बरेलीे( ब्यूरो) । शहर में लंबे समय से चल रहे कंस्ट्रक्शन वक्र्स की वजह से उठने वाली धूल से बरेलियंस का सांस लेना मुश्किल हो गया था। लेकिन इन दिनों हो रही बारिश ने हवा में मौजूद पॉल्यूशन को धो डाला, इससे एक्यूआई सामान्य से भी नीचे आ गया। इसके चलते बरेलियंस को सांस लेना आसान हो गया। हालांकि बारिश रुकने के बाद आने वाले दिनों में फॉग बढऩे से एक्यूआई में बढ़ोत्तरी होने से एक्यूआई में भी बढ़ोत्तरी होने से लोगों को प्रॉब्लम फेस करनी पड़ सकती है।

मौसम के साथ बदल रहा एक्यूआई
कुछ दिनों से मौसम के बदलते मिजाज की वजह से एक्यूआई लगातार घट बढ़ रहा है। पिछले दिनों का देखा जाए तो फॉग व ठंड का सामना की वजह से एक्यूआई मेें भी बदलाव देेखने को मिल रहा है। ऐसे में 25 दिसम्बर से एक्यूआई में लगातार गिरावट देखने को मिली है। 30 दिसंबर तक एक्यूआई कंट्रोल रहा। इसके बाद 2 जनवरी को फिर एक्यूआई बढ़ा जो 4 जनवरी तक 200 से पार पहुंच गया। इसके बाद 5 जनवरी से बारिश होने के बाद फिर एक्यूआई कम होने लगा जिससे बरेलियंस को सांस लेना और भी आसान हो गया है। पिछले दिनों पॉल्यूशन की वजह से बरेलियंस को खुले में सांस लेना मुश्किल हो गया है।

फैक्ट एंड फिगर
दिसम्बर एक्यूआई
25 228
27 220
29 177
31 244
जनवरी
1 200
3 212
5 156
7 87
8 86

यह हैं एक्यूआई के मानक
0-50 मिनिमम रहता है
51-100 बेहतर से थोड़ा कम
101 - 200 लंबे समय तक सांस लेने में समस्या
310 -400 संपर्क में रहने पर बीमारी की दिक्क्त
400 हेल्दी लोगों में भी हो सकती है सांस की बीमारी

यह भी जाने
पीएम-पार्टी कुलेटैड मैटर
पीएम -10 60 माइक्रो प्रति मीटर क्यूब
एसओ -2 40 माइक्रो प्रति मीटर क्यूब
एनओ -2 50 माइक्रो प्रति मीटर क्यूब

घटने लगा पीएम
कुछ दिनों में पहले शहर में पॉल्यूशन इतना बढ़ गया था। जिसमें पीएम- 5 व 10 के कण भी देखे गए। जिसकी वजह से सडक़ों पर बिना मास्क के निकलना मुश्किल हो गया था। जो शहर में चल रहे कंट्रक्शन के काम की वजह से हो रहा था। जिसकी वजह से एक्यूआई में भी बढ़त देखी गई। वहीं वारिश होने के बाद एक्यूआई कम होने लगा। वर्तमान को एक्यूआई देखा जाए तो 7 जनवरी का 86 पर पहुंचा है। ऐसे में बात की जाए पीएम कणों की तो वारिश के वाद यह पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं। जिससे एक्यूआई में गिरावट आ जाती है।

बारिश के बाद बढ़ सकती है समस्या
वर्तमान में बारिश होने की वजह से लगातार एक्यूआई में गिरावट हो रही है। लेकिन बारिश का सिलसिला थमने के बाद एक्यूआई बढऩे से परेशानी का सामना भी करना पढ़ सकता है। जानकारों की मानें तो बारिश के बाद फॉग बढऩे से एक्यूआई में भी तेजी से बढ़ोत्तरी होगी जो परेशानी का कारण बनेगा।

दमा व अस्थमा के रोगियों को हो सकती परेशानी
मौसम के बदलता मिजाज लोगों को काफी हद तक भारी पढ़ सकता है। जो सबसे ज्यादा दमा व अस्थमा रोगी के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में पॉल्यूशन को घटना बढऩा व फॉग का होना इन रोगियों को समस्या कारण बन सकते हैं। इससे रेस्पीरेटर ऑर्गन में इंफ्ेक्शन के चांसेज बढ़ जाते हैं। इस दौरान डर्ट माइट भी काफी एक्टिव होती है। बदलते मौसम में मानव की बॉडी टेंप्रेचर एडजस्ट नहीं कर पाती है। जिससे लोग बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।

वर्जन
इस समय शहर का एक्यूआई सामन्य है। बारिश की वजह से पॉल्यूशन काफी हद तक कम हुआ है। पहले शहर में हो रहे कंट्रक्शन कार्य की वजह से पॉल्यूशन व एक्यूआई बहुत बढ़ा लेकिन बारिश होने से नॉर्मल से भी स्थिति ठीक है। लेकिन जैसे ही बारिश रुकेगी एक साथ एक्यूआई में बढ़ोत्तरी होगी।
रोहित ंिसंह, क्षेत्रीय अधिकारी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड