बरेली(ब्यूरो)। जिला अस्पताल की बात करें तो न यहां पर पर्याप्त चिकित्सक ही है, न ही दवाएं ही पेशेंट्स को मिल पा रही हैं। ऐसे में प्रतिदिन जाने कितने पेशेंट्स का यहां सेे बैैरंग वापस लौटना पड़ता है। सरकारी दवाओं की सप्लाई ड्रग वेयर हाउस करता है। जिला अस्पताल में जरूरी दवाओं की सूची में 284 दवाएं हैं, लेकिन यहां पर केवल 217 दवाएं ही उपलब्ध हैं। 67 दवाओं की अभी भी कमी चल रही है। इसमें से कुछ दवाओं को छोड़ दे तो अधिकांश दवाएं महीनों से नहीं है। वजह बताई गई कि, वेयर हाउस इनकी सप्लाई नहीं कर रहा है। इन दवाओं में सेफ्ट्राक्सजोन एक ग्राम, 250 एमजी, इंजेक्शन सेफोटाक्टसिम एक ग्राम और 250 एमजी, इसी तरह से सिटराजिन दस एमजी, लीयो सिटराजीन दस एमजी, एलेग्रा 50-150 एमजी, क्लोटाइमाजोल, बीबी लोशन आदि नहीं हैं। जबकि बारिश के बाद वायरल, बैक्टीरियल और स्किन की बीमारियां तेजी से फैलती हैं। इसके बाद भी इनकी दवाओं की जिला अस्पताल में कमी चल रही है। हालांकि डॉक्टर मरीजों को दवाएं लिख रहे हैं, लेकिन मरीजों को असल में जिन दवाओं की जरूरत है वो उन्हें नहीं मिल रही। जिला अस्पताल के अधिकारियों का कहना हैं कि जिन बीमारियों के यहां पर डॉक्टर नहीं हैं, वे उनकी दवाएं नहीं मंगाते। क्योंकि जब डॉक्टर ही नहीं हैं तो उन दवाओं को लिखेगा कौन। मंगवाने के बाद वह मरीजों को बिना बांटे ही एक्सपायर हो जाएंगी। इस कारण उन दवाओं को मंगाया ही नहीं जाता। सिर्फ वे ही दवाएं आती हैं, जिनके डॉक्टर यहां पर हैं। जिला अस्पताल में दिल, दिमाग, छाती आदि के डॉक्टर ही नहीं हैं। बताया जा रहा है कि जिन दवाओं की जरूरत हैं, उन दवाओं को आर्डर किया जाता है। मगर वेयर हाउस से उनकी आपूर्ति नहीं कर रहा है। वजह क्या है इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में मरीजों को सही दवाएं नहीं मिल रही।

वर्जन
दवाओं की कमी चल रही है। जो दवाएं ऑर्डर की जाती हैं, वो नहीं मिल पा रहीं। वर्षा के मौसम में सबसे जरूरी जो लोशन होता है, उसकी सप्लाई भी कई महीनों से नहीं हुई है। हालांकि हमारे डॉक्टर मरीजों को बिना दवा के नहीं लौटने देते, जो दवाएं नहीं हैं, उनकी जगह दूसरी दवाएं दी जाती हैं, जो उस बीमारी में कारगर हों। बाकी जो दवाएं ज्यादा जरूरी होती हैं, उनकी हम लोकल खरीद भी कर लेते हैं। एनेस्थीसिया की दवाएं तो लोकल ही खरीदी जाती हैं।
- डॉ। मेघ सिंह, एडीएसआईसी