बरेली (ब्यूरो)। घनी आबादी में आतिशबाजी की होलसेल दुकानों के संचालन को लेकर फैसला एक बार फिर तीन दिनों के लिए टाल दिया गया है। मंडे को मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) चंद्र मोहन शर्मा सिटी मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय से मिलने पहुंचे। काफी देर विचार विमर्श के बाद दुकानों को शिफ्ट करने या फिर उनको लाइसेंस देने को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला। जबकि डीएम कर चुके है कि सीएफओ की आपत्ति के बाद दुकानों के लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं किया जा सकता।

जिले में बड़ा कारोबार
सौ फिटा और मिनी बाईबास पर आतिशबाजी का बड़ा कारोबार है। यहां से आसपास के जिलों के फुटकर विक्रेता आशिबाजी ले जाते हैं। पिछले साल कोविड के चलते होलसेल्र्स को 31 मार्च तक सशर्त आतिशबाजी बेचने की अनुमति दी गई थी। होलसेल्र्स ने 31 मार्च के बाद दुकाने शिफ्ट करने की बात कही थी। लेकिन इस साल भी होलसेल्र्स ने दुकाने शिफ्ट नहीं की। बल्कि लाइसेंस के लिए आवेदन करने हुए फीस तक जमा कर दी। सीएफओ ने आबादी को खतरा बताते हुए लाइसेंस रिन्यूबल पर आपत्ति जता दी। इसके बाद होलसेल्र्स को नोटिस भेजा गया। होलसेल्र्स इस बार भी दिवाली तक आतिशबाजी बेचने के लिए राहत की मांग कर रहे हैं।

आवेदन निरस्त करने की तैयारी
सीएफओ और सिटी मजिस्ट्रेट की मीटिंग में काफी देर तक मसले का हल नहीं निकला। दरअसल, सीएफओ दीपावली तक आतिशबाजी होलसेल्र्स को राहत देने पर अपना सटीक पक्ष नहीं रख सके। सिटी मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय ने बताया कि सीएफओ की रिपोर्ट को आधार मानते हुए ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस आवेदन के निरस्तीकरण की तैयारी की जा रही है।