-एमजेपीआरयू वीसी सहित तीन सदस्यीय कमेटी प्रमोट करने के लिए हल निकालने में जुटी

-प्रमोट करने के क्या होंगे मानक, दूसरी वर्ष भी बगैर एग्जाम प्रमोट होंगे स्टूडेंट्स

548-महाविद्यालय हैं एमजेपीआरयू से एफिलेटेड

2-मंडल में हैं एमजेपीआरयू के महाविद्यालय

4.5-लाख स्टूडेंट्स करते हैं महाविद्यालयों से स्टडी

बरेली: यूजी और पीजी के मेन एग्जम और सेमेस्टर एग्जाम के स्टूडेंट्स को इस बार भी एमजेपीआरयू प्रमोट करेगा। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी बनी है जो यह हल निकालने में जुटी है कि एग्जाम के बगैर लगातार दूसरी वर्ष स्टूडेंट्स को प्रमोट करने के लिए क्या मानक रखे जाएं। हालांकि इसको लेकर फ्राइडे को वीसी प्रो। केपी सिंह की एक ऑनलाइन मीटिंग भी हुई। साथ ही अलग-अलग यूनिवर्सिटी को इसकी जिम्मेदारी देकर रिपोर्ट मांगी गई है।

निकाला जा रहा हल

वर्ष 2019-20 में भी कोरोना संक्रमण के चलते स्टूडेंट्स को प्रमोट किया गया था। इसके बाद अब वर्ष 2021 की मेन परीक्षाएं भी नहीं होंगी। ऐसे में लगातार दूसरी बार बगैर एग्जाम कराए ही स्टूडेंट्स को प्रमोट किया जाना है। ऐसे में शासन स्तर से तीन विवि के कुलपतियों की एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें एमजेपीआरयू के वीसी प्रो। केपी सिंह, छत्रपति साहू जी महाराज विवि कानपुर विवि के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक और लखनऊ विवि के वीसी प्रो। आलोक कुमार राय को शामिल किया गया है। प्रमोट करने के लिए हुई ऑनलाइन मीटिंग में नियम भी तय करने को लेकर चर्चा हुई। कमेटी में यह भी बात उठी कि जो स्टूडेंट्स फ‌र्स्ट ईयर में थे उनको प्रमोट करके सेकेंड ईयर में और जो सेकेंड ईयर में थे उनको थर्ड ईयर में भेजा जा चुका है। अब ऐसे में जो स्टूडेंट्स फाइनल ईयर में हैं उनका रिजल्ट कैसे जारी किया जाएगा इस पर भी मंथन किया गया। वहीं एलएलबी और मेडिकल के स्टूडेंट्स के रिजल्ट को लेकर भी चर्चा हुई।

पिछले वर्ष बीच में छूट गए थे पेपर

ज्ञात हो कोरोना महामारी की पहली लहर में भी एमजेपीआरयू के एग्जाम चल रहे थे। मार्च माह में ही एग्जाम के दौरान कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने लगा, तो उसी समय लॉकडाउन लगा दिया गया था। एग्जाम पूरे भी नहीं हो सके। किसी स्टूडेंट का एक तो किसी के दो पेपर ही हो सके। ऐसे में जो एग्जाम हो चुके थे उनके आधार पर ही स्टूडेंट्स को प्रमोट करने का निर्णय लिया गया। जबकि फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स का लॉकडाउन खत्म होने के बाद एग्जाम कराया गया था। वहीं बार काउंसिल ने स्टूडेंट्स को प्रमोट करने के लिए हामी नहीं भरी, जिसके बाद एलएलबी और एलएलएम के स्टूडेंट्स के एग्जाम कराए गए थे।

छात्र बोले अच्छा फैसला

- संक्रमण काल में एग्जाम ने कराने का फैसला ठीक है। एग्जाम होने से एक ही खतरा था लाखों परीक्षार्थी शामिल होंगे। तो कोरोना का खतरा बढ़ेगा। सही फैसला है और इससे छात्रों को राहत मिलेगी।

- गजेन्द्र, छात्र नेता

- कोरोना के मामले शहर में भी लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में परीक्षाएं कराना किसी खतरे से कम नहीं था। एक भी केंद्र पर कोई संक्रमित अगर शामिल होता तो खतरा बहुत बढ़ जाता। राहत भरा फैसला रहा।

- नितिन, बीटेक फ‌र्स्ट ईयर

- इस समय परीक्षाएं कराना सही नहीं था। सरकार ने कोरोना को देखते हुए सही फैसला लिया। इसीलिए परीक्षाएं कराए बगैर प्रमोट करने का जो निर्णय लिया है वह छात्र हित में भी ठीक है।

- लोकेश, बीटेक थर्ड ईयर

- इस फैसले से सभी को राहत मिलेगी। शिक्षक और परीक्षार्थी सभी को राहत है। परीक्षाएं आयोजित होती तो शायद कोरोना के डर से ही कई छात्र छात्र तो परीक्षा छोड़ देते। राहत भरा फैसला रहा।

- अमित, बीटेक फोर्थ ईयर