- टिबरीनाथ मंदिर में सुधांशु जी महाराज ने सिखाई जीवन जीने की कला

- आज सुबह आठ बजे से सत्संग परिसर में आयोजित होगी कथा अमृत वर्षा

BAREILLY: हमारी जिंदगी एक गुलदस्ते की तरह है, जिसमें फूलों के साथ पत्ते, घास और कांटे भी हैं, लेकिन जब यह मिलते हैं तब ही गुलदस्ता पूर्ण होता है। जीवन जीने के इन्हीं रहस्यों के साथ सुधांशु जी महाराज ने अमृत वचनों की वर्षा की। विश्व जागृति मिशन की ओर से थर्सडे से टिबरीनाथ मंदिर के कथा स्थल पर सुधांशु जी महाराज का चार दिवसीय सत्संग कार्यक्रम आयाजित किया गया, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। विराट भक्ति सत्संग में महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्तों की होड़ रही। इस मौके पर प्रधान देवेंद्र खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष नरेंद्र नाथ खुराना, महामंत्री पवन कुमार अरोड़ा, कथा संयोजक संजय गर्ग, जगदीश खंडेलवाल, संदीप मेहरा व अन्य मेंबर्स समेत भारी संख्या में वॉलंटियर्स मौजूद रहे।

सिखाया जीवन का मूलमंत्र

विराट भक्ति सत्संग कार्यक्रम की शुरूआत थर्सडे शाम भ् बजे से हुई। इस मौके पर समिति के पदाधिकारियों ने सुधांशु जी महाराज को फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया। महाराज जी ने कथा की शुरुआत अंतर्मन में नाकारात्मक विचारों के प्रवेश को रोकने के आश्वासन से किया। उन्होंने मनुष्य को हंसने, हंसाने और खुश रहने की सलाह देते हुए मन के हर कोने में आत्मसंतुष्टि को बसाने की सलाह दी। प्रवचन के दौरान 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' समेत विभिन्न भक्ति गीतों के साथ माहौल को और भी भक्तिमय बनाते रहे।

कुछ यूं रहा माहौल

टिबरीनाथ मंदिर के विशाल कथा स्थल में महाराज के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भारी भीड़ होने से प्रांगण में तिल रखने की जगह भी शेष नहीं रही। महिलाएं महाराज की आरती उतारने के लिए घरों से आरती की थाली सजाकर लाई थीं। श्रद्धालु सुधांशु जी महाराज के प्रत्येक आशीर्वचनों पर तालियां बजाकर और हाथ उठाकर भावविहवल होते रहे। दूसरी ओर प्रांगण में लगाई गई भक्ति पुस्तक स्टॉल्स पर भी लोगों ने गुरु की पुस्तकों समेत जंत्रियों की खरीददारी और जानकारी ली।