बरेली(ब्यूरो)। स्मैक तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर एसिटिक एनहाइड्राइड का इस्तेमाल किया जा रहा है। हरियाणा से मेरठ, बरेली वाया नेपाल यह सप्लाई पहुंचाई जा रही थी। शनिवार रात हरियाणा से सप्लाई लेकर आ रहे तस्करों को प्रेमनगर पुलिस व एसटीएफ टीम ने मिलकर धर दबोचा। पकड़े गए तस्करों में तीन मेरठ के जबकि एक बरेली का है। तस्कर सर्वेश शर्मा प्रेमनगर के शास्त्रीनगर का रहने वाला है जबकि इंद्रजीत मेरठ के हनुमान विहार काजी सराय, सचिन कीना नगर व संजय कुमार शास्त्रीनगर का रहने वाला है। चारों को पुलिस ने जेल भेज दिया।

स्मैक तैयार करने में यूज करते थे कैमिकल
एसटीएफ को जानकारी मिली कि चार तस्कर एसिटिक एनहाइड्राइड लेकर मेरठ से निकले हैं। यह केमिकल तस्कर स्मैक तैयार करने में प्रयोग करते हैं। सप्लाई बरेली व नेपाल पहुंचनी है। इसी के बाद एसटीएफ व प्रेमनगर पुलिस सक्रिय हुई। तय इनपुट पर साईं मंदिर के पास खड़ी गाड़ी पर टीम पहुंची। टीम को देखकर आरोपित भागने लगे लेकिन सभी धर लिये गए। तलाशी में आरोपितों के पास से एसिटिक एनहाइड्राइड बरामद हुआ। पूछताछ में चारों ने अपना नाम सर्वेश शर्मा, इंद्रजीत, सचिन व संजय कुमार बताया। आरोपितों के विरुद्ध प्रेमनगर पुलिस ने एनडीपीएस की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दिया। आरोपितों के पास से सौ लीटर एसिटिक एनहाइड्राइड, 13 हजार छह सौ रुपये बरामद बरामद हुए हैं। गाड़ी भी सीज कर दी गई है।


यह भी जानें
100 लीटर एसिटिक एनहाइड्राइड
13-हजार छह सौ रुपए नकदी
1-कार कार बरामद
4-आरोपित पहुंचाने जा रहे थे माल
3-आरोपित मेरठ के हैं
1-आरोपित है बरेली का
15-सौ रुपए लीटर यह कैमिकल मिलता है हरियाणा में
5-हजार रुपए लीटर के हिसाब से बेंचते थे कैमिकल
25-हजार रुपए एक राउंड में होती थी इनकम


तस्करों के लिए गर्म पानी है एसिटिक एनहाइड्राइड
पूछताछ में इंद्रजीत व सचिन ने स्वीकारा कि यह केमिकल वह हरियाणा के नूहू से जावेद नाम के व्यक्ति से लाते हैं। वहां 15 सौ रुपये प्रति लीटर के हिसाब से यह केमिकल मिलता है। जावेद एसिटिक एनहाइड्राइड का टैंकर चलाता है। उसी में से चोरी कर सप्लाई हम लोगों को दे देता है। सर्वेश शर्मा को आरोपितों ने यह केमिकल 25 सौ रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दिया था। अब सर्वेश यह केमिकल बरेली व नेपाल के तस्करों को चार से पांच हजार रुपये प्रति लीटर के हिसाब से देता। तस्कर यह केमिकल अफीम को फाडक़र स्मैक तैयार करने में प्रयोग करते हैं। चरस तैयार करने में भी यह केमिकल उपयोग में लाया जाता है। स्मैक बनाने वाले लोग इसे गर्म पानी के नाम से मंगाते हैं।

एक चक्कर में सर्वेश को बचते थे 20 से 25 हजार
चारों का सरगना सर्वेश है। मेरठ का रहने वाला सचिन उसकी रिश्तेदारी में है। सर्वेश की साली की बेटी सचिन के साले के बेटे को ब्याही है। उसी के जरिए उसने मेरठ में नेटवर्क खड़ा किया। सचिन के जरिए इंद्रजीत जुड़ा। फिर नेटवर्क बरेली, मेरठ, हरियााणा व नेपाल तक फैल गया। सर्वेश ने स्वीकारा कि एक चक्कर में उसे 20 से 25 हजार रुपये बच जाते थे। सर्वेश शर्मा की शास्त्री नगर में तीन मंजिला आलीशान कोठी है।

संजय बोला- मैं बेकसूर, बुङ्क्षकग पर लाया था गाड़ी
संजय ने खुद को बेकसूर बताया। कहा कि वह बुङ्क्षकग पर गाड़ी चलाता है। इंद्रजीत ने मेरठ से हरियाणा, उसके बाद बरेली तक के लिए गाड़ी 11 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से बुक की थी। बरेली के बाद गाड़ी वापसी होनी थी। इस दौरान टीम ने सभी को पकड़ लिया।