बरेली (ब्यूरो)। पर्यावरण संरक्षण के लिए हरियाली बचाने और बढ़ाने का संकल्प बीते दिनों खूब जोर-शोर से लिया गया। इस संकल्प को पूरा करने के लिए जिले मेें 42 लाख पोधरोपण का लक्ष्य भी निर्धारित है। रोपित होने के बाद इन पौधों में कितने जीवित रहेंगे और उनमें से भी कितने पौध पेड़ बनकर पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनेंगे, इसका तो पता नहीं, पर जो वृक्ष अस्तित्व में हैं, उनका विनाश किया जा रहा है। हम बात कर रहे हैं शहर में सडक़ों के किनारे से उजाड़े जा रहे पेड़ों की। स्मार्ट सिटी के नाम पर नगर निगम शहर की हरियाली को उजाडऩे में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। यह हरियाली पहले सडक़ों के चौड़ीकरण के लिए उजाड़ी गई अब बचे हुए पेड़ फूटपाथ की भेंट चढ़ रहे हैं।

बिन आंधी के गिर रहे हैं पेड़
पेड़ यूं तो तेज आंधी में गिरते हैं, पर इन दिनों सडक़ किनारे के बड़े-बड़े पेड़ बिन आंधी के ही धराशायी हो रहे हैं। इन पेड़ों की अकारण मौत हो रही नगर निगम की लापरवाही से। स्मार्ट सिटी के लिए सडक़ों के चौड़ीकरण के बाद अब फूटपाथ बनाने की कवायद चल रही है। इसके लिए सडक़ किनारे की खाली जगह को जेसीबी से खोदा गया था। इसमें पेड़ों की जड़ें भी कट गई और उनकी पकड़ की ढीली हो गई। इसके चलते ही अब यह पेड़ हवा के हल्के झोंके से ही गिर रहे हैं।

चरमरा रही है बिजली व्यवस्था
इन दिनों फीडर से बिजली सप्लाई पर्याप्त मिलने के बाद भी शहर को भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह लोकल फाल्ट हैं। यह फाल्ट हो रहे हैं बिजली लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से। बिजली की लाइनें झतिग्रस्त हो रही हैं सडक़ किनारे पेड़ों के असमय गिरने से। यह पेड़े बिजली की लाइनों में गिर रहे हैं और इससे तार टूट रहे हैं। इनको दुरुस्त करने में बिजली कर्मचारियों को घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है और इस दौरान लोगों को बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है।

निजी संपत्ति को भी नुकसान
सडक़ किनारे खोदाई के चलते जो पेड़ गिर रहे हैं, वह लोगों के लिए भी खतरा बन रहे हैं। इनके गिरने से भले ही अभी तक जान का नुकसान न हुुआ हो, पर माल का नुकसान तो हो ही रहा है। यह नुकसान उन लोगों को बेवजह उठाना पड़ रहा है, जिनके घरों या बाउंड्रीवाल पर यह पेड़ गि रहे हैं।
यह है रियलिटी

सीन-01
गांधी उद्यान से आनंद आश्रम रोड पर बीएसए ऑफिस के सामने वेडनेसडे हल्की बारिश और हवा के चलते एक पेड़े गिर गया। यह पेड़े यहां से गुजर रही हाईटेंशन लाइन पर गिरा और तार टूट गए। बारिश के बीच ही बिजली कर्मचारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने जान जोखिम में डालकर पेड़ को हटाया। इसके बाद उन्होंने क्षतिग्रस्त लाइन को ठीक किया। इसमें उन्हें घंटों मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान पूरे एरिया में बिजली कटौती की समस्या रही।

सीन-02
बिन तेज हवा और पानी के भी रोड किनारे के पेड़ गिर रहे हैं। बरेली क्लब के आगे इन दिनों स्मार्ट सिटी के तहत ही फूटपाथ और नाला बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए यहां कराई गई खोदाई से पेड़ की जडें भी कट गई। इनमें से ही एक पेड़ ट्यूजडे लेट नाइट किसी समय गिर गया। यह पेड़ क्लब की बाउंड्रीवाल पर गिरा और इससे कई फीट वॉल गिर गई। इसमें क्लब को अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ गया।

सीन-03
16 जुलाई को मौसम का मिजाज बदला और हवा के साथ बारिश की बौछार पड़ी। इससे स्टेडियम रोड पर डॉ। वीके खेतान हास्पिटल के सामने बड़ा पेड़े गिर गया। यह पेड़ भी यहां फूटपाथ निर्माण के लिए कराई गई खोदाई के चलते ही गिरा। पेड़े की चपेट में आने से बिल्डिंग का एक कोना और कांच टूट गया। गनीमत रही कि यह पेड़े पूरी तरह उनकी बिल्डिंग पर नहीं गिरा। अगर पेड़ बिल्डिंग पर गिरता तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।

फैक्ट फाइल
973 पेड़ स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों की भेंट चढ़े
938 पेड़ प्रत्यारोपण के लिए किए गए थे चिह्नित
42.71 लाख पौधरोपण का इस वर्ष है लक्ष्य