कालीबाड़ी स्थित मां दुर्गा मंदिर के अंदर भक्त नहीं कर सकेंगे प्रवेश, बाहर से होंगे मां के दर्शन

- 84 घंटा मंदिर में शारीरिक दूरी के साथ कर सकेंगे दर्शन, बिना मास्क के नहीं मिलेगा प्रवेश

बरेली : शारदीय नवरात्र सैटरडे यानि आज 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। अश्विन माह की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक देवी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाएगी। जगह-जगह मां अंबे के स्वरूपों की पूजा अर्चना होगी। घट स्थापना होगी। इस बार नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस तरह के शुभ समय में माता की चौकी की स्थापना करने से घर में समृद्धि आती है। साथ ही तुला राशि में सूर्य पहुंचेगा। ऐसे में मां दुर्गा की उपासना सर्व मंगलकारी होगी। इस बार मां का दरबार आठ दिन सजेगा। अष्टमी व नवमी एक साथ मनेगी। सनातन धर्म में मां भगवती की पूजा अराधना का विशेष महत्व है। नवरात्र को लेकर शहर के मंदिरों में भी तैयारी कर ली गई हैं।

कालीबाड़ी मंदिर

कालीबाड़ी स्थित मां काली के मंदिर में फ्राइडे देर शाम तक सजावट आदि का काम पूरा कर लिया गया। लेकिन भक्त इस बार यहां मंदिर के बाहर से ही मां के दर्शन कर पाएंगे। मंदिर के पुजारी पंडित नितिन गौड़ ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से दिए गए नियमों का पालन करते हुए मंदिर में इस बार भक्त बाहर मुख्य गेट से ही दर्शन कर सकेंगे। यहीं पर उनका प्रसाद आदि भी चढ़ाया जाएगा। सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। जो कि रात 10 बजे बंद होगा। मां की आरती सुबह पांच बजे व रात्रि में आठ बजे होगी।

चौरासी घंटा मंदिर

बदायूं रोड स्थित 84 घंटा मंदिर के व्यवस्थापक र¨वद्र मोहन गर्ग ने बताया कि दरबार सुबह पांच बजे खुल जाएगा। सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाने वाले को ही मंदिर परिसर में दो-दो भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। सभी भक्त नियमों का पालन करते हुए दर्शन कर सकेंगे। मंदिर दोपहर दो से पांच बंद रहेगा। जबकि रात 10 बजे फिर से मंदिर बंद हो जाएगा।

नवदुर्गा मंदिर साहूकारा

मोहल्ला साहूकारा स्थित नवदुर्गा मंदिर के महंत योगी किशोर नाथ जी ने बताया कि मंदिर में भक्तों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए एंट्री दी जाएगी। लेकिन इस दौरान मंदिर को सैनेटाइज और कोविड रूल्स फॉलो कराए जाएंगे। किसी भी भक्त को मंदिर के अंदर प्रसाद आदि चढ़ाने की अनुमति नहंीं है इसके लिए अलग से पात्र रखा जाएगा। मंदिर भक्तों के लिए समय से ओपन कर दिया जाएगा। मंदिर को फ्राइडे देर शाम सजावट का काम पूरा कर लिया गया है।

मंदिरों में खास सतर्कता

इन दिनों के उत्सव में भक्त देवी की आराधना करते हैं। वैसे तो साल में दो बार नवरात्र आते हैं, लेकिन शारदीय नवरात्र की विशेषता है कि घरों में कलश स्थापना करके मां भगवती की आराधना की जाती है। प्रतिपदा तिथि को माता के प्रथम स्वरूप शैल पुत्री के साथ ही कलश स्थापना के लिए भी अति महत्वपूर्ण दिन होता है। कोरोना काल के चलते इस बार भी मंदिरों में खासी सतर्कता बरती जा रही है।

नहीं होंगे देवी जागरण

84 घंटा मंदिर व कालीबाड़ी मंदिर में हर वर्ष मंदिर परिसर के अंदर होने वाली देवी चौकी व जागरण का आयोजन इस बार नहीं किया जा रहा है। लोगों को भीड़ एक जगह इक्ट्ठा न हो सके इसके लिए यह व्यवस्था की गई है।

सबसे अधिक छोटी मूर्तियों की मांग

इस बार दुर्गा पूजा के बड़े आयोजन नहीं हो रहे हैं। ऐसे में लोग अपने घरों में ही मां की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं। मूर्ति विक्रेता सचिन व रमेश ने बताया कि इस बार बाजार में सबसे अधिक मांग मिट्टी की छोटी मूर्तियों की है। जिसमें 251 रुपये से एक हजार रुपये तक की मूर्तियां अधिक बिकी हैं।

जमकर हुई पूजन सामग्री की बिक्री

कुतुबखाना रोड स्थित पूजन सामग्री का सामान बेचने वाले राजेश बताते हैं कि फ्राइडे को माता की चुनरी से लेकर पूजा के लिए रोली, मौली, सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, अगरबत्ती, कपूर, नारियल, जौ, मिट्टी, कसौरा, देसी घी, माचिस, शहद, पंचमेवा, अखंड जोत की बत्ती, इत्र, मिश्री दाना की अच्छी डिमांड रही। सबसे अधिक भीड़ पूजा का सामान लेने वालों की ही बाजार में रही।