- योजनाओं में काम न करने वाले 43 अधिकारियों पर शासन ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
- 141 ग्राम पंचायत में 43 जीवीए एवं जीपीए अधिकारियों ने नहीं 2 प्रतिशत भी नहीं किया कार्य
BAREILLY: डिस्ट्रिक्ट की 141 ग्राम पंचायतों में विकास कार्यो में लापरवाही बरतने वाले 43 ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारियों पर सस्पेंशन की गाज गिर सकती है। पिछले दिनों निर्माण कार्यो की हुई जांच में इन अधिकारियों की कार्य प्रणाली की पोल खुली। शासन के निर्देश पर इन अधिकारियों को तलब किया है। यदि ये अपना पक्ष रख पाने में नाकाम साबित हुए तो नप जाएंगे।
यह था मामला
वर्ष 2014-15 में शासन ने डिस्ट्रिक्ट की 141 ग्राम पंचायतों का चयन किया था। 141 ग्राम विकास अधिकारी (जीवीए) व ग्राम पंचायत अधिकारी (जीपीए) को विकास की जिम्मेदारी सौंपी थी। जनवरी में विकास कार्यो की समीक्षा की गई, जिसमें ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाए थे, जो जांच में सच साबित हुआ। लास्ट वीक लखनऊ में हुई मुख्य सचिव की मीटिंग में प्रशासनिक अधिकारियों को आरोपी जीवीए और जीपीए की फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के बाबत नोटिस जारी की गई है।
2 परसेंट ही हुए काम
संबंधित जीपीए एवं जीवीए पर जांच में विकास कार्यो के केवल 2 प्रतिशत कार्य कराए जाने की पुष्टि हुई है। उन पर इंदिरा आवासों का सर्वे और लोहिया आवासों का सर्वे न करने, आदर्श ग्राम के विलेज डेवलपमेंट प्लान बनाने में हीलाहवाली, महिला स्वयं सहायता समूहों का खाता न खोलने, कुपोषण अभियान में भागीदारी न करने, शौचालयों के सत्यापन न करने समेत अन्य कार्य करने में लापरवाही एवं अनदेखी के आरोप लगे थे।
32 जीवीए एवं जीपीए को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उनपर सस्पेंशन की कार्रवाई की जाएगी।
शिव सहाय अवस्थी, मुख्य विकास अधिकारी