी और आलू आम आदमी की थाली से गायब सी हो रही है। मंडी के सब्जी कारोबारियों की मानें तो बारिश होने और कई हरी सब्जियों का सीजन अभी ठीक से शुरू न हो पाने के कारण रेट में बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि कई सब्जियों के मंडी रेट और फुटकर रेट में दोगुना तक का अंतर है। इस समय हरी सब्जियों के साथ सबसे ज्यादा तेजी आलू के दाम आई है। जिससे आम आदमी की थाली से आलू व हरी सब्जी गायब होती जा रही है। सब्जी के दामों में अचानक से हुए उछाल से रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है।

फुटकर विक्रेता खुद तय करते रेट

थोक में जहां नया आलू 25 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। वहीं फुटकर में इसके रेट 35 से 40 रुपए प्रति किलो हैं। सीजनल सब्जियों के साथ ही आलू, टमाटर, धनिया, अदरक से लेकर सीजनल सब्जियों के दाम दोगुने से तीन गुना तक बढ़ गए हैं, जिसका सीधा असर आम आदमी की थाली पर पड़ रहा है। कुछ फेरी वाले इलाका देखकर सब्जी का दाम खुद ही तय करते हैं। शहर की हाई सोसाइटी में इन फुटकर सब्जी विक्रेता दोगुना तक सब्जी के दाम और बढ़ा देते हैं।

कई एरिया में बाढ़ बनी समस्या

थोक मंडी के व्यापारियों की मानें तो हरी सब्जियों के दाम बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि कई एरिया में बाढ़ आने से वहां पर सब्जियां नष्ट हो गई है। अब ऐसे में बरेली क्षेत्र से ही वहां के लिए सब्जियों की सप्लाई हो रही है। साथ ही दूसरे क्षेत्रों से भी सब्जियां कम आ पा रही है। जिस कारण सब्जी की आवक कम हुई और दाम बढ़ गए। जबकि दूसरा कारण यह है जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तो सब्जी बेचने के लिए किसान परेशान था, किसान को खेत में सब्जी नष्ट करनी पड़ी थी। इसके बाद कुछ किसानों ने तो दोबारा लॉकडाउन न लग जाए इसके चलते सब्जी कम भी उगाई है।

सब्जी नाम रेट थोक रेट फुटकर

आलू नया- 25 45

आलू पुराना- 18 30

बींस- 50 120

भिंडी- 15 40

तरोई- 8 40

लौकी- 8 40

टमाटर- 20 80

पालक 25 60

अरबी- 15 40

शिमला मिर्च 30 80

प्याज- 8 20

गोभी- 22 80

गोभी पत्ता- 25 80

टिंडा 20 60

परवल 25 80

धनिया- 150 300

हरी मिर्च 15 40

नीबू 20 40

खीरा 10 30

केला कच्चा 8 40

बैगन 5 30

करेला 10 50

बरसात के कारण इन दिनों मंडी में सब्जी की आवक कम हो रही है। जिससे रेट में बढ़ोत्तरी हुई है। आलू पहले से ही महंगा चल रहा था। हरी सब्जियों के दाम में और उछाल आ गया है। इससे सब्जी के दाम बढ़े हुए हैं। इसमें कोई दुकानदार अपनी तरफ से महंगाई नहीं बढ़ा रहा है।

बनवारी, दुकानदार फुटकर

बारिश के चलते कम किसान मंडी आ रहे हैं। इसके साथ ही कम मात्रा में सब्जी की आवक हो रही है। जिससे दाम में काफी असर पड़ा है। कई एरिया में बाढ़ आई है जिस कारण अपने यहां से सब्जी वहां के लिए भी सप्लाई हो रही है उससे भी दाम में वृद्धि हुई है।

सलीम खां, थोक सब्जी मंडी डेलापीर

बोले बरेलियंस

हरी सब्जियों के दाम में दो से तीन गुना तक वृद्धि हुई है। जिस कारण किचन का बजट बिगड़ गया है। इससे जहां पहले अधिक हरी सब्जी यूज करते थे तो बजट बिगड़ने से अब आम लोग भी हरी सब्जी का यूज कम किए है।

पायल

हरी सब्जी जहां पहले अधिक आती थी आलू भी अधिक आता था तो अब हरी सब्जी की मात्रा तो कम हुई है। हरी सब्जी ही नहीं आलू और टमाटर के साथ कई सब्जियां ऐसी हैं जिनके दाम बेहिसाब बढ़ा दिए गए हैं। जबकि मंडी थोक रेट कहीं कम हैं।

चितवन