- सुबह के सत्र में योग और शाम के सत्र में जीवन में असली आनंद पर हुआ प्रवचन

BAREILLY:

विश्व जागृति मिशन बरेली मंडल के चल रहे विराट भक्ति सत्संग कार्यक्रम के दूसरे दिन परमपूज्य गुरुदेव सुधांशु महाराज ने श्रद्धालुओं को शुद्ध परिष्कृत और असली आनंद की जानकारी दी। कहा कि, आनंद व शांति कहीं बाहर नहीं बल्कि व्यक्ति के भीतर ही मौजूद है। जब तक हमारे अंदर परिवर्तन नहीं आएगा तब तक बाहर भी खुशी नहीं हो सकती। श्रद्धालुओं को सुझाव दिया कि हर दिन शांति से सोने और जगने के लिए प्रभु का स्मरण और कर्मो में ईमानदारी का होना जरूरी है। जिसकी असली खोज अंदर से शुरू होती है जो बाहर झलकती है।

बताया ध्यान का महत्व

इससे पहले सुबह के सत्र में योग गुरु डॉ। अर्चिका दीदी ने योग क्रिया की जानकारी दी। उन्होंने ध्यान का महत्व बताते हुए कहा कि अपने मन में पॉजीटिव विचार ही रखना चाहिए। किसी के बारे में गलत न सोचें, पॉजीटिव सोचने से पॉजीटिव एनर्जी प्राप्त होती है। जिससे प्रयास भी पॉजीटिव ही होते हैं। मन को शांत करने का यहीं सबसे बेहतर जरिया है। कहा प्रजेंट में अक्सर आदमी पॉजीटिव थिंकिंग के साथ कार्य का शुभारंभ करते हैं लेकिन थोड़ी सी मुश्किल होने पर थिंकिंग निगेटिव हो जाती है। जिससे रिजल्ट पॉजीटिव व निगेटिव जिसका ध्यान ज्यादा किया जाता है वही फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि जीवन का एक एक क्षण आनंद में बिताने के लिए साकारात्मक सोच रखें।

गुरु के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

दशहरा मेला ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में सुबह के सत्र में योग क्रिया करने और प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वहीं, शाम के सत्र में गुरुदेव की एक झलक पाने को भारी तादाद में लोग मौजूद रहे। करीब 3 हजार की क्षमता वाले पांडाल पूरी तरह ठसाठस भरा रहा। इतनी भारी भीड़ के बावजूद गुरु के प्रवचन के दौरान पिन ड्रॉप सायलेंस रहा। कथा प्रभारी संदीप मेहरा ने बताया कि फ्राइडे को यजमान महेंद्र गंगवार और उनके परिवार ने गुरु का माल्यार्पण किया। इसके अतिरिक्त राम स्वरूप आहूजा, नीरव अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल, रमेश, सतीश समेत अन्य यजमान विशेष तौर पर मौजूद रहे। कथा के दौरान पवन अरोड़ा मौजूद रहे।