-उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ। विशेष गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में दी जानकारी

-हॉस्टल्स और पीजी में रहने वाले नाबालिग बच्चों का रिकॉर्ड होगा ऑनलाइन

बरेली: अगर आपके घर में पीजी या हॉस्टल है और उसमें कोई नाबालिग बच्चा रह रहा है तो यह न्यूज आपके लिए ही है। अब ऐसे सभी पीजी और हॉस्टल ओनर्स को रजिस्ट्रेशन कराना कंपलशरी होगा। उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ। विशेष गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि गैर सरकारी पीजी और हॉस्टल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित नहीं होंगे। ओनर्स को उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिससे गवर्नमेंट के पास नाबालिक बच्चों का पूरा रिकॉर्ड हो।

अब नहीं होगा चाइल्ड लेबर

अक्सर शिकायत आती थी कि पीजी और हॉस्टल्स में बच्चों को रखकर उनसे काम कराया जाता है, लेकिन रजिस्ट्रेशन होने के बाद कोई भी पीजी और हॉस्टल ओनर्स नाबालिग बच्चों से काम नहीं ले सकेंगे। क्योंकि ओनर्स को रजिस्ट्रेशन के दौरान ओनर्स को बच्चों को रखने का कारण भी बताना होगा। जिससे चाइल्ड लेबर रोकने में काफी मदद मिलेगी।

जेजे एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

गैर सरकारी पीजी और हॉस्टल का रजिस्ट्रेशन होने के बाद उस संस्थान में रहने वालों के साथ यदि कोई हिंसा होती है तो संचालक के विरुद्ध जेजे एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ हॉस्टल और पीजी में काम करने वाले इंप्लॉय की भी डिटेल पूरी तौर पर ऑनलाइन रहेगी ताकि सरकार के साथ अफसर भी उसकी निगरानी कर सकें और समय-समय पर निरीक्षण भी हो सके।

ओनर्स को भेजा जाएगा नोटिस

शहर में अभी करीब सौ से अधिक पीजी और हॉस्टल ऐसे संचालित हो रहे हैं जिनमें नाबालिग बच्चों को रखा जाता है। लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन किसी भी पीजी या फिर हॉस्टल ओनर्स ने नहीं कराया है। इसके लिए डीपीओ की तरफ से टीम लगाकर ऐसे पीजी व हॉस्टल चिह्नित किए जाएंगे, उसके बाद सभी को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा।

यह होगा फायदा

-बाल श्रम पर रोक लगेगी

-बच्चों को ऑनलाइन रिकॉर्ड होगा

-हॉस्टल में रहकर नाबालिग बच्चे क्या कर रहा हैं, डिटेल देनी होगी

-हॉस्टल और पीजी ओनर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए मानक पूरे करने होंगे

-हिंसा पर लगेगी रोक, जेजे एक्ट के तहत होगी कार्रवाई।