यह भी जानें

-2011 में बनाई संस्था

-200 से ज्यादा बेटियों की कर चुकी हैं हेल्प

-5-7 बेटियों का उठा रहीं खर्च

-7 थर्ड जेंडर संस्था में कर रहे काम

-सालों से बेटियों की हेल्प कर रहे थर्ड जेंडर, अब संस्था बनाकर कर रहे काम

-बेटा पैदा होने या उनकी शादी पर मिलने वाले शगुन को जरूरतमंद बेटियों पर करती हैं खर्च

हृदेश पांडेय: आपने शादी समारोह, बर्थडे पार्टी और बच्चों के जन्म के समय किन्नर यानि थर्ड जेंडर्स को बधाई लेते तो बहुत बार देखा और सुना होगा लेकिन यहां हम आपको ऐसे थर्ड जेंडर के बारे में बता रहे हैं जो अब सिर्फ बधाई नहीं लेती बल्कि बरेली में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की अलख जगा रहे हैं। मतलब, ये शहर में लोगों को बेटियों को बचाने और उन्हें आगे बढ़ाने को अवेयर तो कर ही रहे हैं साथ ही पांच-सात लड़कियों की जिम्मेदारी भी उठा रही हैं जिनका रहना, खाना और पढ़ाई का खर्च भी दे रहे हैं। इतना ही नहीं ये थर्ड जेंडर अभी तक 200 से ज्यादा बेटियों की फाइनेंशियली हेल्प कर चुकी हैं। ये थर्ड जेंडर किसी मिसाल से कम नहीं हैं।

ऐसे आया आइडिया

बरेली के सीबीगंज में रहने वाली सरोज थर्ड जेंडर हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी टोली के साथ लोगों के घरों में बेटा या बेटी होने पर बधाई लेने जाते थे। तभी उन्होंने गौर किया कि लोग बेटा होने पर तो खुशी-खुशी शगुन दे देते थे लेकिन बेटी होने पर नाखुश होते थे और बेमन से शगुन देते थे। साथ ही ताना भी मारते थे कि खर्चा बढ़ जाएगा अब तो। तभी से उनके मन में बेटियों के लिए कुछ करने का विचार आया। शुरुआत में तो उन्होंने अकेले ही काम किया लेकिन बाद में उनकी टोली के साथी भी उनके साथ जुड़ गए।

बेटी होने पर नहीं लेतीं शगुन

सरोज ने बताया कि अब वह और उनकी टोली बेटी पैदा होने पर शगुन नहीं लेती हैं। बस उसे आर्शीवाद देती हैं। यहां तक कि शादी समारोह में भी सिर्फ लड़के वालों से ही शगुन लेती हैं। वहीं लड़के की शादी में या बेटा पैदा होने पर जो भी शगुन मिलता है, वो उसे जरूरतमंद बेटियों की पढ़ाई, रहना-खाना, कपड़े और उनके इलाज पर खर्च करती हैं।

हेल्प को बनाई संस्था

बेटियों की हेल्प करने के लिए सरोज ने साल 2011 में 'कन्या सुरक्षा विकास समिति' के नाम से एक संस्था बनाई, जिसकी वह अध्यक्ष हैं। संस्था में संजना, रेखा, पूनम, छोटी, शीतल, मुस्कान और लवली आदि को भी जोड़ा है जो उनकी हेल्प करती हैं। संस्था के जरिए वे बेटियों को ही आगे बढ़ाने के लिए काम करती हैं।

बेटियों को सक्षम बनाना ऐम

सरोज ने बताया कि वह और उनकी टीम बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। इससे उन्हें काफी खुशी और सुकून मिलता है। बताया कि वह आगे भी बेटियों की हेल्प करती रहेंगी। वह चाहती है कि बेटियां सक्षम और आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए वह और उनकी टीम हमेशा तैयार हैं।

बेटियों से करें बेटों जैसा व्यवहार

सरोज का कहना है कि वह समाज के लिए एक ही मैसेज देना चाहती है कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती हैं। जो लोग बेटियों को बेटों से कम समझते हैं, वह समझदार बनें और बेटियों से भी बेटों जैसा व्यवहार करें। कहीं पर कोई जरूरतमंद बेटी है तो उसकी हेल्प के लिए वह हमेशा तैयार हैं।

अभियान का बनीं हिस्सा

शहर में सालों से जरूरतमंद बेटियों के लिए काम करने की जानकारी जब महिला एवं बाल कल्याण विभाग की डिप्टी सीपीओ नीता अहिरवार को मिली तो वह भी सरोज और उनकी टीम से मिलीं। उन्होंने सरोज के काम की सराहना की और उन्हें उनकी टीम के साथ सम्मानित भी किया। वहीं गवर्नमेंट की तरफ से शुरू किए गए अभियान 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' से भी जोड़ा है। सरोज का कहना है कि उन्हें खुशी है कि यूपी सरकार के अभियान से जुड़कर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मुहिम को आगे बढ़ाने का काम मिला है।