बरेली (ब्यूरो)। लगातार हो रहे सुसाइड चिंता का विषय बनता जा रहा है। सुसाइड की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। एक मई से अब तक आठ लोग सुसाइड कर चुके हैं। इसमें पांच महिलाएं और तीन पुरुष शामिल है। फतेहगंज पश्चिमी में हुए दोहरे सुसाइड में पुलिस ने मृतक युवतियों के रिश्तेदारों को ही जेल भेजा है, जबकि तीन मामलों में सुसाइड करने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।

छोटी बातों पर सुसाइड
बता दें कि सुसाइड वाले केस में पुलिस ने जांच पड़ताल की, लेकिन किसी भी मामले में पुलिस को सुसाइड का बड़ा कारण नहीं मिला। लगभग सभी मामलों में युवक ने छोटे-छोटे कारण के चलते सुसाइड किए हैं। इसमें सबसे ज्यादा चर्चित रहने वाला मामला फतेहगंज पश्चिमी का है। यहां दो बहनों ने एक साथ सुसाइड कर लिया था। दो बहनों की मौत को लेकर काफी बवाल मचा। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर मृतका की भाभी समेत अन्य को जेल तक भेज दिया, जबकि दूसरा सबसे ज्यादा चर्चित मामला सुभाषनगर के मढ़ीनाथ का है। यहां रिटायर्ड दरोगा के बेटे दीपक के सुसाइड कर लिया था। फिलहाल अब तक हुए सभी सुसाइड के मामलों में पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।

ये होते हैं सिम्टम्स
जिनमें नॉर्मल या माइल्ड डिप्रैशन होता है वे लोग सिचुएशन से उभर आते हैैं। लेकिन जिनमें डिप्रैशन काफी सीवियर होता है। उनमें धीरे-धीरे सुसाइड की टेंडेंसी पैदा होने लगती है। ऐसे टाइम में उस पर्सन को सपोर्ट और केयर की काफी ज्यादा जरूरत होती है। डिप्रेशन में जा रहे लोगों में एक टाइम बाद काफी चेंज दिखाई देने लगते हैैं। वे शांत हो जाते हैैं किसी से बात नहीं करते हैैं। ऐसे में उसके आसपास के लोगों को उनका मोराल बूस्ट करना चाहिए और उनका माइंड डाइवर्ट करने की कोशिश करनी चाहिए।

सुसाइड के आंकड़े

। 01 मई : मढ़ीनाथ में रिटायर्ड एसआई के बेटे ने किया सुसाइड

। 01 मई : सिठौरा में युवक ने जहरीला पदार्थ खाकर किया सुसाइड

। 09 मई : बारादरी के डोहरा गौटिया में महिला ने किया सुसाइड

। 10 मई : फतेहगंज पश्चिमी में दो सगी बहनों ने किया फांसी लगाकर सुसाइड

। 11 मई : नवाबगंज की रहने वाली विवाहिता सैफ ने किया सुसाइड

। 12 मई : नवाबगंज की एक महिला ने छत से छलांग लगाकर किया सुसाइड

। 14 मई : सुभाषनगर के मढ़ीनाथ के रहने वाले रोहित ने खुद को मारी गोली

सुसाइड करने वाले लोगों में यह काफी देखा जाता है कि वे एक फिक्स टाइम पर ही सुसाइड करते हैैं। इसमें रात के तीन से पांच का समय ज्यादा देखा जाता है। यह वहीं टाइम होता है। जब पर्सन अकेला होता है। रात में लेटते समय लोग अकेले होते हैैं। ऐसे में निगेटिव थॉट्स काफी ज्यादा आता है। वहीं वे खुद को अकेले पाकर सुसाइड कर लेते हैैं।
- वीके श्रीवास्तव, साइकाईट्रिसट