- 14 करोड़ 26 लाख 81 हजार रुपये की हुई कुल वसूली

-सात करोड़ 65 लाख रुपए बैंकों ने कर्जदारों से वसूले

बरेली : राष्ट्रीय लोक अदालत में वादकारों ने शनिवार को अपने मुकदमों का खूब निस्तारण कराया। न्यायालय परिसर में सुबह दस बजे से ही वादकारों की भीड़ जमा होने लगी। सभी की मुख्य गेट पर ही थर्मल स्कै¨नग कराई गई। सैनिटाइजर से हाथ धोए बिना कोई अंदर नहीं जा सका। अदालत में 17 हजार 144 मामलों का निस्तारण हुआ।

कोविड गाइड लाइन हुई फॉलो

सुबह 11 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला जज रेणु अग्रवाल ने मां सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। इसके बाद वह बैंकों के द्वारा लगाए गए कई स्टालों पर पहुंची और बैंक अधिकारियों से केस निस्तारण की जानकारी ली। अदालतों में चल रही सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में भ्रमण कर कामकाज का जायजा लिया। मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल के जज मयंक चौहान ने 199 मुकदमे निपटाकर पीडि़त पक्ष को चार करोड़ रुपए बतौर मुआवजा दिलाया। अदालतों में छह करोड़ 56 लाख रुपए जुर्माना जमा हुआ। 1971 मामलों को निस्तारित कर बैंकों ने कर्जदारों से सात करोड़ 65 लाख रुपए वसूली हुई। ई चालान से 2.34 लाख रुपये जुर्माना आया। बीएसएनएल ने करीब ढाई लाख रुपए रिकवरी की। नोडल अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अबकी बार अपेक्षा से कहीं अधिक वादों का निस्तारण हुआ। इस दौरान जिन वादकारों के पास मास्क नहीं थे उन्हें मास्क उपलब्ध कराए गए। कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया। न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखी गई ताकि कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन न हो सके। इस मौके पर एडीजे-प्रथम सुनील वर्मा, रचना अरोरा, अमित सिंह, प्रमोद गुप्ता, स्पेशल जज सत्यदेव गुप्ता, अनिल कुमार सेठ, अब्दुल कयूम, इफ्तेखार अहमद, अंगद प्रसाद, सीजेएम अतुल चौधरी, सिविल जज सीनियर डिविजन हरिश्चंद्र, एसीजेएम-प्रथम विष्णु देव सिंह आदि मौजूद रहे।