बरेली (ब्यूरो)। देश बावर्दी लांस नायक को दिनदहाड़े गोली मारने के मामले में एडीजे 14 कोर्ट ने मुख्य आरोपित को फांसी और उनके एडवोकेट भाई को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है। छह साल में आए कोर्ट के फैसले का फैसले का रिटायर्ड फौजियों ने स्वागत किया है।

चौराहे पर मारी थी गोली
हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले अनिल कुमार जाट रेजिमेंट सेंटर में लांस नायक पद पर तैनात थे। वह कैंट में मदारी पुलिया रोड पर एक कमरे में किराए पर रह रहे थे। 21 मार्च की दोपहर करीब दो बजे अनिल ड्यूटी के बाद साईकिल से वर्दी में घर लौट रहे थे। जैसे ही अनिल सदर बाजार छोटी मस्जिद चौराहे पर पहुंचे, इसी बीच पीछे से आ रहे धु्रव चौधरी ने अनिल की पीठ पर गोली मार दी थी। गोली लगते ही वह साइकिल से गिर गए। जिसके बाद हमलावर ने दूसरी गोली सामने से मारी और तमंचा लहराते हुए मौके से चला गया था।

थाने में किया था सरेंडर
दिनदहाड़े चौराहे पर सेना के जवान को गोली मारने के बाद सदर बाजार में भगदड़ मच गई थी। एक ओर घटना की जानकारी पर कैंट पुलिस ने घायल लांस नायक को सेना के अस्पताल ले जाया गया। वहीं दूसरी ओर आरोपित ने थाना कैंट में सरेंडर कर दिया था। इसके कुछ देर बाद ही डाक्टरों की टीम ने सैनिक को मृत घोषित कर दिया था। घटना की जानकारी होने पर तमाम सेना के अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। सेना के अधिकारियों ने खुद पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए थे। इस मामले में सेना के अधिकारी और जवान खुद पैरवी की थी।

भाई की पिटाई पर की थी हत्या
मुख्य आरोपी ध्रुव चौधरी के भाई राजेश चौधरी ने घटना से बीते दिनों लांसनायक के फौजी के दोस्त की पत्नी के साथ छेड़छाड़ की थी। जो तत्काल भूटान में तैनात था। दोस्त की पत्नी ने छेड़छाड़ की बात अनिल को बताई थी। इस पर अनिल ने राजेश की पिटाई कर दी। इसी बात का बदला लेने के लिए ध्रुव चौधरी ने अनिल की बीच चौराहे पर गोली मारकर हत्या कर दी थी।

खुलेआम दी थी धमकी
लांस नायक अनिल कुमार की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने वाले ध्रुव चौधरी ने बीच बाजार में तमंचा लहराया था। इसके साथ ही उसने घटना को देख रहे राहगीर और दुकानदारों को धमकी दी थी, कि अगर किसी ने भी उसके खिलाफ गवाही दी तो वह उसका भी यही अंजाम करेगा। यही वजह है कि बीच चौराहे पर हुई घटना के बाद दहशत में व्यापारियों ने दुकान अपनी-अपनी बंद कर दी थी और कोई भी गवाही देने के लिए आगे नहीं आया था।

सेना ने लगाया था आउट ऑफ बॉन्ड

बता दे की स्थानीय लोगों और चश्मदीद गवाहों का सहयोगी ने गवाही देने से इनकार कर दिया था। करीब 30 से 35 दुकानदार और दो दर्जन से अधिक मौके पर चश्मदीद गवाहों ने ध्रुव चौधरी की दहशत में गवाही कर दिया था। इसी को लेकर सैनिक अधिकारी स्थानीय लोगों से खफा हो गए थे। जिसको लेकर सेना ने सैनिकों के सदर बाजार जाने पर पूरी तरह से आउट ऑफ बॉन्ड लगा दिया था। यह आउट ऑफ बॉन्ड करीब 3 साल तक पूरी तरह से लागू रहा था।

कोर्ट ने भेजा था जेल
बता दें की चार माह पहले लांस नायक अनिल हत्याकांड में गवाहों ने कोर्ट में कहां था, कि ध्रुव और उसके भाई राजेश चौधरी जेल से जमानत के बाद से ही अनिल हत्याकांड के मुख्य गवाहों को गवाही देने से रोक रहे हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं। इसी को लेकर कोर्ट ने दोनों आरोपितों की जमानत निरस्त कर दोनों को जेल भेज दिया था।

ये रहे मौजूद
सूबेदार ओमकार सिंह, सूबे। पीके सिंह, एसबी दीक्षित, सूबेदार मेजर कुलदीप सिंह, बलबंत सिंह अहलावत, जगत सिंह भाटिया, डीबी गोस्वामी, दिवाकर लाल, आजाद गोस्वामी, एनपी पाण्डेय, मख्त्यार सिंह समेत अन्य रिटायर्ड फौजी और अफसर मौजूद रहे।