- बरेली कॉलेज में तीन दिवसीय अंतर महाविद्यालीय रोवर्स-रेंजर्स समागम का दूसरा दिन

- नारी शक्ति नाट्य मंचन ने सामाजिक कुरीतियों पर किया प्रहार

बरेली : बरेली कॉलेज में संडे की शाम बेहद खास रही। एक तरफ गीत-संगीत और नृत्य की खूबसूरती देखने को मिली तो दूसरी ओर नाट्य मंचन के जरिए कई सामाजिक कुरीतियों पर छात्र-छात्राओं ने प्रहार किया। मौका था तीन दिवसीय अंतर महाविद्यालीय रोवर्स-रेंजर्स समागम का। कई कॉलेजों से जुटी टीमों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हर किसी का दिल जीत लिया।

बरेली कॉलेज की छात्राओं ने नारी शक्ति का नाट्य मंचन किया। इसमें कन्या भ्रुण हत्या, दहेज प्रथा, बेटियों को शिक्षा से रोकना, छेड़खानी और एसिड अटैक जैसे कुरीतियों पर प्रहार किया। दिल को छू लेने वाले इस नाट्य मंचन ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। छात्रा अलका मिश्रा, अलीशा मंसूरी, नेहा शर्मा, नीरज, प्रियांशी शर्मा, रेनू, कंचन यादव और बैजंती ने इसे पेश किया। इसके बाद मौका था नृत्य का। साहू राम स्वरुप महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने खूबसूरत अंदाज में कश्मीरी नृत्य पेश कर लोगों का दिल जीत लिया। इसके पहले छात्र-छात्राओं ने खूबसूरत अंदाज में लोकगीत, लोक नृत्य पेश किया। कार्यक्रम का शुभारंभ एडीएम सिटी वीके सिंह ने किया। विशिष्ट अतिथि स्काउट एंड गाइड के चीफ कमिश्नर हरिओम मिश्र रहे। अध्यक्षता प्रबंध समिति के सचिव देवमूर्ति ने की। समारोह में प्राचार्य डॉ। अनुराग मोहन, कॉलेज के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की अध्यक्षता डॉ। पूर्णिमा अनिल, समागम की संयोजिका डॉ। नीरजा अस्थाना, डॉ। नवनीत कौर, डॉ। स्वदेश सिंह, डॉ। आलोक खरे, डॉ। यशार्थ, डॉ। अंकुर, डॉ। शैलेंद्र आदि मौजूद रहे।

सुबह योगा, घायल को बचाने की कला सीखा

समागम के दूसरे दिन की शुरूआत छात्रों के कैंप के निरीक्षण से हुई। विशेषज्ञों ने कैंप की साफ-सफाई, रखरखाव आदि की व्यवस्था परखी। इसके बाद छात्रों को योग कराया गया। फिर फ‌र्स्ट एड बॉक्स देखा गया और घायल मरीजों की मदद करने का तरीका विशेषज्ञों ने देखा। समागम की संयोजिका डॉ। नीरजा अस्थाना ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और रोवर्स-रेंजर्स के दायित्व की जानकारी दी।

शिक्षकों ने सुनाए गाने, किया डांस

देर शाम कैंप फायर के बाद शिक्षकों ने भी अपने सांस्कृतिक हुनर का परिचय दिया। डॉ। पूर्णिमा अनिल ने जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम, वो फिर नहीं आते गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद शिक्षकों ने नृत्य भी किया।