बरेली(ब्यूरो)। टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम चलाया गया था। इसमें टीबी के पेशेंट के सैैंपल आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर लिए गए थे। इसमें 6125 लोगों के सैैंपल लिए गए थे, जिसमें से जांच के बाद करीब 118 लोगों में टीबी के लक्षण मिले। यह अभियान 21 दिनों तक चला था।

लिए गए सैैंपल
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। केके मिश्रा ने बताया कि इस बार बरेली के 118 हेल्थ एंड वैलनेस सैंटरो द्वारा टीबी रोगी खोजी अभियान चलाया गया था। अभियान में 6700 लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 6125 लोगों के सैंपल लिए गए। उन्होंने बताया कि जांच के बाद करीब 118 लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए हैं जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है। अभियान में आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर सैंपल एकत्र किए गए थे। जिनकी जांच की गई। अभियान में मझगवां, भमोरा और बहेड़ी में अधिक मरीज निकले हैं।

26 लाख पेशेंट हैं देश में
क्षय रोग एक ऐसी बीमारी है जो मायक्रोबैक्टीरियम ट्युबर्कुलॉसिस नामक क्षय रोग के जीवाणु के कारण होती है। विश्व में करीब एक करोड़ टीबी के मरीज हैं। जिसमें से करीब 26 लाख रोगी भारत में हैं। हर साल भारत में टीबी से 4.36 लाख रोगियों की मौत हो जाती है।

संक्रमण के लक्षण
सक्रिय क्षय रोग संक्रमण के लक्षणों में कई हफ्तों तक चलने वाली खांसी, बलगम या रक्त के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना, बुखार, और सीने में दर्द मुख्य है।

तीन ब्लॉकों पर मिले अधिक पेशेंट
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 24 मार्च से 13 अप्रैल तक टीबी रोगी खोजी अभियान चलाया गया। जिसमें लक्षित लोगों में से 92 प्रतिशत लोगों की स्क्रीनिंग की गई। अभियान में अन्य क्षेत्रों के मुकाबले मझगवा, भमोरा और बहेड़ी में अधिक मरीज निकले हैं।

सुप्त क्षय रोग
कुछ लोग क्षय रोग के जीवाणु से संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। इसे सुप्त क्षय रोग कहते हैं। सुप्त क्षय रोग के कारण सक्रिय रोग हो सकता है। सुप्त क्षय रोग वाले कुछ लोग हो सकता है कि कभी बीमार न हों।

यूं फैलता हैैं संक्रमण
जिला पीपीएम समन्वयक विजय कुमार ने बताया कि क्षय रोग के जीवाणु का प्रसार संक्रमित श्वसन कणोंं के जरिए फैलते हैं। ऐसे बीमार व्यक्तियों के खांसने या छींकने या यहां तक कि बोलने से निकलने वाले कण। असंक्रमित व्यक्ति के सांस के जरिए उसके फेफड़ों के अंदर संक्रमित कण जा सकते हैं। वह व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। सुप्त क्षय रोग के संक्रमण वाले लोगों से उनके आसपास के दूसरे लोगों में क्षय रोग का जीवाणु नहीं फैलता।

फैक्ट एंड फिगर
92-प्रतिशत लोगों की हुई स्क्रीनिंग
6700- जांच का था टारगेट
6125-लोगों की गईं जांचें
118-लोगों में मिले टीबी के लक्षण
01-करोड़ टीबी के पेशेंट
हैं विश्व में
26-लाख पेशेंट है भारत में
4.36-लाख पेशें़ट की हर साल होती हैैं भारत में मौत